कोटा. पूर्व विधायक और कोटा बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल पर अवैध माइनिंग का मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके बाद अब उनके भाई रामरतन को भी यूआईटी ने नोटिस जारी किया है, जिसमें यूआईटी की जमीन पर अवैध कब्जे की बात कही है. लगातार हो रही इन कार्रवाइयों के विरोध में गुर्जर समाज उतर गया है. गुर्जर समाज ने गुरुवार को टिपटा स्थित देवनारायण मंदिर पर एक बैठक की. इसमें एक राय होकर समाज ने प्रहलाद गुंजल और उनके परिवार पर हो रही कार्रवाइयों को रोकने की मांग राज्य सरकार से की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कार्रवाई नहीं रोकी तो वह उग्र प्रदर्शन से भी नहीं पीछे हटेंगे.
शहीद हुए तो नहीं पीछे हटेंगे : समाज के नेता सांवरिया गुर्जर ने कहा कि कोटा ही नहीं बूंदी और सांगोद में भी गुर्जर समाज के लोगों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. प्रहलाद गुंजल हमारे समाज के हैं और वरिष्ठ नेता भी रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दबाव में आखर लगातार उनपर कार्रवाई हो रही है. उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज ने 2008 में भी वसुंधरा राजे के शासन में आंदोलन किया था, तब 72 गुर्जर शहीद हो गए थे. अब भजनलाल के शासन में 100 गुर्जर भी शहीद हो जाएंगे, तब भी हम पीछे नहीं हटेंगे. ट्रेन, बस, हाईवे से लेकर एक्सप्रेस वे तक भी जाम कर दिए जाएंगे. सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. अब 26 मई के दिन देवनारायण मंदिर पर ही एक बड़ी बैठक रखी गई है, जिसमें बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोगों को बुलाया गया है. कार्रवाई नहीं रोकी गई तो बड़े आंदोलन का निर्णय इसमें लिया जाएगा.
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अनर्गल तरीके से दबाव बनाया जा रहा : बैठक में मौजूद डॉ. बीएल गोचर ने आरोप लगाया कि प्रहलाद गुंजल कोटा बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, इसीलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है. उनपर अनर्गल तरीके से दबाव बनाया जा रहा है. लगातार पुलिस, खनन विभाग, प्रशासन, यूआईटी व वन विभाग दबाव बना रहा है. यह कार्रवाई अगर नहीं रोकी गई या किसी अन्य गुर्जर समाज के व्यक्ति को परेशान किया गया तो गुर्जर समाज चुप नहीं बैठेगा.