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हरियाणा मेडिकल एसोसिएशन का बड़ा ऐलान, आयुष्मान और चिरायु कार्ड धारकों का नहीं होगा इलाज

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 17, 2024, 9:31 PM IST

Haryana Medical Association: हरियाणा मेडिकल एसोसिएशन ने राज्य के आयुष्मान कार्ड धारकों और चिरायु कार्ड धारकों को बड़ा झटका दिया है. अब निजी अस्पताल आयुष्मान और चिरायु कार्ड योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं करेंगे. एसोसिएशन का कहना है कि अस्पताल कर्ज में डूब रहे हैं. 300 करोड़ के बिल का भुगतान सरकार ने अभी तक नहीं किया है. विस्तार से खबर में समझे पूरा मामला

Haryana Medical Association Announcement
Haryana Medical Association Announcement

जींद: हरियाणा में मेडिकल एसोसिएशन की ओर से बड़ा ऐलान किया गया है. दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (हरियाणा आईएमए) ने एक पत्र जारी कर ऐलान किया है कि पूरे हरियाणा में आयुष्मान योजना से जुडे़ अस्पताल आयुष्मान और चिरायु कार्ड के लिए काम नहीं करेंगे. ऐसे में अब जरूरतमंद लोगों के सामने भारी परेशानी खड़ी हो गई है.

लाखों लोगों को बने हैं कार्ड: बात जींद जिले की करें तो कुल 11 अस्पताल सरकारी और 16 निजी अस्पताल आयुष्मान पैनल पर हैं. इन निजी अस्पतालों में प्रतिदिन करीब 80 ऑप्रेशन व अन्य ओपीड़ी होती है. जिले में सवा लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान व चिरायु कार्ड भी बने हुए हैं. अब निजी अस्पतालों ने करोड़ों रुपये का बकाया सरकार की तरफ होने के चलते उपचार के लिए अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में अब लोगों को समझ नही आ रहा है कि सरकार के आयुष्मान कार्ड का लाभ किस तरह उठाया जाए. वहीं, निजी चिकित्सकों का कहना है कि जब तक भुगतान नही किया जाता है, आयुष पैनल पर अस्पताल काम नहीं करेंगे.

हरियाणा में 300 व जींद में 6 करोड़ बकाया: आईएमए के प्रधान डा. मनोज ने बताया कि निजी अस्पतालों का पूरे हरियाणा का कुल 300 करोड़ रुपये का सरकार पर बकाया है. जबकि जींद के अस्पतालों का लगभग छह करोड़ है. जो कि पिछले चार-पांच महीनों से भुगतान नही किया गया है. भुगतान समय पर नहीं मिल पाने के चलते निजी अस्पतालों पर भी आर्थिक संकट आ गया है. जबकि सरकार से हुए समझौते के तहत इलाज किए गए पैसे का भुगतान ज़्यादा से ज़्यादा 15 दिनों के भीतर हो जाना चाहिए था.

कर्ज में डूबे अस्पताल: एक समस्या पहले से तय किए गए रेट के बावजूद बेवजह कटौती को लेकर भी है. इस बार की समस्या तो इतनी विकट हो चुकी है कि ज़्यादातर अस्पताल कर्ज में डूब गए हैं. पिछले छह साल से मरीज़ों के इलाज का रेट भी सरकार द्वारा बढ़ाया नहीं गया है. जबकि महंगाई के कारण इलाज का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अस्पतालों की ऐसी मजबूरियां हो गई हैं, कि वे पुराने रेट पर इलाज कर पाने में सक्षम महसूस नहीं कर रहे हैं.

मरीजों को हो रही असुविधा: डॉक्टरों की तीसरी मांग चिरायु कार्ड को लेकर है. उनका कहना है कि चिरायु कार्ड जिन लोगों का बनाया जा रहा है वे आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत मजबूत हैं. ऐसे में उनके इलाज का खर्च ज़्यादा देना चाहिए. क्योंकि आखिर सरकार भी तो उन मरीजों का कार्ड बनाने के पैसे ले रही है. इन परिस्थितियों में मरीजों की असुविधा के लिए अस्पतालों को खेद है.

ऑपरेशन नहीं होने पर लोग परेशान: जिला में आयुष्मान पैनल वाले निजी अस्पतालों में आयुष्मान व चिरायु कार्ड धारकों के ऑप्रेशन नहीं हुए तो वो इधर-उधर भटकते हुए नजर आए. आयुष्मान व चिरायु कार्ड धारक निजी अस्पतालों में पहुंचे तो लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. उपचार न किए जाने को लेकर चिकित्सकों ने खेद भी प्रकट किया. आईएमए जींद के प्रधान डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न अस्पताल पिछले कुछ वर्षों से सरकार द्वारा जनता को उपलब्ध करवाई गई.

300 करोड़ चुकाना बाकी है: आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान भारत के पैनल वाले अस्पताल अपने-अपने अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों में बिलों में भारी कटौती, देरी से भुगतान, नई योजनाओं का कार्यान्वयन न होना, डॉक्टर्स से परामर्श किए बिना चिरायु और चिरायु विस्तार को शामिल करना जैसी अनेक समस्याएं आ रही हैं. आईएमए हरियाणा के मीडिया सचिव डॉ. अजय गोयल ने बताया कि पूरे हरियाणा में करीब 300 करोड़ से अधिक राशि के बिल आयुष्मान के तहत सरकार के पास पैंडिंग हैं.

