ETV Bharat / state

नाबालिग लड़की का 7 साल बाद भी सुराग नहीं, MP हाई कोर्ट ने CBI को सौंपी जांच - GUNA MINOR GIRL KIDNAPPED

गुना जिले के बहुचर्चित नाबालिग लड़की के अपहरण की जांच अब सीबीआई करेगी. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है.

Guna minor girl kidnapped
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की खंडपीठ ग्वालियर (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 18, 2024, 6:17 PM IST

ग्वालियर: नाबालिग बेटी के अपहरण मामले में पिता ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी. पिछले 7 सालों से यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है. अब हाई कोर्ट ने माना कि पुलिस की जांच में गंभीर खामियां रही हैं. इसलिए नाबालिग लड़की का अब तक पता नहीं चल सका है. हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि गुना पुलिस दो सप्ताह के भीतर इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज नार्को, पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट सीबीआई के सुपुर्द करे. सीबीआई जल्द से जल्द इस मामले की जांच कर लड़की का पता लगाए.

हाई कोर्ट का आदेश- दोषियों को बख्शा न जाए

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. यदि पुलिस की लापरवाही पाई पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. गुना के आरोन थाना प्रभारी रहे अभय प्रताप सिंह की भूमिका पर भी हाईकोर्ट ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. इस मामले में अपहरण के आरोपी जितेंद्र प्रजापति को मुख्य मास्टरमाइंड बताया गया. पुलिस ने इस संवेदनशील मामले में किस तरह की जांच की है, यह इसी से पता चलता है कि लड़की के अपहरण के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान अधीनस्थ न्यायालय में पेश नहीं किए गए, जबकि हाईकोर्ट में इन बयानों को अभियोजन की ओर से दिखाया गया था.

गुना की लड़की के अपहरण की जांच सीबीआई करेगी (ETV BHARAT)

अपहरण का आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

बता दें कि साल 2017 में जब यह नाबालिग लड़की आरोन इलाके से गायब हुई थी, तब उसकी उम्र 16 साल थी. लड़की अपने अपहरण के बाद कहां चली गई, इसे लेकर पुलिस की जांच प्रगति सिफर रही. कोर्ट ने भी पुलिस द्वारा बताए गए मुख्य आरोपी जितेंद्र को को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. जितेंद्र ने यह तो माना कि उसकी लड़की से मुलाकात थी, लेकिन लड़की कहां है, इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है, यह बात जितेंद्र के नार्को टेस्ट में भी सामने आई थी. ये जानकारी पीड़ित के अधिवक्ता अनिल श्रीवास्तव ने दी.

ग्वालियर: नाबालिग बेटी के अपहरण मामले में पिता ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी. पिछले 7 सालों से यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है. अब हाई कोर्ट ने माना कि पुलिस की जांच में गंभीर खामियां रही हैं. इसलिए नाबालिग लड़की का अब तक पता नहीं चल सका है. हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि गुना पुलिस दो सप्ताह के भीतर इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज नार्को, पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट सीबीआई के सुपुर्द करे. सीबीआई जल्द से जल्द इस मामले की जांच कर लड़की का पता लगाए.

हाई कोर्ट का आदेश- दोषियों को बख्शा न जाए

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. यदि पुलिस की लापरवाही पाई पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. गुना के आरोन थाना प्रभारी रहे अभय प्रताप सिंह की भूमिका पर भी हाईकोर्ट ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. इस मामले में अपहरण के आरोपी जितेंद्र प्रजापति को मुख्य मास्टरमाइंड बताया गया. पुलिस ने इस संवेदनशील मामले में किस तरह की जांच की है, यह इसी से पता चलता है कि लड़की के अपहरण के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान अधीनस्थ न्यायालय में पेश नहीं किए गए, जबकि हाईकोर्ट में इन बयानों को अभियोजन की ओर से दिखाया गया था.

गुना की लड़की के अपहरण की जांच सीबीआई करेगी (ETV BHARAT)

अपहरण का आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

बता दें कि साल 2017 में जब यह नाबालिग लड़की आरोन इलाके से गायब हुई थी, तब उसकी उम्र 16 साल थी. लड़की अपने अपहरण के बाद कहां चली गई, इसे लेकर पुलिस की जांच प्रगति सिफर रही. कोर्ट ने भी पुलिस द्वारा बताए गए मुख्य आरोपी जितेंद्र को को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. जितेंद्र ने यह तो माना कि उसकी लड़की से मुलाकात थी, लेकिन लड़की कहां है, इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है, यह बात जितेंद्र के नार्को टेस्ट में भी सामने आई थी. ये जानकारी पीड़ित के अधिवक्ता अनिल श्रीवास्तव ने दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.