चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मतदाता सूचियों में भारी त्रुटियों पर गहरी चिंता जताई है. इसमें सुधार के लिए उन्होंने देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है. मतदाता सूची की त्रुटियों को उन्होंने लोकतंत्र की गरिमा के लिए घातक बताया. इस संबंध में ज्ञान चंद गुप्ता ने शनिवार को हरियाणा एमएलए हॉस्टल में पत्रकार वार्ता की.
सूची में मृतकों और स्थानांतरित हुए लोगों के नाम: ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि मतदाता सूचियों में बड़ी संख्या में मृतकों और निर्वाचन क्षेत्र छोड़कर जा चुके लोगों के नाम शामिल हैं. यहां तक कि कुछ मतदाताओं के वोट एक से अधिक स्थानों पर बने हुए हैं. कहा कि ऐसी खामियां जहां चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न तो खड़ा करती ही हैं, साथ ही चुनाव परिणाम को भी प्रभावित कर सकती हैं.
लोकसभा चुनाव में पता लगी खामियां: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गत लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूचियों की अनेक खामियां उनके संज्ञान में आई. ऐसे में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के सहयोग से पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के अनेक बूथों का डोर टू डोर सर्वे करवाया, तो गंभीर त्रुटियां उजागर हुई. उन्होंने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए विधानसभा चुनाव से पहले इनका निराकरण जरूरी बताया.
मृतकों व स्थानांतरित लोगों की संख्या 35 हजार होने का अनुमान: ज्ञान चंद गुप्ता ने पंचकूला सेक्टर-20 स्थित बूथ नंबर 48 का उदाहरण देते हुए कहा कि कुल 1376 मतदाताओं में से 38 मृत पाए गए और 257 मतदाता पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट हो चुके हैं. सर्वे में पता लगा कि पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित हुए मतदाताओं ने भी पंचकूला में वोट डाला. उन्होंने हरियाणा विधानसभा के चुनाव में दूसरे राज्यों के मतदाताओं की वोटिंग से परिणाम प्रभावित होने की आशंका जताई.
उन्होंने कहा कि पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के कुल 200 बूथों में से लगभग 23 बूथों पर सर्वे करवाया, यहां 3906 मतदाता ऐसे मिले जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या वे आसपास के क्षेत्रों में स्थानांतरित हो चुके हैं. ऐसे में प्रत्येक बूथ पर औसतन करीब 200 मतदाता गलत ढंग से दर्ज हैं. गुप्ता ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के सभी बूथों पर यह संख्या करीब 35 हजार हो सकती है.
मतदान केंद्र दूर होने से वोट प्रतिशत घटा: ज्ञानचंद गुप्ता मतदान केंद्र की दूरी संबंधी मुद्दा भी मुख्य निर्वाचन आयोग के ध्यान में लाए. उन्होंने कहा कि चंडीमंदिर छावनी क्षेत्र के मतदाताओं के लिए करीब 6 किलोमीटर दूर सेक्टर-6 स्थित स्कूल में मतदान केंद्र स्थापित किया गया. इतनी दूरी के कारण गत चुनाव में यहां मात्र 11 फीसदी मतदाता ही मतदान को पहुंचे. उन्होंने चंडीमंदिर छावनी में ही मतदान केंद्र स्थापित किया जाना सही बताया.
डबल वोट और वृद्धों की वोटिंग का मामला: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पंचकूला के सीमावर्ती इलाकों में स्थित लेबर कॉलोनियों में डबल वोट हैं. नतीजतन मतदाता सूचियों को अपडेट करने की जरूरत है. इसके लिए संबंधित बीएलओ को सख्त निर्देश जारी करने की बात कही. उन्होंने 85 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों बारे चुनाव आयोग से कहा कि उनके लिए मतदान की तारीख वास्तविक तिथि से 15 दिन पहले तय की गई है. लेकिन कई बार इतना पहले मतदान अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाती. इस कारण वृद्धजनों को वास्तविक तिथि से कम से कम 3 दिन पहले घर से मतदान की अनुमति दी जाए.
मतदान प्रक्रिया जानबूझ कर धीमी करने के आरोप: विस अध्यक्ष ने चेताया कि कुछ रिटर्निंग अधिकारियों ने जानबूझकर मतदान की प्रक्रिया को धीमा किया. इस कारण कतारें लंबी होने से मतदाताओं को एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा. नतीजतन अनेक मतदाताओं ने कतार से हटने का फैसला किया और अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि प्रति घंटे मतदान की न्यूनतम संख्या तय करने की आवश्यकता है. प्रतीक्षा कतार का प्रबंधन बरामदों में या शेड के नीचे करना चाहिए. उन्होंने प्रति बूथ वोटों की अधिकतम संख्या एक हजार तक रखने का भी सुझाव दिया.
सिस्टम को दुरूस्त करना जरूरी: विधानसभा स्पीकर ने कहा कि वृद्ध, विकलांगों और चिकित्सीय समस्या वाले व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधा को दुरुस्त करना चाहिए. निर्वाचन आयोग ने नए वोट बनवाने के लिए पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया है. लेकिन उन्होंने मामले में संबंधित बीएलओ द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में रुचि नहीं लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनके लिए सख्त हिदायत जारी की जानी चाहिए.