ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उनकी राज्यसभा सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. थाने में दर्ज एक एफआईआर को लेकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने उनके नामांकन पत्र को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ थाने में FIR दर्ज होना किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है.
बीजेपी ने भेजा था राज्यसभा
ज्योतिरादित्य सिंधिया साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उनका चुनाव उनकी पारंपारिक गुना लोकसभा सीट पर था लेकिन जनता का साथ नहीं मिला और वे चुनाव हार गये. इसके बाद लगातार कांग्रेस में अनदेखी से आहत सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे. भारतीय जनता पार्टी ने बाद में सिंधिया को राज्यसभा के लिए भेजा था.
डॉ गोविंद सिंह ने लगाई थी याचिका
राज्यसभा सांसद बनने के बाद सिंधिया के खिलाफ तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने उनके नामांकन पत्र को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. उन्होंने सिंधिया की सांसदी को चुनौती देते हुए आरोप लगाया था कि सिंधिया ने नामांकन में एफआईआर की जानकारी छिपाई थी. उन्होंने दिये शपथ पत्र में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में दर्ज एक क्रिमिनल केस के संबंध में हुई FIR की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था.
ये भी पढ़ें: |
'FIR दर्ज होना अपराध की श्रेणी में नहीं'
साल 2020 में दायर हुई याचिका पर कई बार सुनवाई हुई और आखिर में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने डॉ गोविंद सिंह की याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ थाने में FIR दर्ज होना किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. इस आधार पर सिंधिया के खिलाफ लगाई गई याचिका को रद्द कर दिया गया. हाईकोर्ट के इस फैसले से सिंधिया को बड़ी राहत मिली है.