ETV Bharat / state

बंटी-बबली से भी खतरनाक हैं हरिद्वार के ये लुटेरे दंपति, तरीका पढ़ आपका का भी घूम जाएगा माथा - MOBILE ROBBERY CASE HARIDWAR

हरिद्वार पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी. मोबाइल लूटरे गैंग का किया पर्दाफाश, दंपति समेत चार लोग गिरफ्तार

haridwar
हरिद्वार पुलिस की गिरफ्त में चारों आरोपी. (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 10, 2024, 9:49 PM IST

Updated : Oct 10, 2024, 9:59 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले सरेराह झपटा मारकर महिलाओं का मोबाइल छीनने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. इस मामले में हरिद्वार की रानीपुर कोतवाली पुलिस ने दंपति समेत चार लोगों को अरेस्ट किया है. आरोपियों के पास से पुलिस को लूट के सात मोबाइल बरामद हुए है. इस गिरोह को पकड़ने वाली टीम को हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने शाबाशी दी है.

तीन दिन पहले ही दो वारदातों को दिया था अंजाम: पुलिस ने बताया कि तीन दिन पहले भेल निवासी मुकेश कुमार गुप्ता और प्रिया रावत निवासी रामधाम कॉलोनी के बीच बाजार मोबाइल लूटे गए थे. पीड़ितों ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी. पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की और इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालनी शुरू की.

सीसीटीवी कैमरे से पकड़ में आए आरोपी: सीसीटीवी कैमरे से मिले कुछ क्लू के आधार पर पुलिस ने इलाके में चेकिंग अभियान शुरू किया. तभी पुलिस ने भेल सेक्टर एक चौक के पास स्कूटी सवार रितेश निवासी जिला शामली यूपी को पत्नी के साथ गिरफ्तार किया. पुलिस पूछताछ में आरोपी दंपति ने अपने गिरोह के दो अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी दी, जिनके नाम शगुन और राहुल कश्यप है, जिन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से पुलिस को लूट से सात मोबाइल बरामद हुए.

नाबालिग के साथ पहले रैकी करते थे आरोपी दंपति: रानीपुर कोतवाली प्रभारी के अनुसार आरोपी दंपति अपने साथ एक नाबालिग को लेकर पहले रैकी करते थे. इनके निशाने पर सुनसान स्थान से गुजर रही महिलाएं होती थी. रैकी करने के बाद आरोपी दंपति महिलाओं से मोबाइल झपटकर वारदात स्थल पर पहले से मौजूद राहुल और शगुन को देकर फरार हो जाते थे. चोरी के मोबाइल बेचने के बाद इन्हें जो रकम मिलती थी, उसे आरोपी आपस में बांट लेते थे.

पुलिस ने बताया कि आरोपी शगुन और राहुल कश्यप पहले भी लूट और चोरी के मामले में जेल जा चुके है. पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी नशे के आदी है और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ये इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया करते थे.

पत्नी के तानों से तंग आकर रितेश बना गया मोबाइल लूटरा: पुलिस ने बताया कि इस गैंग का सरगना रितेश है, जिसने पत्नी की जिल्लत से परेशान होकर मोबाइल लूटने का रास्ता चूना. बात में पुलिस ने बचने के लिए आरोप ने अपनी पत्नी को भी इस काम में शामिल कर लिया. वहीं प्लानिंग में कोई कमी न रहे इसके लिए रितेश ने एक नाबालिग को भी अपने साथ जोड़ लिया था. ताकि उन पर शक की कोई गुंजाइश न बचे. नाबालिक अभी फरार है जिसकी तलाश जारी है.

इन महिलाओं को किया जाता था टारगेंट: पुलिस ने बताया कि रितेश शाम के समय स्कूटी पर अपनी पत्नी और नाबालिग बच्ची के साथ निकलता था. रितेश का मुख्य टारगेट अंधेरे सुनसान चौड़े रास्तों पर चलने वाली महिलाएं होती थी. खासकर भेल सेक्टर में लगने वाली पीठ से सब्जी या कोई भारी सामान खरीद कर वापस जाती महिलाओं को टारगेट किया जाता था. अपने शिकार को पूरी तरीके से चेक करने के लिए ये तीनों लोग सड़कों पर आगे पीछे घूमते हुए कुछ राउंड लगा लिया करते थे. क्योंकि साथ में एक बच्चा भी रहता था. इस कारण कोई भी इन पर शक नहीं करता था. सही मौका मिलते ही अंधेरे का फायदा उठाकर ये झटपटा मारकर मोबाइल लूट लिया करते थे और आगे जाकर पहले से ही तयशुदा स्थान पर खड़े शगुन और राहुल कश्यप को मोबाइल दे दिया जाता था. अगर मोबाइल महंगा है तो उसका उचित कमीशन दोनों के लिए पर्याप्त हो जाता था. इस प्रकार से इनका घर खर्च भी आसानी से चलने लगा और इनकी ख्वाहिशें भी पूरी होने लगी साथ ही रितेश के नशे के शौक भी पूरे होने लगे.

