भोपाल। सरकार में अहम पद पर रहने वाले ही आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं. यहां तक कि पूर्व मंत्री व विधायक भी आचार संहिता को अपनी मुट्ठी में रखते हैं. सियासत में रसूख रखने वाले इन नेताओं के सामने अफसर भी खामोश रहते हैं. ऐसा ही हुआ मध्यप्रदेश के हरदा में. हरदा बैतूल लोकसभा सीट में आता है. लोकसभा चुनाव की वोटिंग 7 मई को हरदा में हुई. इस दौरान मतदान केंद्र पर पूर्व कृषि मंत्री व बीजेपी नेता कमल पटेल अपने नाबालिग पोते के साथ पहुंचे. वोट करने के दौरान उनका नाबालिग बेटा साथ रहा.
पूर्व मंत्री कमल पटेल के खिलाफ पहले ही केस दर्ज
कमल पटेल को रोकने की हिम्मत सेक्टर अधिकारी की नहीं हुई. अब सेक्टर अधिकारी को इसका दंड भुगतना पड़ रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी पीएम सिंह को शासन ने सस्पेंड कर दिया है. पीएम सिंह हरदा जिला मुख्यालय के पोलिंग बूथ 107 (पॉलिटेक्निक कॉलेज) की सेक्टर प्रभारी थीं. बता दें कि पूर्व मंत्री के खिलाफ उसी समय केस दर्ज कर लिया गया था. उसी समय वीडियो सामने आने के बाद सहायक रिटर्निंग अधिकारी कुमार शानु देवड़िया की रिपोर्ट पर पूर्व मंत्री समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.
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दो और मामले आ चुके हैं सामने
इसके बाद हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने कमिश्नर को इस बारे में पत्र लिखा था. इसके बाद ये कार्रवाई की गई. गौरतलब है कि भोपाल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी नाबालिग बेटे को लेकर पोलिंग बूथ पर पहुंचे थे. इसके अलावा भोपाल जिला पंचायत सदस्य व बीजेपी नेता विनय मेहर ने भी नाबलिग बेटे से वोट डलवाया था. नाबालिग बेटे से वोट डलवाने वाले भोपाल जिला पंचायत सदस्य विनय मेहर पर केस दर्ज हुआ था.