राजगढ़: देश के कर्नाटक राज्य से हज यात्रा का सपना लेकर पैदल निकले सैयद जिलानी मंगलवार की रात लगभग 60 दिन का सफर तय करते हुए मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की सीमा सारंगपुर क्षेत्र में पहुंचे. जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा उनका इस्तकबाल किया गया. उनकी यह यात्रा दुनिया के पांच देशों से होते हुए पूरी होगी, जिसे वे लगभग एक वर्ष में पूर्ण करेंगे. हज के सभी अरकान (विधि विधान) को पूरा करने के पश्चात दुनिया में अमन चैन और शांति के लिए दुआ करेंगे. बुधवार और गुरुवार को भी उनकी यात्रा जिले के पचोर क्षेत्र में रही. जिसके पश्चात वे ब्यावरा होते हुए गुना जिले के लिए रवाना होंगे.
बचपन से थी पैदल हज यात्रा करने की ख्वाहिश
सैयद जिलानी ने बताया कि, "बचपन से ही मेरा इरादा और सपना था कि, मैं पैदल हज यात्रा पर जाऊं. भारत और विश्व में अमन-शांति की दुआ लेकर वह मक्का-मदीना जा रहे हैं.'' ओरंगाबाद से एक दोस्त मुजीब शेख भी उनके साथ चल रहे हैं, जो अटारी बार्डर तक उनके साथ जाएंगे. दोनों मंगलवार को सारंगपुर क्षेत्र के एबी रोड़ किनारे स्थित मऊ पहुंचे, जहां स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया.
रोजाना 20 से 25 KM का सफर तय कर रहे जिलानी
आपको बता दें कि, कनार्टक के यादगीर जिले के शाहपुर शहर से 28 जून 2024 को उनकी वालिदा (माता) और पत्नी (जिससे सात माह पहले ही उनकी शादी हुई) से मक्का-मदीना की हज यात्रा की इजाजत लेकर वे रवाना हुए. गर्मी ज्यादा है इसलिए वे रोजाना सुबह-शाम सिर्फ 20 से 25 किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं. रास्ते में हाइवे किनारे जो भी होटल मिल जाता है, वे वहां रुक जाते हैं. मई 2025 तक वे मक्का-मदीना पहुंच जायेंगे और उनकी यह यात्रा पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत, सहित सऊदी देशों से होकर पूरी होगी. जिसके पश्चात वे मक्का-मदीना पहुंचेगे. हज के सभी अरकान को पूरा करते हुए दुनिया में अमन चैन के लिए दुआ करेंगे.
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मई 2025 तक पहुंचेंगे मक्का-मदीना
कहते हैं कि अगर आपके मन में कुछ करने का जज्बा हो या लगन हो तो क्या नहीं हो सकता, बस इंसान का इरादा मजबूत होना चाहिए. ऐसा ही जज्बा लेकर कनार्टक के 35 वर्षीय सैयद जिलानी मक्का-मदीना की हज यात्रा पर पैदल निकल पड़े हैं. इस यात्रा के दौरान वे दुनिया के 5 देशों से होते हुए करीब 8500 किलोमीटर का सफर पैदल तय करेंगे. यात्रा में जिलानी को लगभग एक साल का समय लगेगा और वह अगले साल मई 2025 तक मक्का-मदीना पहुंचेंगे.