करनाल: हरियाणा पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने लोकसभा चुनाव के दौरान वोट फॉर पेंशन अभियान के तहत करनाल में एक सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली योजना (ओपीएस) के मुद्दे को मजबूती से उठाना और वोट फॉर ओपीएस का प्रत्येक गांव और बूथ स्तर पर सफल संचालन सुनिश्चित करना रहा. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा "हरियाणा के लगभग 5 लाख कर्मचारियों का लोकसभा चुनाव में असर देखने को मिल सकता है. कर्मचारियों ने कहा कि जो पेंशन बहाल करेगा. वही प्रदेश में राज करेगा."
करनाल में हरियाणा पेंशन बहाली संघर्ष समिति की बैठक: हरियाणा के विभिन्न विभागों में जुड़े कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग लगातार करते हुए नजर आ रहे हैं. लोकसभा के बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव भी होना है. ऐसे में कर्मचारियों ने फैसला किया है कि अगर सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करती तो उन्हें चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग: हरियाणा पेंशन बहाली संघर्ष समिति के राज्य अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए हरियाणा के सभी विभागों के कर्मचारी 19 फरवरी 2023 को पंचकूला में और 11 फरवरी 2024 को जींद में खुले मंच से शपथ ले चुके हैं कि उनके परिवार और रिश्तेदार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की बहाली के लिए वोट करेंगे. राज्य अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि जैसे ही आदर्श चुनाव आचार संहिता देश और प्रदेश से समाप्त होगी. उसके तुरंत बाद एक बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी.
बीजेपी सरकार को दी चेतावनी: उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव तक चलने वाले आर पार के संघर्ष का आगाज होगा. इसमें संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेश के कर्मचारी सीधे तौर पर सरकार से टकराने का काम करेंगे. धालीवाल ने कहा कि हरियाणा में पुरानी पेंशन स्कीम के तहत लगभग 90 हजार कर्मचारी व 2 लाख 10 हजार नए कर्मचारी के साथ 2 लाख के करीब कच्चे कर्मचारी हैं. लगभग 5 लाख कर्मचारियों का वोट उस पार्टी को जाएगा, जो पुरानी पेंशन को बहाल करेगा.
धालीवाल ने कहा कि मुख्य विपक्ष ने हमें आश्वासन दिया है कि अगर उनकी सरकार आती है, तो कैबिनेट बनते ही पुरानी पेंशन बहाल कर दी जाएगी. हालांकि जेजेपी पार्टी के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी कर्मचारियों को पेंशन बहाली का लिखित रूप में आश्वासन दे चुके हैं.