कैथल: कैथल जिला देश में सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी गंभीरता दिखाते हुए कैथल डीसी को तलब किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन फसल अवशेष को जलाने वाले किसानों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई के मूड में है. फसल अवशेष जलाने के आरोप में अब तक 18 किसानों को प्रशासन गिरफ्तार कर चुका है.
"18 किसान गिरफ्तार": हेड क्वार्टर डीएसपी बीरभान सिंह ने बताया कि अभी तक 18 किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सरकार उपायुक्तों को निर्देश देती है, और उपायुक्त हमें निर्देश देते हैं. इस पर पुलिस टीम कार्रवाई करती है. पुलिस की ओर से जिले के किसानों को पराली न जलाने के बारे में जागरूक भी किया जाता है.
"किसानों की गिरफ्तारी काला कानून" : वहीं इस मामले में अब सियासत भी शुरू हो चुकी है. कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने किसानों की गिरफ्तारी को काला कानून बताते हुए कहा कि खेतों से पराली प्रबंधन सरकारी की जिम्मेदारी है और सरकार पराली पर MSP लागू करें. उन्होंने कहा कि किसानों की गिरफ्तारी काले कानून जैसी है. सरकार के आदेश गलत हैं. अगर किसानों ने पराली जलाई भी है तो सबसे पहले सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
वायु प्रदूषण में देश में नंबर वन पर कैथल: वायु प्रदूषण में कैथल जिला देश में नंबर वन हो चुका है. जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. कैथल में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा होने की वजह से शहर के लोग सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायत कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि कैथल जिले में अभी तक पराली जलाने के 97 मामले सामने आ चुके हैं.
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