ग्वालियर। ऐतिहासिक दुर्ग की तलहटी में आग लगने से वहां फैली हरियाली जलकर राख हो गई. आग लगने के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन समझा जाता है कि किसी ने जलती हुई बीड़ी या अन्य सामग्री को फेंक दिया, जिससे यह आग गर्मी और पतझड़ के चलते भड़क गई. गुरुवार दोपहर को एक पत्थर की बावड़ी गोपाचल पर्वत के आसपास इलाके में आग फैलती देखी तो लोगों ने पुलिस और प्रशासन को सूचित किया. इसके बाद फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंच गई और आग को काबू पाया.
शरारती तत्व की हरकत!
खास बात यह है कि करीब तीन सौ फीट ऊंचाई वाले किले के बीच के हिस्से यानी गोपालचाल पर्वत के आसपास के जंगल में यह आग फैली हुई थी. किला तलहटी इलाके में आग लगने की खबर के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और आग पर काबू करने की कोशिश शुरू कर दी. पता चला है कि यहां आग लगना अपने आप में आश्चर्यजनक है क्योंकि इस तरह की पहले कभी घटना इस जंगल में नहीं हुई है. इसलिए इसमें किसी शरारती तत्व की हरकत के बारे में से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
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दमकल की गाड़ियों ने पाया आग पर काबू
गोपाचल पर्वत और जैन समाज से जुड़े पदम बारिया अजीत बारिया कहते हैं कि ''पत्थर की बावड़ी से लेकर लक्ष्मण तलैया तक का इलाका आपस में जुड़ा हुआ है, यह जमीन से ऊपर है. इस बीच के हिस्से में उन्होंने गोपाचल पर्वत के आसपास काफी पेड़ पौधे लगाए हैं और यहां हरियाली फैली हुई है. शरारती तत्व यहां आ जाते हैं और वह अक्सर नाच गाना करते हैं. उनके द्वारा भी यहां आग लगाई जाने की संभावना है. वहीं फायर ब्रिगेड का कहना है कि आग पर काबू पा लिया गया है.