पंचकूला/कालका: हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची आने पर प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल ने तेजी पकड़ ली है. बीजेपी के कई मंत्री और नेता टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर इस्तीफे दे रहे हैं. इसी कड़ी में कालका सीट पर भी बगावत की आशंका बढ़ गई है. क्योंकि भाजपा ने पूर्व विधायिका लतिका शर्मा की टिकट काटकर हरियाणा जनचेतना पार्टी के प्रमुख विनोद शर्मा की पत्नी एवं अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि लतिका शर्मा बीते काफी समय से क्षेत्र की चुनावी गतिविधियों में सक्रिय रही हैं. वहीं पंचकूला विधानसभा सीट पर भाजपा ने चौथी बार मौजूदा विधायक एवं हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पर ही भरोसा जताया है. पंचकूला और कालका विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है.
पंचकूला सीट पर पंजाबी-बनिया वोटर का भरोसा जरूरी: पंचकूला विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,33,072 वोटर हैं. इनमें 1,22,627 पुरुष मतदाता और 1,10,437 महिला और 8 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभाव पंजाबी और बनिया वोटर का है. पंचकूला से मौजूदा विधायक भाजपा नेता ज्ञानचंद गुप्ता हैं और मेयर कुलभूषण गोयल हैं. यहां सबसे अधिक बनिया वोटर, दूसरे स्थान पर पंजाबी वोटर हैं. हालांकि इनके अलावा पंचकूला क्षेत्र में ब्राह्मण, एससी, गुर्जर, राजपूत, सैनी और जाट मतदाता भी हैं. भाजपा ने पंचकूला से मौजूदा विधायक ज्ञानचंद गुप्ता को टिकट दिया है.
कांग्रेस नेता चंद्रमोहन से मिल सकती है चुनौती: हरियाणा में फिलहाल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची आनी शेष है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस पंचकूला सीट पर वर्ष 2019 की तरह पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन को टिकट दे सकती है. स्थानीय लोगों के अनुसार चंद्रमोहन और ज्ञानचंद गुप्ता के बीच नजदीकी टक्कर देखने को मिल सकती है. हालांकि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में करीब 15 वर्ष बाद राजनीति में वापसी करने पर चंद्रमोहन भाजपा नेता ज्ञानचंद गुप्ता से करीब 5633 मतों से हार गए थे. लेकिन कांग्रेस के पास ज्ञानचंद गुप्ता के मुकाबले चंद्रमोहन जैसे बड़े राजनीतिक कद का कोई अन्य स्थानीय नेता नहीं है. यही कारण है कि दोबारा दोनों के बीच मुकाबला होना माना जा रहा है.
कालका सीट का हाल: कालका सीट पर भी कांग्रेस के उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद ही जीत-हार का निकटतम अनुमान लगाया जा सकेगा. लेकिन भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने से पूर्व विधायिका लतिका शर्मा नाराज मानी जा रही हैं. हालांकि कालका सीट पर पार्टी के नाम पर पड़ने वाले मतों में कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा. यदि लतिका शर्मा नहीं मानी तो स्थानीय नेता के नाम से पड़ने वाली वोट का नुकसान भाजपा को जरूर हो सकता है.
कालका में ब्राह्मण और गुर्जर का भरोसा जरूरी: कालका विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,00,297 मतदाता हैं. इनमें से 1,04,426 पुरूष और 95853 महिला मतदाता हैं. जबकि 18 थर्ड जेंडर वोटर हैं. लेकिन इस क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता ब्राह्मण और दूसरे नंबर पर गुर्जर हैं. हालांकि इनके अलावा अनुसूचित जाति, राजपूत, महाजन, पंजाबी और सैणी, लुबाने व मुस्लिम मतदाता भी हैं. भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत के लिए इस जातीय समीकरण का भरोसा जितना अत्यावश्यक है.
कालका सीट पर कांग्रेस का रहा दबदबा: कालका विधानसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का ही दबदबा रहा है. क्योंकि यहां से मौजूदा विधायक भी कांग्रेसी नेता प्रदीप चौधरी हैं. वहीं उनसे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बड़े बेटे व उप मुख्यमंत्री रहे कांग्रेसी नेता चंद्रमोहन लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. चंद्रमोहन ने साल 1993 का उपचुनाव जीता था, फिर 1996, 2000 और 2005 में भी कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी. जबकि भाजपा नेता लतिका शर्मा भी कालका सीट से विधायक रह चुकी हैं.