ग्वालियर : शहर में देवों के सेनापति भगवान कार्तिकेय का अनोखा मंदिर है. जिसके साल में एक ही बार 24 घंटे के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन पट खुलते हैं. इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने कतारबद्ध होकर भगवान कार्तिकेय के दर्शन किए. रात 12 बजे मंदिर के पट खुलते हैं. शुक्रवार सुबह 4 बजे से कार्तिकेय मंदिर में भक्तों की कतारें लग गईं. यह मध्यप्रदेश का इकलौता कार्तिकेय भगवान का मंदिर है.
मंदिर 400 साल पुराना, और भी भगवान विराजे हैं
ये मंदिर 400 साल से ज्यादा पुराना है. जहां भगवान कार्तिकेय के साथ गंगा-यमुना-सरस्वती की त्रिवेणी मूर्ति है. दूरदराज से भक्त यहां साल में एक बार खिंचे चले आते हैं. शहर के जीवाजीगंज में स्थित यह ऐसा मंदिर है, जहां कार्तिकेय स्वामी की 6 मुखी प्रतिमा स्थापित है. भगवान कार्तिकेय के साथ इस मंदिर में हनुमान जी, गंगा, जमुना, सरस्वती और लक्ष्मीनारायण आदि की प्रतिमाएं भी हैं. इन सभी मंदिरों में तो प्रतिदिन दर्शन होते हैं, लेकिन भगवान कार्तिकेय के साल में एक बार ही कार्तिक पूर्णिमा पर दर्शन होते हैं.
आधी रात को 12 बजे खुलते हैं मंदिर के पट
आधी रात के बाद साल में एक बार रात 12 बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं और विशेष श्रृंगार के बाद भगवान कार्तिकेय के दर्शन भक्तों को सुबह 4 बजे से होते है. देश के हर हिस्से से इस दिन भक्त कार्तिकेय भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. माना जाता है कि दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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भगवान कार्तिकेय की ये कथा अवश्य जानें
धार्मिक मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय एक बार नाराज होकर अज्ञात स्थान पर तपस्या करने चले गए. इसके बाद जब शिव, पार्वती उन्हें मनाने पहुंचे तो उन्होंने श्राप दिया कि जो स्त्री उनके दर्शन करेगी, वह सात जन्म तक विधवा हो जाएगी, जो पुरुष दर्शन करेगा वह सात जन्म तक नर्क में जायेगा. जब माता पार्वती ने उनसे कहा कि ऐसा कोई दिन बताएं, जब आपके दर्शनों का भक्तों को लाभ मिल सके, तब भगवान कार्तिकेय ने कहा कि मेरे जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा पर जो भक्त मेरे दर्शन करने आएगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.