हजारीबागः जिला में छात्र इन दोनों राज्य सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. छात्रों ने भाजपा नेता प्रदीप प्रसाद के साथ विरोध मार्च निकाला. छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाया कि बिना सोचे समझे हड़बड़ी में परीक्षा का आयोजन कर दिया गया. अगर परीक्षा सभी जिले में आयोजित की जाती तो छात्र अपने ही गृह जिला में परीक्षा देते और इस तरह की भगदड़ की स्थिति नहीं बनती.
छात्रों का कहना है कि हजारीबाग में प्रत्येक दिन 6000 से अधिक अभ्यर्थी दौड़ रहे हैं. ये अभ्यर्थी रात के 12:00 से ही लाइन में लग जा रहे हैं. ऐसे में छात्र की शारीरिक स्थिति भी बिगड़ जा रही है और खराब स्थिति में ही दौड़ रहे हैं. जिससे सैकड़ों की संख्या में छात्र बीमार पड़े हैं. राज्य भर में आठ छात्रों की मौत हो गई है. छात्रों ने इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद किया है. विरोध मार्च के दौरान छात्रों के हाथों में मशाल और सरकार विरोधी तख्ती भी थी. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रतिरात्मक अर्थी भी इस दौरान बनाई गयी.
भाजपा नेता प्रदीप प्रसाद ने कहा कि सरकार की नीति के कारण घर का चिराग बुझ रहा है. अभी भी 3 दिन का परीक्षा बाकी है ऐसे में उन्हें समझना चाहिए. प्रदीप प्रसाद का यह भी कहना है भादो के महीने में गर्मी अधिक रहती है. यह जानलेवा भी होती है. उस दौरान दौड़ का आयोजन नहीं होना चाहिए. उन्होंने अपने निजी कोष से एक लाख रुपया मदद की राशि परिवार को देने की बात कही है. वहीं युवाओं से अपील की है अपने सामर्थ्य के अनुसार 1 रुपया से लेकर जहां तक सामर्थ्य है वह परिवार को मदद करें. क्योंकि पीड़िता परिवार बेहद गरीब है. उन्होंने इसके लिए क्यूआर कोड भी जनरेट किया है.
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