लोहाघाट: 19 जुलाई को भारत पाकिस्तान बॉर्डर कच्छ में डयूटी के दौरान शहीद बीएसएफ के हवलदार का पार्थिव शरीर लोहाघाट के मल्ला पाटन पहुंचा. शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिवार में कोहराम में मच गया. सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ ऋषेश्वर श्मशान घाट में हवलदार दयाल राम को अंतिम संस्कार किया गया.
बीते 19 जुलाई को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा भुज (गुजरात) में पेट्रोलिंग के दौरान अत्यधिक गर्मी और डिहाइड्रेशन की चपेट में आने से लोहाघाट के मल्ला पाटन निवासी बीएसएफ के हवलदार दयाल राम का निधन हो गया था. सोमवार को बीएसएफ जवान शहीद के पार्थिव शरीर को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनके आवास पर लाया गया. जब तिरंगे में लिपटा हुआ शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो चीख पुकार मच गई. उनकी पत्नी , तीनो बच्चों व परिजनों सहित सभी लोगों का रो-रो कर बुरा हाल था. अंतिम यात्रा में जब तक सूरज चांद रहेगा दयाल राम तेरा नाम रहेगा के नारे गूंजता रहा.
गुजरात और दिल्ली से आए बीएसएफ की टुकड़ी ने अंतिम सलामी दी. दिल्ली से आए बीएसएफ के कमांडेट एमके नेगी, आईटीबीपी की 36 वीं वाहिनी कमांडेट धर्मपाल सिंह रावत, तहसीलदार जगदीश नेगी,थाना निरीक्षक अशोक कुमार आदि ने पुष्प चक्र अर्पित किए. चिता को मुखाग्नि दीवान विश्वकर्मा और नवीन विश्वकर्मा ने दी. ग्रामीणों ने कहा हमें गर्व भी है कि हवलदार दयाल राम ने देश की रक्षा के लिए ड्यूटी के दौरान अपनी शहादत दी है. हवलदार दयाल राम अपने पीछे तीन बच्चों व पत्नी को छोड़ गए हैं. जवान के शहीद होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है.