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जल्द ही ग्वालियर रेल ट्रैक पर दौड़ेगा 'हवाई जहाज', 160 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी स्पीड - 160 kmph railway track in Gwalior

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 24, 2024, 10:17 PM IST

अब जल्द ही एमपी से ट्रेनें 160 की रफ्तार से दौड़ेंगी जिसके लिये रेल विभाग तेज़ी से काम में जुटा हुआ है. झांसी से मथुरा के बीच तीसरी रेल लाइन का काम लगभग पूरा होने वाला है. लेकिन इस तीसरी लाइन को इसकी पटरियां महत्वपूर्ण बना रही हैं, क्योंकि इन्हीं पटरियों पर ट्रेन को रफ़्तार मिलेगी.

160 KMPH RAILWAY TRACK IN GWALIOR
जल्द ही ग्वालियर रेल ट्रैक 160 किलोमीटर की स्पीड से फर्राटा भरेंगी ट्रेनें (Etv Bharat)

ग्वालियर। झांसी ग्वालियर मथुरा तीसरी लाइन प्रोजेक्ट के तहत भारतीय रेल विभाग पटरियां बिछाने से लेकर लाइन विद्युतीकरण का काम कर रहा है. काफ़ी हद तक इस लाइन का काम पूरा हो चुका है. मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गुजरने वाली यह तीसरी रेल लाइन इसलिए भी खास है क्योंकि इसी ट्रैक पर आने वाले समय में ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाना है.

ट्रैक पर बिछाई जा रही हैं विशेष पटरियां

झांसी से मथुरा तक तीसरी लाइन के जरिए 266 किलोमीटर लंबे ट्रैक का विस्तार किया जा रहा है. जिसके लिये इस रेल ट्रैक पर विशेष तौर पर SAIL ( स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड) द्वारा तैयार की गई R260 रेल (पटरियां) का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि रेलवे डेवलपमेंट एंड रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन के सभी मानकों पर यह खरी उतरी है. तीसरी लाइन का काम बहुत तेज़ी से पूरा करने का प्रयास है जिसके लिये झांसी से दतिया और दतिया से डबरा तक का ट्रैक पूरी तरह तैयार हो चुका है. साथ ही लाइन विद्युतीकरण का काम भी हो चुका है.

160 kmph railway track in Gwalior
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था R260 पटरियों का लॉट (ETV Bharat)

160 किलोमीटर से दौड़ेगी ट्रेन

झांसी रेल डिवीजन के पीआरओ मनोज सिंह के मुताबिक, "अभी डबरा से आंतरी के बीच काम लगभग पूरा है. सिर्फ आंतरी से ग्वालियर के बीच का हिस्सा बचा हुआ है, क्योंकि बड़े प्रोजेक्ट्स में थोड़ा समय तो लगता है. हालांकि आंतरी से ग्वालियर के बीच बचा हुआ काम भी एक से दो महीने में पूरा हो जाएगा. वहीं ग्वालियर से मुरैना, धौलपुर, आगरा और मथुरा तक तीसरे ट्रैक का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. ऐसे में ये उम्मीद जताई जा रही है कि जब भारतीय रेल विभाग ने दिल्ली मुंबई के बीच हाई स्पीड ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाने का फ़ैसला कर लिया है तो ऐसे में इस दबाव को झेलने के लिए पहले से अच्छी पटरियों की ओर जाना होगा और ऐसे में SAIL की 260 मीटर लंबी वेल्डेड पैनल के रूप में R260 एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह 550 मेगा पास्कल से अधिक की उच्च शक्ति के साथ न केवल कठिन बल्कि और अधिक दबाव वाले रेल यातायात को सहन करने में सक्षम है.

