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बिहार में नजर आएगा हजारीबाग का चिप्स मॉडल, स्टार्टअप से शुरू हुई फैक्ट्री ने लिया बड़ा आकार! - Startup chips model

Bihar minister inspected chips factory. हजारीबाग में स्टार्ट अप द्वारा चल रही चिप्स की फैक्ट्री आज एक बड़ा आकार ले चुका है. इसकी बानगी ऐसी की बिहार सरकार के एक मंत्री ने पिछले दिनों इसका निरीक्षण किया और इस मॉडल को बिहार में अपनाने की बात कही.

Hazaribag startup chips factory model will be seen in Bihar
हजारीबाग के चिप्स फैक्ट्री की निरीक्षण करते बिहार के मंत्री (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 3, 2024, 12:44 PM IST

हजारीबागः एक छोटा सा शहर आज अपनी पहचान दूर तलक तक बनाने को आतुर है. एक छोटा सा स्टार्टअप आज विशाल कंपनी का रूप ले लिया है. जिसका बनाया हुआ उत्पाद सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेश तक पहुंच रहा है.

बिहार में नजर आएगा हजारीबाग का चिप्स मॉडल! (ETV Bharat)

आलम यह है कि बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री भी इस तरह का फैक्ट्री बिहार में खोलने की मंशा बना रहे हैं. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा सके और राज्य का पहचान कोने-कोने तक पहुंचे. हजारीबाग डेमोटांड़ स्थित सिद्धि दात्री आहार प्राइवेट लिमिटेड चिप्स बनाता है. जिसका स्वाद आज कोने कोने के लोग चख रहे हैं.

हजारीबाग एक छोटा सा शहर है जिस शहर को राजनीतिक दृष्टिकोण से यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा ने पूरे देश में पहचान दी. अब इसकी पहचान चिप्स बनाने में पूरे देश भर में हो रही है. हजारीबाग डेमोटांड़ स्थित सिद्धि दात्री आहार प्राइवेट लिमिटेड चिप्स का उत्पादन करता है. जो देश के 16 राज्य और पड़ोसी देशों को निर्यात करता है लगभग एक दर्जन से भी अधिक चिप्स एवं अन्य उत्पाद इस फैक्ट्री में बनाया जाता है देश ही नहीं विदेश से भी लोग यहां इस फैक्ट्री का अवलोकन करने पहुंचते हैं.

इसी क्रम में 28 अगस्त को बिहार सरकार में गन्ना मंत्री उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान भी पहुंचे. वे फैक्ट्री देखकर बोले कि पहली बार ऐसा फैक्ट्री देखी है. एक छोटे से शहर में 300 से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. जिस उम्र में युवक नौकरी के लिए दर-दर भटकते हैं. उस उम्र के संगीत सोनल ने लोगों को नौकरी देने का काम किया है. युवाओं को इनसे प्रेरणा लेना चाहिए. प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर का जिक्र किया था और वह हजारीबाग में चरितार्थ हो रहा है.

फैक्ट्री के संचालक सोनल संगीत बताते हैं कि बहुत ही परिश्रम के साथ इस फैक्ट्री की नींव रखी गई. जब पूरा विश्व कोरोना की चपेट में था उसे वक्त 2020 में फैक्ट्री में महज 15 टन के प्रोडक्शन के साथ शुरू किया गया. जो आज के समय 4 साल के अंदर 550 टन का उत्पादन कर रहा है. स्थानीय किसान से आलू की खरीदारी होती है. महिला सशक्तिकरण की दृष्टिकोण से काम किया जा रहा है. 60% महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि हजारीबाग की अपनी कंपनी किनमीन नाम से उत्पाद बाजार में हैं. लोग इसका स्वाद भी चख रहे हैं. लेकिन बहुत कम ही लोगों को पता है कि वह हजारीबाग के डेमोटांड़ में बन रहा है. इसकी चर्चा होती है तो बेहद खुशी मिलती है. उन्होंने कहा कि पिता स्वर्गीय सुनील सिन्हा का अधूरा सपना आज पूरा करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

