ग्वालियर: ठग ठगी के नये नये तरीके इजाद करते हैं. डिजिटल अरेस्ट, एटीएम स्वैप, लोन ऐप और ना जाने क्या-क्या तरीके लोगों को फंसाने के लिए उपयोग करते हैं, लेकिन ग्वालियर में तो एक कोरियर संचालक का फर्जी आधार कार्ड तैयार कर एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से 30 लाख रुपये का लोन ले डाला और पीड़ित को इस बात की भनक तक नहीं लगी.
सिविल स्कोर के ज़रिये सामने आया फ्रॉड
असल में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के सिटी सेंटर में रहने वाले संजीव पेशे से कोरियर संचालक हैं. हाल ही में उन्होंने क्राइम ब्रांच में लाखों के फ्रॉड की शिकायत की है. ग्वालियर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक षियाज केएम ने बताया कि, 'संजीव शर्मा द्वारा शिकायत करते हुए बताया गया है कि, उन्हें लोन लेना था. लोन सिविल स्कोर के आधार पर मिलता है. इसके लिए उन्होंने इंटरनेट ऐप के जरिए अपना सिविल स्कोर चेक किया, तो वे यह देख कर दंग रह गये कि उनका सिविल स्कोर बिना किसी लोन के काफी कम था. जब उन्होंने उसकी डिटेल चेक की तो पता चला कि उनके नाम पर एलआईसी का हाउसिंग लोन है.
फर्जी आधार कार्ड लगाकर निकाला गया लोन
अपने ऊपर बिना लोन लिए जब 30 लाख का कर्जा होने की बात संजीव को पता चली तो, उन्होंने तुरंत एलआईसी ऑफिस का रुख किया और पता करने पर जानकारी मिली कि उनके नाम से इतना बड़ा लोन जारी हुआ है. इस फ्रॉड को समझते ही उन्होंने सीधा ग्वालियर क्राइम ब्रांच में शिकायत की. जब क्राइम ब्रांच ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की तो एलआईसी द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज में लगाया गया आधार फर्जी निकला. हालांकि पुलिस अब भी मामले के आरोपी के बारे में जांच कर रही है.
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शक के दायरे में लोन जारी करने वाले
इस पूरे केस में शक की सुई एलआईसी ऑफिस के कर्मचारियों पर भी लगी हुई है, क्योंकि कोई भी लोन स्वीकृत होने से पहले घर से लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान तक का सर्वे होता है, फोटोग्राफी होती है, बैंक खाते का स्टेटमेंट, ट्रांजेक्शन और तमाम औपचारिकताएं और वेरिफिकेशन पूरे किए जाते हैं. ऐसे में सवाल इस बात पर खड़ा हो रहा है कि एलआइसी हाउसिंग फाइनेंस द्वारा बिना किसी पड़ताल के लोन कैसे जारी कर दिया, इसलिए अब जिन्होंने लोन जारी किया है वह कर्मचारी भी शक के दायरे में आ चुके हैं.