पढ़ें--

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले सरेराह झपटा मारकर महिलाओं का मोबाइल छीनने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. इस मामले में हरिद्वार की रानीपुर कोतवाली पुलिस ने दंपति समेत चार लोगों को अरेस्ट किया है. आरोपियों के पास से पुलिस को लूट के सात मोबाइल बरामद हुए है. इस गिरोह को पकड़ने वाली टीम को हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने शाबाशी दी है.

तीन दिन पहले ही दो वारदातों को दिया था अंजाम: पुलिस ने बताया कि तीन दिन पहले भेल निवासी मुकेश कुमार गुप्ता और प्रिया रावत निवासी रामधाम कॉलोनी के बीच बाजार मोबाइल लूटे गए थे. पीड़ितों ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी. पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की और इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालनी शुरू की.

सीसीटीवी कैमरे से पकड़ में आए आरोपी: सीसीटीवी कैमरे से मिले कुछ क्लू के आधार पर पुलिस ने इलाके में चेकिंग अभियान शुरू किया. तभी पुलिस ने भेल सेक्टर एक चौक के पास स्कूटी सवार रितेश निवासी जिला शामली यूपी को पत्नी के साथ गिरफ्तार किया. पुलिस पूछताछ में आरोपी दंपति ने अपने गिरोह के दो अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी दी, जिनके नाम शगुन और राहुल कश्यप है, जिन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से पुलिस को लूट से सात मोबाइल बरामद हुए.

नाबालिग के साथ पहले रैकी करते थे आरोपी दंपति: रानीपुर कोतवाली प्रभारी के अनुसार आरोपी दंपति अपने साथ एक नाबालिग को लेकर पहले रैकी करते थे. इनके निशाने पर सुनसान स्थान से गुजर रही महिलाएं होती थी. रैकी करने के बाद आरोपी दंपति महिलाओं से मोबाइल झपटकर वारदात स्थल पर पहले से मौजूद राहुल और शगुन को देकर फरार हो जाते थे. चोरी के मोबाइल बेचने के बाद इन्हें जो रकम मिलती थी, उसे आरोपी आपस में बांट लेते थे.

पुलिस ने बताया कि आरोपी शगुन और राहुल कश्यप पहले भी लूट और चोरी के मामले में जेल जा चुके है. पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी नशे के आदी है और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ये इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया करते थे.

पत्नी के तानों से तंग आकर रितेश बना गया मोबाइल लूटरा: पुलिस ने बताया कि इस गैंग का सरगना रितेश है, जिसने पत्नी की जिल्लत से परेशान होकर मोबाइल लूटने का रास्ता चूना. बात में पुलिस ने बचने के लिए आरोप ने अपनी पत्नी को भी इस काम में शामिल कर लिया. वहीं प्लानिंग में कोई कमी न रहे इसके लिए रितेश ने एक नाबालिग को भी अपने साथ जोड़ लिया था. ताकि उन पर शक की कोई गुंजाइश न बचे. नाबालिक अभी फरार है जिसकी तलाश जारी है.

इन महिलाओं को किया जाता था टारगेंट: पुलिस ने बताया कि रितेश शाम के समय स्कूटी पर अपनी पत्नी और नाबालिग बच्ची के साथ निकलता था. रितेश का मुख्य टारगेट अंधेरे सुनसान चौड़े रास्तों पर चलने वाली महिलाएं होती थी. खासकर भेल सेक्टर में लगने वाली पीठ से सब्जी या कोई भारी सामान खरीद कर वापस जाती महिलाओं को टारगेट किया जाता था. अपने शिकार को पूरी तरीके से चेक करने के लिए ये तीनों लोग सड़कों पर आगे पीछे घूमते हुए कुछ राउंड लगा लिया करते थे. क्योंकि साथ में एक बच्चा भी रहता था. इस कारण कोई भी इन पर शक नहीं करता था. सही मौका मिलते ही अंधेरे का फायदा उठाकर ये झटपटा मारकर मोबाइल लूट लिया करते थे और आगे जाकर पहले से ही तयशुदा स्थान पर खड़े शगुन और राहुल कश्यप को मोबाइल दे दिया जाता था. अगर मोबाइल महंगा है तो उसका उचित कमीशन दोनों के लिए पर्याप्त हो जाता था. इस प्रकार से इनका घर खर्च भी आसानी से चलने लगा और इनकी ख्वाहिशें भी पूरी होने लगी साथ ही रितेश के नशे के शौक भी पूरे होने लगे.

पढ़ें--

Last Updated : Oct 10, 2024, 9:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.