निजी अस्पताल नहीं करेंगे इलाज: जींद में 16 अस्पताल आयुष्मान भारत पैनल से जुड़े हैं, जिनके करीब छह करोड़ रुपये के बिल अब तक बकाया चल रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर्स के लिए अपने पास से मरीजों को लगातार सुविधा मुहैया करवाना मुश्किल हो गया है. समस्या को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समाधान नही हुआ है. इसलिए अब मजबूरी वश आईएमए हरियाणा के बैनर तले आयुष्मान सूचीबद्ध निजी अस्पतालों ने इस योजना के तहत काम बंद करने का फैसला लिया है. इस संबंध में सीईओ आयुष्मान भारत को पहले ही नोटिस दे दिया है.

जींद में आयुष्मान पैनल के सरकारी अस्पताल के नामों की लिस्ट:

⦁ सीएचसी कंडेला

⦁ नागरिक अस्पताल जींद

⦁ नाागरिक अस्पताल नरवाना

⦁ नाागरिक अस्पताल सफीदों

⦁ नाागरिक अस्पताल उचाना

⦁ सीएचसी अलेवा

⦁ सीएचसी जींद

⦁ सीएचसी खरकरामजी

⦁ सीएचसी उझाना

⦁ सीएचसी कालवा

⦁ सीएचसी जुलाना

जींद में आयुष्मान पैनल के निजी अस्पताल के नामों की लिस्ट

⦁ मीनीक्षा जैन अस्पताल

⦁ गोयल हड्डियों का अस्पताल

⦁ यूरो केयर अस्पताल

⦁ मित्तल आई अस्पताल

⦁ शर्मा आई अस्पताल

⦁ मेट्रो जींद अस्पताल

⦁ बाल धर्मार्थ अस्पताल

⦁ सर्वोदय अस्पताल

⦁ आस्था अस्पताल

⦁ जींद हार्ट अस्पताल

⦁ नारायणा अस्पताल

⦁ ऑस्कर हार्ट अस्पताल

⦁ श्री ज्ञानीराम मैमोरियल अस्पताल

⦁ सरस्वती आई केयर सेंटर मंगला अस्पताल

'अस्पतालों में उच्च स्तर की समस्या': नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान व चिरायु कार्ड के पात्र लोगों के ऑप्रेशन न किए जाने बारे उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान व चिरायु कार्ड धारकों के ऑप्रेशन किए गए हैं. आयुष पैनल के अस्पतालों की जो समस्या है, वो उच्च स्तर की है. उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का निदान हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: फायदे का सौदा है मधुमक्खी पालन, करोड़ों रुपये कमा रहा हरियाणा का ये किसान

ये भी पढ़ें: सड़क पर रहिए सावधान ! सरेराह महिला से चेन स्नैचिंग, CCTV की मदद से बदमाश अरेस्ट

जींद: हरियाणा में मेडिकल एसोसिएशन की ओर से बड़ा ऐलान किया गया है. दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (हरियाणा आईएमए) ने एक पत्र जारी कर ऐलान किया है कि पूरे हरियाणा में आयुष्मान योजना से जुडे़ अस्पताल आयुष्मान और चिरायु कार्ड के लिए काम नहीं करेंगे. ऐसे में अब जरूरतमंद लोगों के सामने भारी परेशानी खड़ी हो गई है.

लाखों लोगों को बने हैं कार्ड: बात जींद जिले की करें तो कुल 11 अस्पताल सरकारी और 16 निजी अस्पताल आयुष्मान पैनल पर हैं. इन निजी अस्पतालों में प्रतिदिन करीब 80 ऑप्रेशन व अन्य ओपीड़ी होती है. जिले में सवा लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान व चिरायु कार्ड भी बने हुए हैं. अब निजी अस्पतालों ने करोड़ों रुपये का बकाया सरकार की तरफ होने के चलते उपचार के लिए अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में अब लोगों को समझ नही आ रहा है कि सरकार के आयुष्मान कार्ड का लाभ किस तरह उठाया जाए. वहीं, निजी चिकित्सकों का कहना है कि जब तक भुगतान नही किया जाता है, आयुष पैनल पर अस्पताल काम नहीं करेंगे.

हरियाणा में 300 व जींद में 6 करोड़ बकाया: आईएमए के प्रधान डा. मनोज ने बताया कि निजी अस्पतालों का पूरे हरियाणा का कुल 300 करोड़ रुपये का सरकार पर बकाया है. जबकि जींद के अस्पतालों का लगभग छह करोड़ है. जो कि पिछले चार-पांच महीनों से भुगतान नही किया गया है. भुगतान समय पर नहीं मिल पाने के चलते निजी अस्पतालों पर भी आर्थिक संकट आ गया है. जबकि सरकार से हुए समझौते के तहत इलाज किए गए पैसे का भुगतान ज़्यादा से ज़्यादा 15 दिनों के भीतर हो जाना चाहिए था.

