विकासनगर: हवलदार रमेश सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. पूरे सैन्य सम्मान के साथ आसन नदी के किनारे उनकी अंत्येष्टि की गई. रमेश सिंह 17 महार रेजिमेंट में तैनात थे, लेकिन उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया. जिसके चलते उनका दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. जहां इलाज के दौरान हवलदार ने दम तोड़ दिया.
17 महार रेजिमेंट में तैनात थे हवलदार रमेश सिंह: सेलाकुई के राजा रोड बहादुरपुर निवासी हवलदार रमेश सिंह का दिल्ली के आरआर अस्पताल में निधन हो गया था. उनके निधन की खबर से पूरे इलाके में शोक छा गया. उनका पार्थिव शरीर उनके आवास पहुंचा तो कोहराम मच गया. जहां उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. हवलदार रमेश सिंह 17 महार रेजिमेंट में तैनात थे.
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अपने पीछे छोड़ गए एक बेटा और दो बेटियां: हवलदार रमेश सिंह के बड़े भाई जीत सिंह भी भूतपूर्व सैनिक हैं. उन्होंने बताया कि 2 साल पहले रमेश सिंह का ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ था. जिसके बाद से उनका इलाज चल रहा था. दिल्ली के आरआर अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. हवलदार रमेश सिंह 42 साल के थे. वो 22 साल की सर्विस कर चुके थे. वो अपने पीछे एक बेटा और दो बेटियों को छोड़ गए हैं.
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जब उनका पार्थिव शरीर पर लाया गया तो परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. पूरे क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया. वहीं, बुधवार को आसन नदी किनारे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. विकास नगर उपजिला अधिकारी विनोद कुमार, तहसीलदार जीडी जोशी, विधायक प्रतिनिधि अनिल नौटियाल, भूतपूर्व सैनिक जन कल्याण समिति के अध्यक्ष निरंजन सिंह चौहान समेत सेना जवानों ने हवलदार रमेश सिंह को पुष्प चक्र देकर श्रद्धांजलि अर्पित की.
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