ग्वालियर। जिले के बिजौली इलाके के खेड़ा गांव में भगवान शिव के मंदिर में एक पुजारी रमेश बाबा का शव मिलने से सनसनी फैल गई. बाबा तकरीबन 70 साल से ज्यादा की उम्र के थे. वह 17 साल की उम्र में ही इस मंदिर पर भगवान की सेवा में आ गए थे, तब से वह यहीं रहते थे. ग्रामीणों ने जब सुबह गर्भ गृह में शिवलिंग के पुजारी का शव देखा तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस और एफएसएल के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया.
भगवान शिव से बातें करते थे पुजारी
बाबा रमेश महाराज के बारे में चर्चा है कि वह अकेले ही घंटों मंदिर में बैठे रहते थे. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि वह भगवान से काफी देर तक चर्चा करते रहते थे. यदि उन्होंने किसी के लिए भगवान से कुछ मांगा और वह पूरा नहीं हुआ तो वह रूठ भी जाया करते थे और दो-तीन दिन तक बिना अन्न जल के रहते थे. उम्र दराज रमेश महाराज ने किन परिस्थितियों में यह आत्महत्या की है, यह किसी को भी समझ नहीं आ रहा है.
आखिर क्यों पुजारी ने उठाया ऐसा कदम
ग्रामीणों ने इतना जरूर कहा है कि वह भगवान से बेहद प्रेम करते थे और उनके लगाव के कारण ही वे इस छोटे से मंदिर में ही रहते थे. शिवलिंग और नंदी के इस महादेव मंदिर में ग्रामीणों की बेहद आस्था है. रमेश महाराज ने अपनी पूरी उम्र इसी मंदिर में गुजार दी थी. उम्र के आखिरी पड़ाव में आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें आत्मघाती जैसा कदम उठाना पड़ा. इसे लेकर गांव में अलग-अलग चर्चाएं हैं. फिलहाल बिजौली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.