चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के उन आरोपों का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार एमएसपी फसल की खरीद नहीं कर रही है और इसे खत्म करने की कोशिश कर रही है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि खरीफ फसलों की खरीद भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है.
हरियाणा में पंजीकृत किसान- सरकार का दवा है कि खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान धान के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 4 लाख 84 हजार 927 किसान पंजीकृत हैं. 28 अक्तूबर 2024 तक धान की खरीद से 2 लाख 35 हजार 205 किसान लाभान्वित हुए हैं. अब तक 44.58 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है और धान किसानों को खरीद के लिए 8545 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है. सरकार ने कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के एमएसपी खत्म करने, धान खरीद में आधी कटौती जैसे बयान भ्रामक और जनता को गुमराह करने वाला बताया है. सरकार कि तरफ से कहा गया है कि ये आरोप झूठ का पुलिंदा है और तथ्यों से परे है.
देश में धान की खरीद का लक्ष्य- सरकार ने ये भी कहा है कि भारत सरकार की तरफ से धान खरीद के लिए समय सीमा 15 नवंबर, 2024 तक निर्धारित है. इस बार 60 लाख मीट्रिक धान की खरीद का लक्ष्य है, जबकि खरीद एजेंसियों की ओर से 28 अक्तूबर तक 44.58 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. बाकी 14.36 लाख मीट्रिक टन की खरीद करने के लिए पर्याप्त समय है. पिछले साल 58.94 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी.
आढ़तियों को भी मिल रहा कमीशन- राज्य सरकार का कहना है कि सभी प्रकार की फसलों की सरकारी खरीद भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा दिशानिर्देशों के अनुसार की जाती है. इसलिए राज्य की अनाज मंडियों में काम करने वाले मजदूर ठेकेदार/मुनीम आदि की आमदनी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है. आढ़तियों का कमीशन 2.5 प्रतिशत से 46 रुपये प्रति क्विंटल करने के बारे में अवगत करवाया जाता है कि भारत सरकार से निरन्तर पत्राचार किया जा रहा है. ताकि राज्य के आढ़तियों को किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि से बचाया जा सके. इस मामले में जब तक भारत सरकार से कोई आदेश प्राप्त नहीं होता तब तक राज्य सरकार द्वारा संज्ञान लेते हुए आढ़तियों के हितों में राज्य सरकार की ओर से आढ़तिया कमीशन 46 रुपये प्रति क्विंटल के स्थान पर 55 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.
राइस मिलर्स को भुगतान- राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी राईस मिलर्स की सभी समस्याओं का हर संभव समाधान किया जा रहा है. राज्य में खरीफ वर्ष 2024-25 के दौरान 1319 राईस मिलर्स द्वारा मिलिंग कार्य के लिए पंजीकरण करवाया गया है. प्रदेश में सी.एम.आर. डिलीवरी के लिए सभी राईस मिलर्स को 31 अगस्त, 2024 तक 62.58 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि स्वरूप बोनस दिया गया है. इसके अलावा, हाइब्रिड किस्म के धान के आउट टर्न रेश्यो का मामला भारत सरकार के सामने रखा गया है, जिससे जल्द ही समाधान करने के लिए गठित कमेटी कार्य कर रही है.
हरियाणा में खाद का कितना स्टॉक- कांग्रेस सांसद के यूरिया और डीएपी के संबंध में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार की तरफ से कहा गया है कि 27 अक्तूबर, 2024 तक राज्य में पुराने स्टॉक को मिलाकर 4 लाख 22 हजार 958 मीट्रिक टन यूरिया, 27 हजार 357 मीट्रिक टन डीएपी, 72 हजार 487 मीट्रिक टन एसएसपी और 31 हजार 206 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है.
केंद्र सरकार से कितनी मिली यूरिया- भारत सरकार द्वारा अक्तूबर महीने के दौरान हरियाणा के लिए 5 लाख 23 हजार 554 मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन किया गया है, जिसमें से अब तक 1 लाख 41 हजार 173 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो चुका है. अगले तीन दिनों में 7800 मीट्रिक टन यूरिया की प्राप्ति संभावित है. इसी तरह अक्तूबर महीने के दौरान भारत सरकार द्वारा 1 लाख 15 हजार 150 मीट्रिक टन डीएपी का आवंटन किया गया है, जिसमें से अब तक 68,929 मीट्रिक टन की प्राप्ति हो चुकी है. 27 अक्तूबर तक किसानों द्वारा 1,16,364 मीट्रिक टन यूरिया, 95,541 मीट्रिक टन डीएपी, 14,892 मीट्रिक टन एसएसपी तथा 25,938 मीट्रिक टन एनपीके की खपत की जा चुकी है.
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