हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक पिता को अपने बेटे की शादी में राजस्थानी नृत्य का आयोजन करना मंहगा पड़ गया. समाज ने पीड़ित को 11 महीने के लिए बिरादरी से बाहर कर दिया साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इन सब से परेशान पीड़ित ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया है. थाना प्रभारी से लेकर एसपी और कलेक्टर तक से उसने कार्रवाई की मांग की है.
राजस्थानी कलाकारों से कराया था घूमर डांस
दरअसल, हरदा निवासी रशीद खान ने 28 जनवरी 2024 को संदलपुर में अपने बेटे की सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी कराई. इसके दो दिन बाद 30 जनवरी को रिसेप्शन का आयोजन किया गया. जिसमें राजस्थान के कलाकारों को बुलाकर घूमर डांस कराया गया. इसी बात से नाराज होकर सामाजिक कमेटी ने उसे समाज से 11 महीने के लिए बेदखल कर दिया गया है. पिता के मन में बेटे की शादी को बड़े स्तर पर करने के अरमान थे. पिता ने अपने अरमान पूरे भी किए, लेकिन अब समाज उसे परेशान कर रहा है. कमेटी का नाम मारवाड़ी लोहार विकास कमेटी है.
पीड़ित की अनदेखी कर रहा है समाज
पीड़ित को समाज से बेदखल करने के अलावा समाज में होने वाली अन्य शादियों की दावत में भी नहीं बुलाया जा रहा है. अपने परिवार की इस अनदेखी और समाज के कुछ चुनिंदा लोगों के इस कृत्य से दुखी होकर रशीद ने अधिकारियों को लिखित शिकायत देकर न्याय करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. शहर के छीपानेर रोड अल्कापुरी कॉलोनी के सामने रहने वाले 40 साल के रशीद खान ने बताया कि वह लकड़ी का कारोबार करता है. 5 फरवरी 2024 को थाना प्रभारी सिटी कोतवाली के नाम आवेदन देकर बताया था कि उसके परिवार को समाज में प्रतिबंधित व अपमानित किया गया है. वह मारवाड़ी लोहार समाज का सदस्य है.
ये भी पढ़ें: हरदा के खिरकिया अस्पताल में नहीं मिला वाहन, मां की डेडबॉडी हाथठेले पर ले गया बेटा बड़े-बड़ों को मात दे रही है पायल, ऐसा जूस बनाती है कि पूरा हरदा हो गया दीवाना |
पीड़ित ने सिटी कोतवाली में कमेटी के सदस्यों की शिकायत कर दी है. वहीं सिटी कोतवाली ने इसे खातेगांव का मामला बताकर खातेगांव में शिकायत करने को कहा है. इस मामले पर कमेटी के अध्यक्ष ने कहा, '' समाज ने मुझे अध्यक्ष बनाया है और ये निर्णय समाज का है, जो कमेटी ने रशीद को सुनाया है. अब रशीद समाज के सामने माफीनामा पेशकर अपनी भूल सुधारने व भविष्य में सामाजिक नियमों का पालन करने को कहे तो समाज उसे माफ कर देगा.'' दरअसल, इस सामाजिक कमेटी ने पूर्व में समाज के सभी सदस्यों की रजामंदी से शादी विवाह को सादगी से करने व किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में नाच-गाने का प्रोग्राम नहीं करने के नियम बनाए थे.