भोपाल। विश्व धरोहर स्थल खजुराहो में "50वां खजुराहो नृत्य समारोह" धूमधाम से मनाया गया. 20 फरवरी से शुरु हुए समारोह में जहां कथक कुंभ देखने को मिला वहीं कई कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी. कई लोगों को पुरुस्कार भी दिये गए. उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार-2024 खजुराहो में दिया गया. जिसमें ग्वालियर के अनूप शिवहरे, बलवंत सिंह भदौरिया, उमेंद्र वर्मा और अनुराग जडिया रूपंकर कला अवार्ड दिया गया.
कलाकारों ने किया ग्वालियर का नाम रोशन
ग्वालियर के चार कलाकारों ने ग्वालियर का नाम रोशन किया है. अवार्ड पाने वाले कलाकार अनूप शिवहरे ने पुरुस्कार मिलने पर खुशी जताते हुए कहा कि ''इस पुरस्कार के लिए कैनवास पर एक्रलिक रंगों के जरिये बने तीन चित्र भेजे थे. मैंने चित्र में प्रकृति को दर्शाया था. जिसे काफी सराहा गया.'' बता दें कि अनूप वर्तमान में शासकीय ललित कला संस्थान ग्वालियर में अतिथि टीचर के रूप में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने इसी कॉलेज से वर्ष 1992 में मूर्तिकला संकाय में शिक्षा हासिल की थी.
वहीं, बलवंत सिंह भदौरिया ने इसी शासकीय ललित कला संस्थान ग्वालियर से 2001 में एमएफए की डिग्री हासिल की है. उन्हें एक्रलिक आन कैनवास से सर्जित सिटी स्केप-1 को पुरस्कार के लिए चुना गया. वर्तमान में बलवंत डॉ. हरि सिंह गौर विवि सागर में कला विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. बलवंत वर्ष 2022 में जहांगीर आर्ट गैलरी में एकल प्रदर्शन में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं.
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कलाकारों को रूपंकर कला पुरस्कार
इसी कला संस्थान के पूर्व छात्र अनुराग जडिया की एक्रलिक आन कैनवास से बनी यात्रा-2 चित्र और उमेंद्र वर्मा की चारकोल आन कैनवास से बनी शिव साधना-1 चित्र को पुरस्कार के लिए चुना गया है. चयनित कलाकारों को 20 फरवरी को खजुराओ नृत्य समारोह में सीएम मोहन यादव ने रूपंकर कला पुरस्कार से नवाजा. उन्हें शौल, श्री फल, 51 हजार रूपये की राशि व प्रशस्ति पत्र से देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी भी मौजूद रहे.