ग्वालियर : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर ग्वालियर में आयोजित 'एक शाम अटल जी के नाम' तीन दिवसीय कार्यक्रम शरू हुआ. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने अटल जी के बारे में कहा कि "मेरे लिए अटलबिहारी वाजपेयी अभूतपूर्व प्रधानमंत्री हैं." इसके बाद आशुतोष राणा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा "बड़ी खुशी का विषय है कि आज हम ऋषि की तपोभूमि पर आए हैं. अटल जी ऐसे राजनेता रहे हैं, जिनकी मूल आत्मा साहित्यिक रही. साहित्य के साथ सरस्वती जी के साथ उनका बड़ा नाता रहा. यह गौरव और आनंद का विषय है कि मुझे उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का मौक़ा मिला."
साहित्य और सिनेमा हमें पशुओं से अलग बनाता है
आशुतोष राणा ने कहा "सिनेमा हो, साहित्य हो या समाचार हो, चाहे तो यह जोड़ने का काम कर सकता है और चाहे तो तोड़ने का काम भी कर सकता है. मनुष्य और पशुओं के बीच क्या अंतर है. हम क्यों पशुपति हो गए क्यों मनुष्य नहीं बन पाए. अगर पशुओं को देखें तो वे सिर्फ़ अपनी प्रजाति का ही संरक्षण कर सकते हैं लेकिन मनुष्य परमात्मा की ऐसी रचना है जो चर, अचर, जीव सबका पालन और संरक्षण कर सकता है. साहित्य, संगीत, सिनेमा जोड़ने की रासायनिक प्रक्रिया है. यह गणित का नहीं रसायन का विषय है."
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ओटीटी कंटेंट को लेकर भी दी प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा है कि OTT प्लेटफ़ॉर्म पर बहुत से अच्छे प्रयोग भी हो रहे हैं. ये हमारे ऊपर है कि अगर कोई शराब परोसे और दूध का ग्लास रखे तो क्या लेंगे. हम सिर्फ़ दूसरों पर आक्षेप लगा रहे हैं. अगर हम स्वीकार करना बंद कर दें, देखना सुनना बंद करते हैं तो आप देखेंगे कि अश्लील चीज़ें शालीनता में बदल जाएंगी. आशुतोष राणा ने कहा "हमने तो भारतीय सिनेमा भी किया है और साउथ सिनेमा भी किया है. मेरा मानना है कि सिनेमा सिनेमा होता है भारत भारत होता है, पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण जब हम अखंड भारत को देखेंगे तो साहित्य, सिनेमा और संगीत का आनंद आने लगेगा." कार्यक्रम में अटल जी के भांजे व पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर समेत कई राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं.