ग्वालियर। ग्वालियर जिले के गिरवाई समेत कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां बीते कई सालों से किसान अनाप-शनाप बिजली बिलों से परेशान हैं. पूरे प्रदेश में किसानों के लिए सरकार ने फ्लैट रेट पर बिजली की व्यवस्था की है, वहीं ग्वालियर के गिरवी क्षेत्र के किसान 2016 से ही इस प्रवधान से वंचित हैं. इसी का नतीजा है कि बिजली के भारी भरकम बिलों का बोझ किसानों पर है. जब पानी सिर से ऊपर जाने लगा है तो सैकड़ों किसानों ने ग्वालियर स्थित ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले का घेराव किया.
ट्रैक्टर ट्रॉलियों से ऊर्जा मंत्री के आवास पर पहुंचे किसान
ट्रैक्टर ट्रॉलियों से ऊर्जा मंत्री के बंगले पर पहुंचे किसानों ने धरना देते गए जमकर नारेबाजी की. साथ ही अपने साथ लाये फूलों की खराब हुई फसल मंत्री के बंगले के गेट पर अर्पित किए. ETV भारत से बात करते हुए किसानों का कहना है कि पूरे देश मे किसानों के लिए फ्लैट रेट बिजली की व्यवस्था है. ये मध्यप्रदेश के सभी जिलों में भी लागू है. यहां तक कि ग्वालियर में भी है लेकिन गिरवाई क्षेत्र के किसानों को 2016 से बिजली विभाग ने मनमानी करते हुए वंचित रखा है. जिसकी वजह से बिजली के मनमाने बिलों का बोझ उन पर पड़ रहा है.
किसानों का आरोप- उद्योगपतियों को बसाने किसानों को कर रहे बर्बाद
किसानों का कहना है कि गिरवाई, अजयपुर, बीरपुर, हारकोटासीन, बेलदार का पूरा समेत कुछ ऐसे गांव हैं जहां किसानों को फ्लैट रेट बिजली नहीं दी जा रही है. फ्लैट रेट बिजली इसलिये दी जाती है कि किसान खेती कर सकें. लेकिन गिरवाई समेत आधा दर्जन गांव में ये व्यवस्था इसलिए लागू नही जा रही है, क्योंकि वहां उद्योगपतियों को बसाने के लिए किसानों को बर्बाद किया जा रहा है. किसानों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं. वे अपनी फसल के फूल लेकर आये हैं. ठीक से बिजली मिलती तो पानी की व्यवस्था होती और फूलों की फसल बेहतर उगती. अब इन फूलों को मंत्री जी को चढ़ाने के लिए लाए हैं.
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वहीं बातचीत के दौरान मंत्री तोमर भी मौके पर ही पहुंच गए. ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे बातचीत की. उन्होंने किसानों की समस्या की जानकारी नहीं होने के बारे में बताया. किसानों से बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि समस्या का निराकरण किया जाएगा. किसानों की समस्या वह समझते हैं. किसानों के बकाया बिलों की कुछ राशि जमा करने और सहमति हुई है. आगे व्यवस्था पर भी काम किया जाएगा. बाद में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किसानों की आय समस्याएं सुनते हुए उन्हें अपने हाथों से चाय पिलाई और रवाना किया. हालांकि फ्लैट रेट पर बिजली कब उपलब्ध कराई जाएगी इस बात का कोई स्पष्ट जवाब किसानों को नही मिल सका है.