आगरा : हाथरस के सिकंराराऊ में सूटबूट वाले नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ से करीब 116 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद चर्चा में आए भोले बाबा के बारे में ईटीवी भारत की टीम ने चौंकाने वाली पड़ताल की है.
टीम मंगलवार देर रात शाहगंज थाना क्षेत्र के केदार नगर में पहुंची तो सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा की पूरी कहानी यहां के निवासियों ने बयां की. लोगों ने बताया कि करीब 15 से 18 साल पहले सूटबूट वाले बाबा उर्फ एसपी सिंह परिवार के साथ यहीं रहते थे. अनुयायी उनके आवास को बाबा की कुटिया कहते हैं. मगर, ये बाबा का सेफ हाउस है. आगरा से ही भोले बाबा ने भोले वाले अनुयायियों को जोड़कर अपना साम्राज्य खड़ा किया है.
कासगंज जिले की पटियाली तहसील के गांव बहादुरनगर निवासी सूरजपाल सिंह (एसपी सिंह) 17 साल पहले यूपी पुलिस में सिपाही थे. तब एसपी सिंह आगरा के शाहगंज में केदार नगर स्थित आवास में परिवार के साथ रहते थे. 17 साल पहले नौकरी छोड़कर एसपी सिंह बाबा बन गए और प्रवचन देने लगे. सूटबूट पहनकर प्रवचन देने के अनोखे अंदाज के कारण वे जल्दी ही चर्चा में आ गए. धीरे धीरे एसपी सिंह को लोग नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के नाम से पुकारने लगे. फिलवक्त यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं.
सुबह शाम नमन और सत्संग करते हैं लोग
ईटीवी भारत से बातचीत में केदारनगर के लोगों ने बताया कि जब एसपी सिंह उर्फ भोले बाबा पुलिस में नौकरी करते थे तो यहीं पर रहते थे. तब ये मकान पूरा भी नहीं बना था. इसी मकान के आसपास के लोग ही भोले बाबा के पहले अनुयायी बने. इसके बाद मकान पर सत्संग सुनने के लिए काफी लोग पहुंचने लगे. भोले बाबा के अनुयायियों में अशिक्षित व कम पढ़े-लिखे ज्यादा हैं. इसी दौरान भोले बाबा ने घर के बाहर लगे हैडपंप का पानी पिलाकर लोगों को ठीक करने का दावा कर दिया. इसके बाद सुबह और शाम मकान के बाहर आसपास के साथ ही दूसरे जिलों से लोगों की भीड़ बढ़ने लगी. फिलवक्त बाबा यहां नहीं आते हैं. ऐसे में नमन, भजन, सत्संग और साफ सफाई स्थानीय अनुयायी करते हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में स्थानीय लोगों का भी दर्द छलक उठा. बोले सभी अपने अपने तरीके से भगवान की पूजा करते हैं. हम इसका विरोध नहीं करते हैं, मगर जब 15 साल से अधिक समय हो गया. भोले बाबा यहां पर नहीं आते हैं. इसके बाद ही हर दिन सुबह और शाम उनके पुराने मकान पर अनुयायी पहुंचते हैं. जिससे गली बंद हो जाती है. सत्संग के दौरान कई बार लोगों की बाइक और अन्य सामान भी चोरी हो जाता है.
भोले बाबा की भतीजी की मौत पर हुआ था हंगामा
केदारनगर निवासी पंकज ने बताया कि भोले बाबा उर्फ एसपी सिंह की कोई संतान नहीं है. उन्होंने अपनी भतीजी को गोद लिया था. जिसे कैंसर बताया गया था. भोले बाबा का दूसरे शहर में सत्संग था. जब वे लौट कर आए तो भतीजी की मौत हो गई. इस पर भी खूब चर्चा हुई थी. इस दौरान अनुयायियों ने मल्ल के चबूतरा पर खूब हंगामा किया था. अनुयायियों का दावा है कि बाबा ने भतीजी को जिंदा कर दिया. तब भोले बाबा को पुलिस लेकर गई थी और अनुयायियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा था. फिलहाल अब भी यहां अनुयायी आते हैं. यहां महिला श्रद्धालु अपनी साड़ी के पल्लू और लोग अपने अंग वस्त्रों से कुटिया का साफ करते हैं.