पंचकूला: हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज है. हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों को 14 साल बाद बड़ी राहत मिली है. प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए मकान बनाने, शादी, वाहन और कंप्यूटर खरीद के लिए एडवांस और लोन की सीमा में बढ़ोतरी की है. ऐसे में सरकारी कर्मचारी अपने मकान निर्माण के लिए अब 25 लाख रुपए एडवांस ले सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 20 लाख रुपए तक निर्धारित थी. इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में लोन में बढ़ोतरी की गई थी.
शादी के लिए 3 लाख का लोन: सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों की शादी के लिए 3 लाख रुपये का लोन ले सकेंगे. साथ ही वाहन और कंप्यूटर खरीद के लिए भी उनकी लोन राशि में बढ़ोतरी की गई है. इस संबंध में हरियाणा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से एडवांस राशि में बढ़ोतरी संबंधी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, मंडल आयुक्तों, उपायुक्तों और उपमंडल अधिकारी को निर्देश जारी किया गया है.
एक बार ही ले सकते हैं लोन: सरकारी कर्मचारी अपनी पूरी सेवा अवधि के दौरान केवल एक बार 25 लाख रुपये तक एडवांस ले सकेगा. आवास भत्ता केवल किसी एक व्यक्ति (पति या पत्नी) को दिया जाएगा. ब्याज की दर जनरल प्रोविडेंट फंड के समान होगी. अगर मकान खरीद के लिए कर्मचारी का 34 महीने का मूल वेतन या अधिकतम 25 लाख रूपये में से जो भी कम होगा, वह दिया जाएगा.
मंजूर राशि का 60 फीसद पहले दिए जाएंगे: घर बनाने के लिए कुल मंजूर राशि का 60 फीसद एडवांस यानी किसी भी वेतन मैट्रिक्स में 20 महीने का मूल वेतन और अधिकतम 15 लाख रुपए दिए जाएंगे. बाद में शेष 10 लाख रुपये उसी भूखंड पर घर के निर्माण के लिए दिए जाएंगे.
शादी के लिए मिलेगा 2 बार एडवांस: सरकारी कर्मचारी अपने बेटा-बेटी या बहन के अलावा परिवार के किसी अन्य आश्रित की शादी के लिए 10 महीने का मूल वेतन और अधिकतम 3 लाख रुपए एडवांस ले सकेंगे. कर्मचारी इस राशि को अपने पूरे सेवाकाल के दौरान केवल 2 बार ले सकते हैं. इसकी ब्याज दर जीपीएफ के बराबर होगी, जबकि राज्य सरकार की ओर से पहली शादी के लिए एडवांस निर्धारित ब्याज दर पर उपलब्ध रहेगा.
कार लोन का ये रहेगा प्रोसेस: 45 हजार रुपये और इससे अधिक का संशोधित वेतन पाने वाले सरकारी कर्मचारी एडवांस धनराशि के लिए पात्र होंगे. ऐसे कर्मचारियों को कार खरीदने के लिए 15 माह का मूल वेतन, जिसकी अधिकतम सीमा साढ़े 6 लाख रुपए या मोटर कार की वास्तविक कीमत का 85 फीसद, जो भी कम हो, लोन दिया जाएगा. पहले लोन पर ब्याज दर जीपीएफ के बराबर और दूसरी बार की लोन राशि पर 2 फीसद अधिक और तीसरी बार लोन राशि पर ब्याज दर 4 फीसद अधिक होगी. दूसरी और तीसरी बार का लोन पहले लोन का नो ड्यू सर्टिफिकेट जारी होने के बाद दिया जाएगा.
कंप्यूटर और साइकिल खरीदने के लिए लोन: सरकारी कर्मचारी कंप्यूटर और लेपटॉप खरीदने के लिए भी 50 हजार रुपए लोन ले सकेंगे. यहां भी दूसरी या तीसरी बार लोन लेने के लिए उससे पहले लोन संबंधी नो ड्यू सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही प्रदान किया जाएगा. यहां पर ब्याज दर सामान्य भविष्य निधि के बराबर होगी. वहीं, साइकिल खरीद के लिए 4 हजार रुपए या साइकिल की वास्तविक कीमत, जो भी कम हो, लोन दिया जाएगा. ब्याज दर सामान्य भविष्य निधि के बराबर होगी. यहां दूसरा और तीसरा एडवांस राज्य सरकार की ओर से पहले साइकिल एडवांस के लिए निर्धारित ब्याज दर पर ही उपलब्ध रहेगा.
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