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हरतालिका तीज 2024: तीज का व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं शिव पार्वती - hartalika Teej 2024 Date - HARTALIKA TEEJ 2024 DATE

hartalika Teej 2024 अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज या फिर तीजा का व्रत सुहागन महिलाएं और कन्याएं रखती हैं. इस बार 6 सितंबर को तीज का त्योहार मनाया जाएगा. तीज के पर्व पर इस बार अदभुत शुभ संयोग बन रहे हैं. ये शुभ संयोग आपके जीवन को खुशियों से भर देंगे. Hartalika Tritiya

TEEJ CELEBRATED ON SIX SEPTEMBER
हरतालिका तीज का व्रत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 30, 2024, 6:02 AM IST

Updated : Sep 6, 2024, 6:38 AM IST

रायपुर: 6 सितंबर को हरतालिका तीज या फिर कहें तीजा का व्रत सुहागन महिलाएं और कन्याएं रखेंगी. तीजा का पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीजा या हरितालिका तीज मनाई जाती है. यह व्रत भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित माना गया है. तीज के दिन सुहागिन महिलाएं 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करती हैं. व्रत में अन्न और जल को ग्रहण नहीं किया जाता है.

हरतालिका तीज 2024 (ETV Bharat)

हरतालिका तीज का व्रत: तीज का व्रत का सुहागन महिलाएं रखती हैं. मान्यता है कि तीज का त्योहार मनाने और व्रत रखने से पति की आयु दीर्घायु होती है. पति पर आने वाली सभी मुसीबतों का अंत होता है. सुहागन महिलाओं के लिए ये व्रत काफी खास होता है. व्रत के अगले दिन व्रतधारी महिलाएं व्रत का पारण करती हैं. इस बार तीजा का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा. तृतीया तिथि की शुरुआत 5 सितंबर को होगी और इसका पारण 7 सितंबर को होगा.

महीना भाद्रपद तिथि तृतीया, शुक्ल पक्ष को मनाया जाएगा त्योहार: ज्योतिष एवम वास्तुविद पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि "6 सितंबर को भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीजा का पर्व मनाया जाएगा. भगवान भोलेनाथ माता पार्वती पर कृपा करते हैं और आशीष देते हैं. इस वजह से विवाहित महिलाओं के द्वारा तीजा का पर्व मनाया जाता है. असल में हरितालिका तीज जंगल में शिव की पूजा को माना गया है''.

''फुलेरा बनाकर महिलाएं निर्जला उपवास रहकर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा आराधना करती हैं. सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी आयु के लिए अविवाहित कन्या इस व्रत को अच्छे पति को पाने की कामना के लिए करती हैं. तीजा व्रत के नियमों के बारे में उन्होंने बताया कि पहले तो यह है कि इस व्रत को पूरी तरह से निर्जला रहकर करना चाहिए''. - पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिष एवम वास्तुविद

'दूध या फल खाकर भी कर सकते हैं व्रत': पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी कहते हैं कि ''अगर कोई निर्जला नहीं रह सकता है तो जल पीकर रह सकते हैं. जल पीकर भी नहीं रहा जा सकता है तो दूध पीकर भी इस व्रत को किया जा सकता है. दूध पीकर भी महिलाएं इस व्रत को नहीं कर पाती है तो फल खाकर भी इस व्रत को कर सकती हैं. जो भी महिलाएं तीजा का व्रत रखती हैं उन्हें यह व्रत जीवन भर करना होता है."

क्या है व्रत का महत्व: व्रत के खासियत के बारे में ज्योतिषी ने बताया कि "शिव की साधना महाशिवरात्रि में की जाती है. दुर्गा की साधना नवरात्रि में की जाती है. माता लक्ष्मी की साधना लक्ष्मी पूजन दीपावली की रात में की जाती है. धन की साधना धनतेरस के के दिन की जाती है. सनातन धर्म में रात्रि जागरण और निशा पूजन की व्यवस्था है.

