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शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर पाई थी शिक्षक की नौकरी, हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी में अंतरिम राहत से किया इंकार - शिक्षा अलंकार शिक्षक बर्खास्तगी

बस्ती के एक शख्स ने शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी हासिल की थी. वर्ष 2021 में इस नियुक्त को निरस्त कर दिया गया था. इस फैसले को हाईकोर्ट (High Court teacher dismissal hearing) में चुनौती दी गई थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 6:58 AM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान की शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षक की बर्खास्तगी में अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने शिक्षक की याचिका पर राज्य सरकार को 4 सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने यह आदेश बस्ती के किसान इंटर कॉलेज में नियुक्त रहे शिक्षक सूर्य प्रकाश पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दी. याची को वर्ष 1990 में राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर द्वारा जारी शिक्षा अलंकार उपाधि के आधार पर नियुक्ति दी गई थी. याची के अधिवक्ता ने संतोष यादव बनाम हरियाणा राज्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देकर याची की लंबी सेवाओं की तरफ कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सेवा समाप्ति को स्थगित किए जाने की मांग की.

याची के अधिवक्ता ने अलीगढ़ के गांधी स्मारक इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक देवेंद्र कुमार अग्रवाल का उदाहरण देते हुए बताया कि उक्त शिक्षक की नियुक्ति को वर्ष 2021 में शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर होने के कारण ही निरस्त कर दिया गया था, जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी. शिक्षक हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के आधार पर नियमित वेतन प्राप्त कर रहे हैं. इस प्रकार समानता के आधार पर स्थगन आदेश की मांग की.

कोर्ट ने विनोद कुमार उपाध्याय केस में हाईकोर्ट के आदेश पर विश्वास जताते हुए कहा कि 2011 में इस न्यायालय की पीठ इस डिग्री को अवैध करार दे चुकी है. उसके अनुपालन में ही याची की नियुक्ति को निरस्त किया गया है. इसी के साथ कोर्ट ने याची के अंतरिम अनुतोष प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव, आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सील किए जाएंगे गेस्ट हाउस

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान की शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षक की बर्खास्तगी में अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने शिक्षक की याचिका पर राज्य सरकार को 4 सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने यह आदेश बस्ती के किसान इंटर कॉलेज में नियुक्त रहे शिक्षक सूर्य प्रकाश पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दी. याची को वर्ष 1990 में राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर द्वारा जारी शिक्षा अलंकार उपाधि के आधार पर नियुक्ति दी गई थी. याची के अधिवक्ता ने संतोष यादव बनाम हरियाणा राज्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देकर याची की लंबी सेवाओं की तरफ कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सेवा समाप्ति को स्थगित किए जाने की मांग की.

याची के अधिवक्ता ने अलीगढ़ के गांधी स्मारक इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक देवेंद्र कुमार अग्रवाल का उदाहरण देते हुए बताया कि उक्त शिक्षक की नियुक्ति को वर्ष 2021 में शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर होने के कारण ही निरस्त कर दिया गया था, जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी. शिक्षक हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के आधार पर नियमित वेतन प्राप्त कर रहे हैं. इस प्रकार समानता के आधार पर स्थगन आदेश की मांग की.

कोर्ट ने विनोद कुमार उपाध्याय केस में हाईकोर्ट के आदेश पर विश्वास जताते हुए कहा कि 2011 में इस न्यायालय की पीठ इस डिग्री को अवैध करार दे चुकी है. उसके अनुपालन में ही याची की नियुक्ति को निरस्त किया गया है. इसी के साथ कोर्ट ने याची के अंतरिम अनुतोष प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.

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