हमीरपुर: जिला हमीरपुर में चल रहे महज दो प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने के स्कैम मामले में विजिलेंस की जांच में लगातार खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में एक महिला और दो व्यक्तियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है. याचिका पर 20 नवंबर को सुनवाई होगी और विजिलेंस याचिका पर अपना पक्ष रखेगी.
विजिलेंस ने किया था ठगों का भंडाफोड़
19 अक्टूबर को महज दो प्रतिशत ब्याज पर ऋण मंजूर करवाने के नाम पर ठगी के मामले का विजिलेंस ने भंडाफोड़ किया था. 15 दिनों से अधिक की जांच में एक लाख से ज्यादा का कैश और बैंकिंग लेन-देन का खुलासा हुआ है. ठगी का ये जाल हमीरपुर से बाहर भी फैला हुआ था. इस मामले में बिलासपुर से भी शिकायतकर्ता सामने आए हैं. अभी तक इस मामले में 20 से ज्यादा लोग सामने आए हैं, जो कि इस गिरोह की ठगी का शिकार हुए हैं.
एसपी विजिलेंस कुलभूषण वर्मा ने कहा, "मामले में गहनता से छानबीन की जा रही है. हाईकोर्ट में कुछ लोगों ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. बिलासपुर के लोगों से ठगी की शिकायतें सामने आई हैं. इस मामले में विजिलेंस गंभीरता से जांच कर रही है."
हमीरपुर में चल रहा था जालसाजी का कारोबार
गौरतलब है कि ठगी की शिकायत मिलने के बाद हमीरपुर शहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में हिमाचल लघु उद्योग कल्याण संघ के नाम से चलाए जा रहे कार्यालय में विजिलेंस हमीरपुर ने दबिश दी थी. इस कार्यालय को कृष्ण चंद संचालित करता था. जबकि सुजानपुर की शिखा राणा यहां प्रबंधक के रूप में काम कर रही थी. वहीं, एक अन्य महिला आरोपी शिवानी एजेंट के रूप में लोगों को सस्ते ऋण का झांसा देकर शिखा राणा से मिलवाती थी. संघ के फर्जी कार्यालय के संचालक के घर से फर्जी बैंक के दस्तावेज भी विजिलेंस को मिले हैं. दस्तावेजों में बैंक नवी मुंबई जन कल्याण निधि लिमिटेड का दर्शाया गया है. आरोपी कृष्ण के घर से फर्जी बैंक की 500 के करीब पास बुक बरामद हुई थीं. इस मामले में अब 20 नवंबर को अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. याचिका दायर करने वाले तीनों लोग हमीरपुर के ही रहने वाले हैं.