हमीरपुर: जरिया थाना क्षेत्र में 18 दिन पूर्व (21 सितंबर) को चलती कार में महिला की हत्या मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस का दावा है कि वारदात के पीछे महिला का सगा भाई ही असली साजिशकर्ता है. उसने बहन के पूरे परिवार की हत्या की सुपारी 10 लाख रुपये में पेशेवर अपराधियों को दी थी. पुलिस इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन अभी दो हत्यारोपी गिरफ्त से बाहर हैं.
बता दें, 21 सितंबर को कानपुर नगर के थाना चौबेपुर निवासी सूरज यादव (40) अपनी पत्नी मीनू (अमन), बेटा रामजी (10), बेटी (ढाई साल) के साथ चित्रकूट दर्शन को कार से जा रहे थे. सफर के दौरान मीनू, सूरज, रामजी का गला घोंटकर फेंक दिया गया. जिसमें मीनू की मौत हो गई थी, लेकिन सूरज और रामजी की जान बच गई. वहीं ढाई साल की मासूम का आरोपी औरैया में छोड़ कर फरार हो गए थे.
पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा के अनुसार मामले की जांच में सूरज की पत्नी मीनू के भाई धर्मेंद्र की भूमिका संदिग्ध मिली. इस पर आरोपी किरदारों की गहनता से पड़ताल कराई गई. जांच में सामने आया कि सूरज की बहन की शादी 2007 में धर्मेंद्र से हुई थी. इसी दौरान सूरज की नजदीकियां धर्मेंद्र की बहन से बढ़ गईं और उसने सूरज से शादी कर ली और परिवार से दूर जाकर गुजरात में रहने लगी. इसके बाद उनकी दो संतानें हुईं. मीनू ने यह दूसरी शादी की थी. इसी से धर्मेंद्र नाराज था. कुछ साल पहले ही सूरज परिवार के साथ कानपुर आ गया था और जूता फैक्ट्री में कार्य कर रहा था. इसकी भनक धर्मेंद्र को लगी तो उसने मीनू और उसके पूरे परिवार को ठिकाने लगाने की ठान ली.
एसपी दीक्षा शर्मा के मुताबिक योजना के तहत धर्मेंद्र ने पेशेवर अपराधी चतुर सिंह और वीर सिंह से संपर्क किया और 10 लाख रुपये में हत्या की सुपारी दे दी. इसके बाद आरोपियों ने चित्रकूट दर्शन के निकले मीनू के परिवार को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. योजना के तहत कार में त्रिभुवन उर्फ चाचा उर्फ चतुर सिंह, जगमोहन उर्फ कल्लू और चालक थाना मंगलपुर कानपुर के नयापुरवा बौखर निवासी संजीव सवार हुए. रास्ते में त्रिभुवन ने कानपुर देहात के थाना रामपुर के किशनपुर निवासी अपने फूफा वीर सिंह को भी बैठा लिया.
प्लानिंग के तहत बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे से राठ की ओर मुड़ते ही सुनसान इलाका आते ही चतुर सिंह और कल्लू उर्फ जगमोहन ने सूरज, अमन और बेटे रामजी का गला घोंट दिया. इस दौरान सूरज किसी तरह चलती कार से कूद गया. इसके बाद आरोपियों ने मीनू और रामजी को मरा समझ कर बारी बारी फेंक दिया और फरार हो गए. हालांकि रामजी की जान बच गई. वहीं बेटी को औरैया में छोड़ा था. इस मामले में पहले कार चालक सहित दो आरोपियों को जेल भेजा गया था.
पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा के अनुसार इस वारदात में मीनू के भाई धर्मेंद्र की साजिश निकली है. जांच पड़ताल के बाद धर्मेंद्र और उसके साथी साजिशकर्ता जगमोहन उर्फ कल्लू को गिरफ्तार कर लिया है. इस वारदात में शामिल चतुर सिंह व वीर सिंह को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है.
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