कर्ज में डूबे अस्पताल: एक समस्या पहले से तय किए गए रेट के बावजूद बेवजह कटौती को लेकर भी है. इस बार की समस्या तो इतनी विकट हो चुकी है कि ज़्यादातर अस्पताल कर्ज में डूब गए हैं. पिछले छह साल से मरीज़ों के इलाज का रेट भी सरकार द्वारा बढ़ाया नहीं गया है. जबकि महंगाई के कारण इलाज का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अस्पतालों की ऐसी मजबूरियां हो गई हैं, कि वे पुराने रेट पर इलाज कर पाने में सक्षम महसूस नहीं कर रहे हैं.

मरीजों को हो रही असुविधा: डॉक्टरों की तीसरी मांग चिरायु कार्ड को लेकर है. उनका कहना है कि चिरायु कार्ड जिन लोगों का बनाया जा रहा है वे आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत मजबूत हैं. ऐसे में उनके इलाज का खर्च ज़्यादा देना चाहिए. क्योंकि आखिर सरकार भी तो उन मरीजों का कार्ड बनाने के पैसे ले रही है. इन परिस्थितियों में मरीजों की असुविधा के लिए अस्पतालों को खेद है.

ऑपरेशन नहीं होने पर लोग परेशान: जिला में आयुष्मान पैनल वाले निजी अस्पतालों में आयुष्मान व चिरायु कार्ड धारकों के ऑप्रेशन नहीं हुए तो वो इधर-उधर भटकते हुए नजर आए. आयुष्मान व चिरायु कार्ड धारक निजी अस्पतालों में पहुंचे तो लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. उपचार न किए जाने को लेकर चिकित्सकों ने खेद भी प्रकट किया. आईएमए जींद के प्रधान डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न अस्पताल पिछले कुछ वर्षों से सरकार द्वारा जनता को उपलब्ध करवाई गई.

300 करोड़ चुकाना बाकी है: आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान भारत के पैनल वाले अस्पताल अपने-अपने अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों में बिलों में भारी कटौती, देरी से भुगतान, नई योजनाओं का कार्यान्वयन न होना, डॉक्टर्स से परामर्श किए बिना चिरायु और चिरायु विस्तार को शामिल करना जैसी अनेक समस्याएं आ रही हैं. आईएमए हरियाणा के मीडिया सचिव डॉ. अजय गोयल ने बताया कि पूरे हरियाणा में करीब 300 करोड़ से अधिक राशि के बिल आयुष्मान के तहत सरकार के पास पैंडिंग हैं.

निजी अस्पताल नहीं करेंगे इलाज: जींद में 16 अस्पताल आयुष्मान भारत पैनल से जुड़े हैं, जिनके करीब छह करोड़ रुपये के बिल अब तक बकाया चल रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर्स के लिए अपने पास से मरीजों को लगातार सुविधा मुहैया करवाना मुश्किल हो गया है. समस्या को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समाधान नही हुआ है. इसलिए अब मजबूरी वश आईएमए हरियाणा के बैनर तले आयुष्मान सूचीबद्ध निजी अस्पतालों ने इस योजना के तहत काम बंद करने का फैसला लिया है. इस संबंध में सीईओ आयुष्मान भारत को पहले ही नोटिस दे दिया है.

जींद में आयुष्मान पैनल के सरकारी अस्पताल के नामों की लिस्ट:

⦁ सीएचसी कंडेला

⦁ नागरिक अस्पताल जींद

⦁ नाागरिक अस्पताल नरवाना

⦁ नाागरिक अस्पताल सफीदों

⦁ नाागरिक अस्पताल उचाना

⦁ सीएचसी अलेवा

⦁ सीएचसी जींद

⦁ सीएचसी खरकरामजी

⦁ सीएचसी उझाना

⦁ सीएचसी कालवा

⦁ सीएचसी जुलाना

जींद में आयुष्मान पैनल के निजी अस्पताल के नामों की लिस्ट

⦁ मीनीक्षा जैन अस्पताल

⦁ गोयल हड्डियों का अस्पताल

⦁ यूरो केयर अस्पताल

⦁ मित्तल आई अस्पताल

⦁ शर्मा आई अस्पताल

⦁ मेट्रो जींद अस्पताल

⦁ बाल धर्मार्थ अस्पताल

⦁ सर्वोदय अस्पताल

⦁ आस्था अस्पताल

⦁ जींद हार्ट अस्पताल

⦁ नारायणा अस्पताल

⦁ ऑस्कर हार्ट अस्पताल

⦁ श्री ज्ञानीराम मैमोरियल अस्पताल

⦁ सरस्वती आई केयर सेंटर मंगला अस्पताल

'अस्पतालों में उच्च स्तर की समस्या': नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान व चिरायु कार्ड के पात्र लोगों के ऑप्रेशन न किए जाने बारे उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान व चिरायु कार्ड धारकों के ऑप्रेशन किए गए हैं. आयुष पैनल के अस्पतालों की जो समस्या है, वो उच्च स्तर की है. उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का निदान हो जाएगा.

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