दिन में होती है पूजा: ज्योतिषियों के मुताबिक ''भारत देश में ऐसे बहुत कम व्रत या त्योहार होंगे जिसमें भगवान की पूजा दिन में होती होगी. सभी पूजा या व्रत में यह कहा गया है की रात्रि काल में भगवान का पूजन और भजन करना चाहिए. ऐसा माना गया है कि ईश्वर भक्तों के भजन में वास करता है. महिलाएं तीजा की दिन रात्रि जागरण करती है और अगले दिन व्रत का पारण करती है''.

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रायपुर: 6 सितंबर को हरतालिका तीज या फिर कहें तीजा का व्रत सुहागन महिलाएं और कन्याएं रखेंगी. तीजा का पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीजा या हरितालिका तीज मनाई जाती है. यह व्रत भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित माना गया है. तीज के दिन सुहागिन महिलाएं 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करती हैं. व्रत में अन्न और जल को ग्रहण नहीं किया जाता है.

हरतालिका तीज 2024 (ETV Bharat)

हरतालिका तीज का व्रत: तीज का व्रत का सुहागन महिलाएं रखती हैं. मान्यता है कि तीज का त्योहार मनाने और व्रत रखने से पति की आयु दीर्घायु होती है. पति पर आने वाली सभी मुसीबतों का अंत होता है. सुहागन महिलाओं के लिए ये व्रत काफी खास होता है. व्रत के अगले दिन व्रतधारी महिलाएं व्रत का पारण करती हैं. इस बार तीजा का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा. तृतीया तिथि की शुरुआत 5 सितंबर को होगी और इसका पारण 7 सितंबर को होगा.

महीना भाद्रपद तिथि तृतीया, शुक्ल पक्ष को मनाया जाएगा त्योहार: ज्योतिष एवम वास्तुविद पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि "6 सितंबर को भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीजा का पर्व मनाया जाएगा. भगवान भोलेनाथ माता पार्वती पर कृपा करते हैं और आशीष देते हैं. इस वजह से विवाहित महिलाओं के द्वारा तीजा का पर्व मनाया जाता है. असल में हरितालिका तीज जंगल में शिव की पूजा को माना गया है''.

''फुलेरा बनाकर महिलाएं निर्जला उपवास रहकर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा आराधना करती हैं. सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी आयु के लिए अविवाहित कन्या इस व्रत को अच्छे पति को पाने की कामना के लिए करती हैं. तीजा व्रत के नियमों के बारे में उन्होंने बताया कि पहले तो यह है कि इस व्रत को पूरी तरह से निर्जला रहकर करना चाहिए''. - पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिष एवम वास्तुविद

'दूध या फल खाकर भी कर सकते हैं व्रत': पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी कहते हैं कि ''अगर कोई निर्जला नहीं रह सकता है तो जल पीकर रह सकते हैं. जल पीकर भी नहीं रहा जा सकता है तो दूध पीकर भी इस व्रत को किया जा सकता है. दूध पीकर भी महिलाएं इस व्रत को नहीं कर पाती है तो फल खाकर भी इस व्रत को कर सकती हैं. जो भी महिलाएं तीजा का व्रत रखती हैं उन्हें यह व्रत जीवन भर करना होता है."

क्या है व्रत का महत्व: व्रत के खासियत के बारे में ज्योतिषी ने बताया कि "शिव की साधना महाशिवरात्रि में की जाती है. दुर्गा की साधना नवरात्रि में की जाती है. माता लक्ष्मी की साधना लक्ष्मी पूजन दीपावली की रात में की जाती है. धन की साधना धनतेरस के के दिन की जाती है. सनातन धर्म में रात्रि जागरण और निशा पूजन की व्यवस्था है.

दिन में होती है पूजा: ज्योतिषियों के मुताबिक ''भारत देश में ऐसे बहुत कम व्रत या त्योहार होंगे जिसमें भगवान की पूजा दिन में होती होगी. सभी पूजा या व्रत में यह कहा गया है की रात्रि काल में भगवान का पूजन और भजन करना चाहिए. ऐसा माना गया है कि ईश्वर भक्तों के भजन में वास करता है. महिलाएं तीजा की दिन रात्रि जागरण करती है और अगले दिन व्रत का पारण करती है''.

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Last Updated : Sep 6, 2024, 6:38 AM IST
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