जोधपुर: जिले की ग्रामीण पुलिस ने हाल ही में भोपालगढ़ में बस से लाखों के सोने के आभूषण पार होने के मामले की पड़ताल करते हुए अंतरराज्यीय चोर गिरोह 'हांसी गैग-हिसार' का पर्दाफाश करते हुए 6 चोरों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि गैंग ने अलग-अलग राज्यों में 100 से ज्यादा घटनाओं को अंजाम देना कबूला है.
उन्होंने बताया कि गत 18 नवंबर को भोपालगढ़ के छापला निवासी रेखा पत्नी सीताराम दोपहर बाद भोपालगढ़ से जोधपुर जाने के लिये रोडवेज बस में बैठी थी. उसने अपना बैग पास में रखा. इस दौरान दो-तीन आदमी बस में आये और उसके पास बैठ गए. रेखा जब टिकट लेने लगी, तभी उन्होंने बैग को उठाने की कोशिश की, लेकिन उसने वापस अपने पास रख लिया. लेकिन कुछ देर बाद वो उसका बैग लेकर भाग गए. जिसमें 17 तोला सोने-चांदी के गहने थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह लखावत ने बताया कि आरोपी इतने शातिर हैं कि हर घटना के बाद में अपने मोबाइल और सिम बदल लेते थे. ऐसे में काफी मेहनत कर इस गैंग को पकड़ा गया.
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150 कैमरे के फुटेज खंगाले: टीम ने भोपालगढ़ के बस स्टेण्ड के पास हुई चोरी के संबंध साइबर व विशेष टीम के साथ उक्त चोरी व नकबजनी की वारदात का पर्दाफाश करने के लिए तकनीकी डाटाबेस तैयार किया. 150 सीसीटीवी फुटेज आदि का विश्लेषण कर सूचना एकत्रित की गई. टीम द्वारा संदिग्ध गैंग के तकनीकी आधार पर आवाजाही के रास्तों पर विभिन्न टोल प्लाजा व टोल बूथ के साथ रास्ते के सीसीटीवी फुटेज की डिटेल्स देखी.
इस घटना के संदिग्ध व्यक्तियों व पूर्व में घटित घटनाओं व अपने डाटाबेस के आधार पर कई संदिग्ध को दस्तयाब कर पूछताछ की गई. इन सभी के आधार पर एक चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ जो कि धर्मवीर सांसी निवासी हांसी जिला हिसार हरियाणा के द्वारा संचालित था. इसमें 20-25 साथी शामिल है. जोधपुर पुलिस ने इस गैंग के धर्मवीर सांसी, चांदी राम सांसी, संजय कुमार सांसी, रामफल सांसी, रणधीर सांसी, रमेश सांसी को जोधपुर के पास से पकड़ा. उनसे एक लक्जरी कार भी बरामद हुई है.
अकेले बुजुर्ग और औरतें मैन टारगेट: चोर घटना कारित करने से पहले घटना के स्थान की पहले रैकी करते थे. उनका टारगेट मुख्य रूप से अकेले बुजुर्ग व्यक्ति या महिला होती. जिसके साथ घटना करनी होती, सभी उसके इर्द-गिर्द खड़े रहकर इशारों में प्लान करते. एक व्यक्ति लगातार कार के अन्दर रहता था. मुख्य सरगना धर्मवीर दूर खड़ा होकर इशारों व फोन पर निर्देश देता था. घटना के लिए बस स्टैण्ड, ट्रेन, बस, आने जाने के रास्तों, मॉल-दुकानों, भीड़भाड़ के इलाकों का चुनाव करते. टारगेट व्यक्ति को बातों में उलझाए रखते और उनकी सहायता करने की कोशिश करते थे. पीछे एक व्यक्ति बैग आदि से सामान निकाल या बैग को लेकर पार हो जाता था.
वारदातें कबूली: इस चोर गिरोह द्वारा राजस्थान, दिल्ली, उतरप्रदेश, उतराखण्ड, हरियाणा व गुजरात के साथ राजस्थान सिरोही, जालौर, झुंझुनू, सीकर, चुरू, नागौर, जोधपुर ग्रामीण व जोधपुर कमिश्नरेट, सीकर, हनुमानगढ़, फलोदी, गंगानगर, सवाईमाधोपुर, पाली, भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर, जैसलमेर, बाड़मेर, जयपुर आदि कुल 40 से 50 अधिक स्थानों पर कार के माध्यम से बस स्टैण्ड, विभिन्न भीड़भाड़ व सुनसान रास्तों पर सोने-चांदी व नगदी की चोरी व नकबजनी की घटना करना स्वीकार किया है. यह संख्या 100 तक जा सकती है.