इसे भी पढे़ं- हजारीबाग के गांव की ऑडिट दीदी करती हैं करोड़ों का हिसाब, वोट मांगने के लिए इनकी चौखट पर पहुंच रहे उम्मीदवार - Damodar Mahila Mandal of Hazaribag

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इसे भी पढ़ें- कचरा बीनने वाली महिलाओं की बदल गई जिंदगी, जानें हर महीने कितना कमाती हैं - Rag Pickers Turned Entrepreneurs

हजारीबागः एक छोटा सा शहर आज अपनी पहचान दूर तलक तक बनाने को आतुर है. एक छोटा सा स्टार्टअप आज विशाल कंपनी का रूप ले लिया है. जिसका बनाया हुआ उत्पाद सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेश तक पहुंच रहा है.

बिहार में नजर आएगा हजारीबाग का चिप्स मॉडल! (ETV Bharat)

आलम यह है कि बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री भी इस तरह का फैक्ट्री बिहार में खोलने की मंशा बना रहे हैं. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा सके और राज्य का पहचान कोने-कोने तक पहुंचे. हजारीबाग डेमोटांड़ स्थित सिद्धि दात्री आहार प्राइवेट लिमिटेड चिप्स बनाता है. जिसका स्वाद आज कोने कोने के लोग चख रहे हैं.

हजारीबाग एक छोटा सा शहर है जिस शहर को राजनीतिक दृष्टिकोण से यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा ने पूरे देश में पहचान दी. अब इसकी पहचान चिप्स बनाने में पूरे देश भर में हो रही है. हजारीबाग डेमोटांड़ स्थित सिद्धि दात्री आहार प्राइवेट लिमिटेड चिप्स का उत्पादन करता है. जो देश के 16 राज्य और पड़ोसी देशों को निर्यात करता है लगभग एक दर्जन से भी अधिक चिप्स एवं अन्य उत्पाद इस फैक्ट्री में बनाया जाता है देश ही नहीं विदेश से भी लोग यहां इस फैक्ट्री का अवलोकन करने पहुंचते हैं.

इसी क्रम में 28 अगस्त को बिहार सरकार में गन्ना मंत्री उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान भी पहुंचे. वे फैक्ट्री देखकर बोले कि पहली बार ऐसा फैक्ट्री देखी है. एक छोटे से शहर में 300 से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. जिस उम्र में युवक नौकरी के लिए दर-दर भटकते हैं. उस उम्र के संगीत सोनल ने लोगों को नौकरी देने का काम किया है. युवाओं को इनसे प्रेरणा लेना चाहिए. प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर का जिक्र किया था और वह हजारीबाग में चरितार्थ हो रहा है.

फैक्ट्री के संचालक सोनल संगीत बताते हैं कि बहुत ही परिश्रम के साथ इस फैक्ट्री की नींव रखी गई. जब पूरा विश्व कोरोना की चपेट में था उसे वक्त 2020 में फैक्ट्री में महज 15 टन के प्रोडक्शन के साथ शुरू किया गया. जो आज के समय 4 साल के अंदर 550 टन का उत्पादन कर रहा है. स्थानीय किसान से आलू की खरीदारी होती है. महिला सशक्तिकरण की दृष्टिकोण से काम किया जा रहा है. 60% महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि हजारीबाग की अपनी कंपनी किनमीन नाम से उत्पाद बाजार में हैं. लोग इसका स्वाद भी चख रहे हैं. लेकिन बहुत कम ही लोगों को पता है कि वह हजारीबाग के डेमोटांड़ में बन रहा है. इसकी चर्चा होती है तो बेहद खुशी मिलती है. उन्होंने कहा कि पिता स्वर्गीय सुनील सिन्हा का अधूरा सपना आज पूरा करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

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