ग्वालियर से गुजरेंगी हाई स्पीड ट्रेन

आपको बता दें कि तीन दिन पहले ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर R260 का एक लॉट मालगाड़ी के ज़रिए पहुंचा था, जिसे आगे मथुरा की ओर भेजा गया है, जिससे जल्द से जल्द ग्वालियर से मथुरा के बीच नया ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो सके. क्योंकि माना जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनों में देश की पहली हाई स्पीड वन्दे भारत स्लीपर ट्रेन दिल्ली से मुंबई के बीच शुरू हो सकती है. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि यह ट्रेन ग्वालियर से गुजरने वाले नये ट्रैक पर चलायी जा सकती है और इसकी स्पीड शुरुआती फेज में 130 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी, लेकिन बाद में इसे 160 से 220 किमी प्रति घंटा तक ले जया जा सकता है.

ग्वालियर। झांसी ग्वालियर मथुरा तीसरी लाइन प्रोजेक्ट के तहत भारतीय रेल विभाग पटरियां बिछाने से लेकर लाइन विद्युतीकरण का काम कर रहा है. काफ़ी हद तक इस लाइन का काम पूरा हो चुका है. मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गुजरने वाली यह तीसरी रेल लाइन इसलिए भी खास है क्योंकि इसी ट्रैक पर आने वाले समय में ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाना है.

ट्रैक पर बिछाई जा रही हैं विशेष पटरियां

झांसी से मथुरा तक तीसरी लाइन के जरिए 266 किलोमीटर लंबे ट्रैक का विस्तार किया जा रहा है. जिसके लिये इस रेल ट्रैक पर विशेष तौर पर SAIL ( स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड) द्वारा तैयार की गई R260 रेल (पटरियां) का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि रेलवे डेवलपमेंट एंड रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन के सभी मानकों पर यह खरी उतरी है. तीसरी लाइन का काम बहुत तेज़ी से पूरा करने का प्रयास है जिसके लिये झांसी से दतिया और दतिया से डबरा तक का ट्रैक पूरी तरह तैयार हो चुका है. साथ ही लाइन विद्युतीकरण का काम भी हो चुका है.

160 kmph railway track in Gwalior
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था R260 पटरियों का लॉट (ETV Bharat)

160 किलोमीटर से दौड़ेगी ट्रेन

झांसी रेल डिवीजन के पीआरओ मनोज सिंह के मुताबिक, "अभी डबरा से आंतरी के बीच काम लगभग पूरा है. सिर्फ आंतरी से ग्वालियर के बीच का हिस्सा बचा हुआ है, क्योंकि बड़े प्रोजेक्ट्स में थोड़ा समय तो लगता है. हालांकि आंतरी से ग्वालियर के बीच बचा हुआ काम भी एक से दो महीने में पूरा हो जाएगा. वहीं ग्वालियर से मुरैना, धौलपुर, आगरा और मथुरा तक तीसरे ट्रैक का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. ऐसे में ये उम्मीद जताई जा रही है कि जब भारतीय रेल विभाग ने दिल्ली मुंबई के बीच हाई स्पीड ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाने का फ़ैसला कर लिया है तो ऐसे में इस दबाव को झेलने के लिए पहले से अच्छी पटरियों की ओर जाना होगा और ऐसे में SAIL की 260 मीटर लंबी वेल्डेड पैनल के रूप में R260 एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह 550 मेगा पास्कल से अधिक की उच्च शक्ति के साथ न केवल कठिन बल्कि और अधिक दबाव वाले रेल यातायात को सहन करने में सक्षम है.

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ग्वालियर से गुजरेंगी हाई स्पीड ट्रेन

आपको बता दें कि तीन दिन पहले ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर R260 का एक लॉट मालगाड़ी के ज़रिए पहुंचा था, जिसे आगे मथुरा की ओर भेजा गया है, जिससे जल्द से जल्द ग्वालियर से मथुरा के बीच नया ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो सके. क्योंकि माना जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनों में देश की पहली हाई स्पीड वन्दे भारत स्लीपर ट्रेन दिल्ली से मुंबई के बीच शुरू हो सकती है. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि यह ट्रेन ग्वालियर से गुजरने वाले नये ट्रैक पर चलायी जा सकती है और इसकी स्पीड शुरुआती फेज में 130 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी, लेकिन बाद में इसे 160 से 220 किमी प्रति घंटा तक ले जया जा सकता है.

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