ग्वालियर। कतर की जेल में डेढ़ साल से बंद 8 पूर्व भारतीय सैनिकों की रिहाई की खबर उनके परिवारों के लिए जीवन ज्योति के समान है. कतर से 8 में से 7 भारतीयों की वापसी हो चुकी है. इन्ही में शामिल पूर्व कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी ग्वालियर से संबंध रखते हैं, यहां उनकी बहन रहती हैं. भाई की रिहाई की खबर सुनने के बाद वे भारत सरकार का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहीं.
कतर ने रिहा किये पूर्व भारतीय सैनिक
पूर्व कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी की बहन डॉ मीतू भार्गव को जब इस बात की जानकारी लगी कि उनके भाई कतर में जेल से रिहा हो गये तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि ''उन्हें रविवार रात में ही इस बात की सूचना मिली थी कि कतर ने सभी 8 भारतीय पूर्व सैनिकों को रिहा कर दिया है जिनमें उनके भाई भी शामिल हैं. उससे भी ज्यादा खुशी इस बात को लेकर रही कि 8 में से सात लोग वापस भारत के वापसी कर चुके हैं.''
खुशी अभी अधूरी, भाई की भारत वापसी का इंतजार
डॉ. मीतू भार्गव का कहना है कि ''प्रधानमंत्री के इस प्रयास का जितना आभार किया जाये कम है. हालांकि उनकी खुशी अभी अधूरी है, क्योंकि वो आठवें भारतीय जो अब तक भारत वापस नहीं आ सके हैं वे उनके ही भाई पूर्व कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी हैं. फिलहाल उन पर ट्रैवल बैन लगा हुआ है. वे अभी तो अपने परिवार के पास कतर में हैं लेकिन जल्द ही सभी के साथ भारत लौटकर जाएंगे.'' इसके लिए उन्होंने भारत के पीएम मोदी और कतर के अमीर को धन्यवाद दिया है. साथ ही कहा है कि ''भारत सरकार अब उनके भाई की भारत वापसी के प्रयास करे वे बस यही चाहती हैं.''
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भाई से की बात, देखने में उनकी हालत काफी अच्छी है
डॉ. मीतू भार्गव के मुताबिक उन्होंने अपने भाई से फोन पर बातचीत की थी, वे अपने घर में सुरक्षित हैं और काफी अच्छी हालत में हैं. उन्हें इस तरह देखकर इतनी खुशी है कि उसे बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं.