ग्वालियर/बुरहानपुर: ग्वालियर के एग्रीकल्चर कॉलेज में संघ की शाखा आयोजित होने के बाद कुछ छात्रों ने इसका विरोध करते हुए कॉलेज में इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की है. वहीं बुरहानपुर में बंद हो चुकी बहादरपुर सहकारी सूत मिल के श्रमिकों के बकाया भुगतान का प्रस्ताव बनाकर सरकार को जिला प्रशासन के द्वारा भेज दिया गया है.
संघ की शाखा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
ग्वालियर के राजमाता कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एग्रीकल्चर कॉलेज में गुरुवार को संघ की शाखा के आयोजन से विवाद खड़ा हो गया है. यहां पढ़ने वाले अधिकांश छात्रों ने संघ की कॉलेज कैंपस में शाखा लगाए जाने पर गहरी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि इससे छात्रों की पढ़ाई कम राजनीति को ज्यादा बढ़ावा मिलेगा, इसलिए शाखा के आयोजनकर्ताओं और छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में कॉलेज कैंपस को पढ़ाई का केंद्र बना रहने दिया जाए न कि राजनीति का अखाड़ा. इससे नाराज कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रदेश की एकमात्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में जमीन पर बैठकर अपना विरोध जताया और नारेबाजी की. इस मामले को लेकर महाविद्यालय की डीन ने छात्रों को आश्वस्त किया है कि वह इस पूरे मामले की जांच करेंगी और भविष्य में इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाये जाएं, इसके बारे में भी अपने अधिकारियों से विचार विमर्श करेंगी.
सूत मिल के श्रमिकों को बुलाया गया कलेक्ट्रेट कार्यालय
बुरहानपुर के बहादरपुरा गांव में मप्र की पहली सहकारी क्षेत्र की बहादरपुर सहकारी सूत मिल स्थित है. ये मिल कुप्रबंधन के चलते 1999 में बंद हो चुकी है. इसके बाद यहां के करीब 1250 श्रमिक लंबे अरसे से अपने बकाया वेतन, पेंशन ग्रेच्युटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अब श्रमिकों का संघर्ष रंग लाया है. बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने श्रमिकों के प्रतिनिधियों से उनकी देनदारी को लेकर चर्चा की. कलेक्टर ने बहादरपुर सूत मिल के श्रमिकों को कलेक्टर कार्यालय बुलाया. उन्होंने श्रमिकों के बकाया भुगतान का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने की सूचना दी है.
ये भी पढ़ें: |
समिति का किया गया था गठन
करीब चार महीने पहले कलेक्टर ने जिला उद्योग अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने सभी श्रमिकों की बकाया राशि का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है. कलेक्टर भव्या मित्तल के मुताबिक, "मध्यप्रदेश की अन्य मिलों के जैसे बहादरपुर सूत मिल के श्रमिकों का बकाया भुगतान संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. इस संबंध में श्रमिकों और उनके प्रतिनिधियों को कार्यालय बुलाया गया. कलेक्टर की पहल के बाद श्रमिकों के चेहरे खुशी से खिल गए. बता दें कि जिस तरह प्रदेश की अन्य बंद पड़ी मिलों के श्रमिकों को भुगतान सरकार ने किया है. इसके बाद अब ऐसी उम्मीद जगी है कि इस बंद पड़ी मिल के श्रमिकों का भी शासन भुगतान जल्द ही कर देगा.