आगरा : हाथरस सड़क हादसे में आगरा जिले के खंदौली थाना क्षेत्र के गांव सैमरा में शुक्रवार देर रात तक एक के बाद 17 शव पहुंचे. गांव में चीख पुकार मच गई. गांव के मोहल्ला कारू में मुन्ना, लतीफ, बेदरिया, चुन्ना, और नूर मोहम्मद का आंगन छोटा पड़ गया. तंबू लगाकर शव रखे गए.
हादसे में किसी के सिर से पिता का साया उठा तो किसी की मांग का सिंदूर उजड़ गया. किसी के मासूम छिन गया तो किसी के परिवार में कोई बचा ही नहीं है. इस हादसे में 5 भाइयों का परिवार खत्म हो गया. मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल हैं.
हाथरस के सड़क हादसे में आगरा जिले के खंदौली थाना क्षेत्र के गांव सैमरा के पांच भाइयों का परिवार खत्म हो गया. शनिवार की दोपहर एक साथ 14 जनाजे निकले. जिससे देखकर हर किसी की आंख भर आई. सभी की जुबान पर यही था, या अल्लाह... ये क्या किया.
कब्रिस्तान में पति के पत्नी, बेटा, बेटियां, चाचा, ताऊ और बाबा सुर्पुद-ए-खाक किए गए. गांव के लोगों ने हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की. हादसे की खबर आते ही परिवार को सांत्वना देने के साथ ही अन्य व्यवस्था जुटाने में हिंदुओं ने मदद की.
बता दें कि, हादसे से शुक्रवार देर रात करीब ढाई बजे तक 17 शव गांव सैमरा में पहुंचे. जिससे गांव में चीख पुकार मच गई. मोहल्ला कारू में मुन्ना, लतीफ, बेदरिया, चुन्ना और नूर मोहम्मद का आंगन छोटा पड़ गया. इसके चलते सरकारी स्कूल के बाहर तंबू लगाकर शव रखे गए. हादसे में किसी के सिर से पिता का साया उठा तो किसी की मांग का सिंदूर उजड़ा तो किसी के मासूम छिन गए. किसी के परिवार में कोई बचा ही नहीं हैं. शुक्रवार देर रात से ही गांव में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी डेरा डाले हैं.
टेलर लगाकर सिले गए कफन: गांव सैमरा में हाथरस में हादसे के बाद से ही कोहराम मच हुआ है. गांव से दो शव आंवल खेड़ा गए. जबकि, एक शव फिरोजाबाद गया है. जो नसीम के परिवार की बेटियां और अन्य रिश्तेदार के थे. गांव में 14 शव थे. सभी को सुपुर्द ए खाक करने के लिए हिंदू और मुस्लिम परिवारों ने मिलकर तैयारी की. शव अधिक होने की वजह से टेलर को बुलाया गया. उसने शव की नाप लेकर कफन सिले. अंतिम संस्कार की सभी रिवाज की गईं. इसके बाद शनिवार दोपहर एक साथ गांव सैमरा में 14 जनाजे निकले तो हर किसी की आंख भर आई.
पांच भाइयों का परिवार था पिकअप में सवार: खंदौली थाना का गांव सैमेरा मिश्रित आबादी का है. गांव में नसीम अली का सबसे बडा परिवार है. नसीम अली के पांच बेटे मुन्ना, लतीफ, बेदरिया, चुन्ना, और नूर मोहम्मद हैं. जो आसपास ही मोहल्ला कारू में रहते हैं. हादसे ने सभी को हिला कर रख दिया है. हादसे की खबर आते ही मोहल्ले में मातम छा गया. हर तरफ चीत्कार मच गई. हर आंख में आंसू थे. किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक साथ गांव से 14 जनाजे उठेंगे.
पिकअप से चालीसवें में गए थे सभी: नसीम के बेटा बेदरिया की बेटी असगरिया का निकाह हाथरस के सासनी क्षेत्र स्थित गांव मुकुंदखेडा में हुआ है. असगरिया की दादी सास के चालीसवें में पूरा परिवार शुक्रवार दोपहर एक बजे सैमरा से पिकअप से गया था. जिसमें मुन्ना, लतीफ, बेदरिया, चुन्ना, और नूर मोहम्मद के साथ ही उनके बेटे, बहू और पौत्र व बेटियां सभी चालीसवें में मुकुंदखेड़ा के लिए गए थे. घर पर अकेला बेदरिया का बेटा सोनू रुका था. लतीफ ने शाम छह बजे फोन कर सोनू को हाथरस में दुर्घटना की जानकारी दी तो गांव में कोहराम मच गया.
हादसे में इन लोगों की हुई मौत
- इरशाद पुत्र बेदरिया, खान 26 वर्ष.
- छोटे पुत्र बेदरिया खान, 30 वर्ष.
- मुन्ना पुत्र नसीब अली, 45 वर्ष.
- मुस्कान पुत्री नूर मोहम्मद, 19 वर्ष.
- भोला पुत्र नूर मोहम्मद, 22 वर्ष.
