चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस की राज्य अपराध शाखा ने एक बड़े संगठित अपराध नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए फर्जी कंपनियों के माध्यम से विदेशों में अवैध रूप से रुपये भेजने वाले सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने व्यापारिक लेनदेन की आड़ में अवैध रूप से लगभग 700 करोड़ रुपये विदेशी बैंक खातों में ट्रांसफर किए थे.
ठगी गिरोह का भंडाफोड: 18 मार्च 2024 को पुलिस को संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के बारे में शिकायत मिली थी. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध शाखा और गुरुग्राम के पुलिस उपायुक्त नितीश अग्रवाल के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का निर्देश दिया. पुलिस जांच के दौरान, ये पता चला कि आरोपियों ने अवैध लेनदेन करने के लिए 'डमी निदेशकों' के नाम से व्यवस्थित रूप से फर्जी कंपनियां बनाई थीं.
इन फर्जी निदेशकों ने बैंक अधिकारियों के सहयोग से बैंक खाते खोले, आवश्यक ई-केवाईसी औपचारिकताएं पूरी की, जबकि आरोपियों ने एटीएम कार्ड, नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल और पंजीकृत मोबाइल सिम सहित इन खातों पर नियंत्रण बनाए रखा.
फर्जी तरीके से विदेश भेजते थे रुपये: इन डमी के नाम पर गलत तरीके से पंजीकृत कंपनियां गुजरात और मुंबई बंदरगाहों के माध्यम से आयात और निर्यात संचालित करती थीं, विदेशी कंपनियों के साथ व्यापारिक लेनदेन का दावा करती थीं. बाजार दरों से कहीं अधिक कीमत बढ़ाकर, आरोपियों ने बड़ी मात्रा में धन विदेश भेजा और अवैध रूप से हस्तांतरित प्रत्येक डॉलर पर भारी कमीशन कमाया.
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम: हरियाणा पुलिस के मुताबिक गिरोह ने फर्जी बिक्री और खरीद दिखाकर फर्जी कंपनी खातों में धनराशि स्थानांतरित की. इन रुपयों को डॉलर में बदलकर बड़े खातों में लेनदेन किया गया, जिन्हें बाद में विदेशी कंपनियों के खातों में भेजा गया. दस्तावेजों के अनुसार, आरोपियों ने विदेशी कंपनियों से सामान किराए पर लिया और उन्हें खरीदे गए सामान के रूप में दर्ज किया, इन सामानों को आयात किया और बाद में बिना कोई भुगतान प्राप्त किए उन्हें फिर से निर्यात कर दिया.
पुलिस ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार: पकड़े जाने से बचने के लिए, आरोपियों ने प्रत्येक कंपनी के लिए अलग-अलग पते, बैंक रिकॉर्ड और आयात-निर्यात दस्तावेज बनाए, जिससे राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), सीमा शुल्क, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जीएसटी जैसे अधिकारियों के लिए विसंगतियों को ट्रैक करना चुनौतीपूर्ण हो गया. गिरफ्तार किए गए 7 लोगों में से तीन दिल्ली से हैं, जबकि अन्य देहरादून, झज्जर, सोनीपत और फरीदाबाद से हैं.
बड़ी मात्रा में जाली दस्तावेज बरामद: एसआईटी ने पांच आरोपियों के खिलाफ व्यापक आरोप पत्र दायर किया है. छापेमारी के दौरान पुलिस ने बड़ी मात्रा में जाली दस्तावेज, 26 मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंपनी की मोहरें और अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए. गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक के खिलाफ पहले भी हत्या और गंभीर नुकसान के मामले दर्ज हैं. हरियाणा पुलिस की विशेष जांच टीम इस नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने और आगे की अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में मामले की जांच जारी रखे हुए है.
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