पटना : पटना के गांधी मैदान में हनुमान जी आकर्षण का केंद्र बन गए. उनकी एंट्री हवा में हुई, ये नजारा देख लोग रोमांच से भर गए. बजरंगबली गांधी मैदान में गदा लहराते हुए लंकेश के सोने की लंका पहुंचे. फिर उस लंका में पूंछ से आग लगा दी. सोने की लंका देखते ही देखते राख में तब्दील हो गई.
लंका दहन, फिर रावण दहन : हनुमान ने जब अपना काम कर दिया तो फिर बारी आई भगवान राम और लक्ष्मण की. गांधी मैदान में राम-लक्ष्मण की झांकी निकली. लोग इस दृश्य को देखकर फूले नहीं समा रहे थे. आखिर हो भी क्यों न..! प्रभु श्री राम उनको आशीर्वाद जो दे रहे थे.
राम-रावण युद्ध का रोमांच : वो घड़ी भी आई जिसके लिए सब बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. राम रावण युद्ध शुरू हुआ. राम की सेना रावण को दौड़ाती रही और आखिरकार दशानन अपने पुत्रों और भाई कंभकरण के साथ अहंकार की वजह से मारा गया. उसी बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में पुतले का दहन किया जाता है.
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उतारी आरती : उससे पहले राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भगवान श्री राम की आरती उतारी और माला पहनाकर उनका स्वागत किया. फिर रामलीला शुरू हुई और रावण दहन कार्यक्रम शुरू हुआ.
धू-धू कर जला लंकेश : मंच से राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने हाथों में तीर-धनुष लेकर रावण की ओर प्रतीकात्मक वार किया फिर रावण दहन का कार्यक्रम गांधी मैदान में आगे बढ़ा. भगवान श्री राम ने तीर चलाकर पहले कुंभकरण का वध किया फिर मेघनाद और अंत में रावण धू-धू कर जल गया.
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