- हामिद उर्फ टल्ली पुत्र चुन्ना, 27 वर्ष.
- तबस्सुम पत्नी टल्ली, 25 वर्ष.
- नजमा पत्नी आबिद, 27 वर्ष.
- खुशबू पत्नी हाशिम, 27 वर्ष.
- जमील पुत्र गनी मोहम्मद, 45 वर्ष.
- अयान पुत्र हाशिम, 2 वर्ष.
- सुफियान पुत्र हामिद, 2 वर्ष.
- शोएब पुत्र हामिद, 4 वर्ष.
- अलफेज पुत्र सोनू, 11 वर्ष.
- अप्पी, 02 साल.
- गुलशन, 15 साल.
- इशरत पुत्र मुशीर खान, 56 वर्ष.
एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में आठ भर्ती: टेढ़ी बगिया निवासी मोहम्मद अनवार ने बताया कि, मेरी भतीजी के शौहर की हादसे में मौत हुई है. हादसे की सूचना पर मैं मौके पर हाथरस गया था. मृतक और घायलों की पहचान करना मुश्किल हो रहा था. अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज से आठ घायल को परिजन आगरा रैफर करा लाए. इन सब आठ घायलों का उपचार एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में चल रहा है. सभी की हालत गंभीर बनी हुई है.
मोहल्ले में नहीं जले चूल्हे: गांव सैमरा में शुक्रवार शाम छह बजे ही हादसे की सूचना मिली गई थी. एक ही मोहल्ले के पहले 15 लोगों की मौत की खबर मिली थी. इस वजह से मोहल्ले में चीख पुकार मची हुई थी. हर कोई रो रहा था. मोहल्ले में चूल्हे नहीं जले. पड़ोसी और ग्रामीण मृतकों के परिजन को समझाने और ढांढस बंधाने में लगे हुए थे.
कैसे करूं सब्र...लुट गया सब कुछ: हाथरस सडक हादसे में पांच भाइयों के परिवार के 16 लोग दुनिया से चले गए. गांव सैमरा में मातम पसरा है. जब शव गांव में पहुंचे तो परिजन उनका चेहरा देखते ही बिलख उठे. बोले... या अल्लाह... ये क्या हुआ... मेरा सब कुछ उजड़ गया.
मनरेगा मजदूरों ने खोदी कब्रें: प्रधान संदीप दिवाकर ने बताया कि, कब्रिस्तान में कब्रें खोदने और अन्य काम के लिए मनरेगा मजदूरों को लगवाया. ऐसे में मनरेगा मजदूरों में कई हिंदू भी शामिल थे जिन्होंने कब्रें खोदीं. जनाजे में हिंदू शामिल हुए. सभी ने कब्रिस्तान तक सभी को अंतिम विदाई दी.
दुख की घड़ी में हम सब एक: रवि परमार ने बताया कि, ये दुखद हादसा है. पूरे गांव और क्षेत्र में गम का माहौल है. सभी को दुख है. हिंदू और मुस्लिम सभी लोग यहां पर व्यवस्था में लगे हुए हैं. भले ही गांव में पांच साल पहले सांप्रदायिक बवाल हुआ था. मगर, अभी इस दुख की घड़ी में सभी एक हैं. दलवीर राठौर ने बताया कि, जैसे ही एक ही परिवार के लोगों की हादसे में मौत की खबर मिली तो सभी लोग एकजुट होकर मोहल्ला में पहुंचे. देवेंद्र सिंह ने बताया कि मेरा पड़ोस में ही गांव हैं. भले ही मुस्लिम परिवार के लोग यहां पर एक साथ मरे हैं. सभी की संवेदना परिवार से है.
केंद्र और प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद दी: कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि, ये दुखद घटना है. इसमें एक ही परिवार के 14 लोगों की मौत हुई है. सरकार परिवार के साथ है. सीएम योगी के आदेश पर में आगरा आया हूं. सीएम योगी के प्रतिनिधि के तौर पर यहां पर आया है. प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने हर मृतक आश्रित को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद के आदेश दिए हैं. घायलों को 50 हजार रुपए दिए हैं. केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि, केंद्र और प्रदेश सरकार इस दुख की घड़ी में परिवारों के साथ है. केंद्र और प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद का एलान किया है. पुलिस और प्रशासन को इस बारे में ध्यान देना चाहिए. क्योंकि, ये पिकअप माल ढोने के लिए हैं. मगर, ये वाहन सवारियां ढो रहे हैं. इस ओर ध्यान दें.
फिरोजाबाद में मंत्री जयवीर सिंह ने परिजनों को सौंपे चेक
वहीं हाथरस हादसे में हुई 17 लोगों की मौत में एक मृतक फिरोजाबाद जिले का रहने वाला था. शनिवार को योगी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने स्थानीय विधायक और अधिकारियों के साथ मृतक के घर पहुंचे. जहां उन्होंने मृतक की पत्नी को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक सौंपे. यह आर्थिक मदद यूपी की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से दी गयी है.