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बेजुबान जानवरों-पक्षियों को बचाने की अनोखी पहल ; नहर खोदो अभियान शुरू, रोजगार के साथ पर्यावरण का संरक्षण - Gul Khodo Maha Campaign - GUL KHODO MAHA CAMPAIGN

यूपी के बलरामपुर जिले में जिला प्रशासन ने अनोखी पहल (Gul Khodo Maha Campaign) शुरू की है. जिलाधिकारी ने गूल खोदो महा अभियान (छोटी नहर) की शुरुआत की है. इस महा अभियान से जिले के करीब 6 लाख मनरेगा मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा.

जिला प्रशासन ने शुरू किया गूल खोदो महा अभियान
जिला प्रशासन ने शुरू किया गूल खोदो महा अभियान (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 17, 2024, 9:53 PM IST

जानकारी देते जिलाधिकारी अरविंद सिंह. (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

बलरामपुर : भीषण गर्मी से बेजुबान जानवरों एवं पक्षियों की जान बचाने के जिला प्रशासन ने अनोखी पहल शुरू की है. किसानों के साथ-साथ जीव जंतुओं को पीने का पानी मुहैया कराने, जल संचयन एवं भूगर्भ जल स्तर को सुधारने के लिए डीएम अरविन्द सिंह ने गूल खोदो महा अभियान (छोटी नहर) की शुरुआत की है. इस महा अभियान से जिले के करीब 6 लाख मनरेगा मजदूरों को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि, किसानों को सिंचाई के लाभ के साथ-साथ बाढ़ की विभीषिका से भी राहत मिलेगी.

जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि श्रीदत्तगंज और उतरौला विकास खंडों से इस महा अभियान की गूल खोदकर शुरुआत की. इस महाअभियान के तहत जिले के 793 ग्राम सभाओं में करीब 1500 स्थानों पर गूल खोदने का कार्य शुरू किया गया. बेजुबान जानवरों एवं पक्षियों को भीषण गर्मी से बचाने, पीने का पानी मुहैया कराने, जल संचयन एवं भूगर्भ जल स्तर को सुधारने के लिए ग्राम पंचायतों में सहायता मिलेगी. इस महा अभियान से 5 लाख 84 हजार मनरेगा मजदूरों को रोजगार मिलेगा तथा गावों से पलायन रुकेगा. इस अभियान पर 13 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च आने की संभावना है. महाअभियान से एक ओर जहां भीषण गर्मी में बेजुबान जानवरों को पीने का पानी मिल सकेगा वहीं, दूसरी ओर नहरों का पानी जो व्यर्थ चला जाता है उसे गूलों के माध्यम से तालाबों को भरवाने का काम होगा जो किसानों को सिंचाई कार्य में मदद मिलेगी. साथ ही जलसंचयन में बेहद उपयोगी सिद्ध होगा.

महाअभियान से नहरों एवं जलाशयों का पानी गूलों के बाढ़ नियंत्रण में भी बेहद कारगर साबित होगा. वर्तमान में ज्यादातर खेत खाली हैं और फसलों की सिंचाई का कार्य नहीं हो रहा, जिससे संचालित नहरों का पानी व्यर्थ चला जा रहा है, इसलिए नहरों के पानी का सदुपयोग करते हुए गूलों को भराया जा रहा है. इस समय गर्मी पूरे शबाब पर है. धरती आसमान सब तप रहे हैं. बेजुबान जानवर और पशु-पक्षियों गर्मी के कारण पानी के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा. इस अभियान से जहां एक ओर पशु-पक्षियों को पीने का पानी मिलेगा वहीं, किसानों के लिए भी यह अभियान वरदान साबित होने वाला है. गूल खोदो महा अभियान से हर वर्ष पूर्वाचल में तबाही मचाने वाली बाढ़ की विभाषका को कम करने में भी सहायता मिलेगी. साथ ही विभीषिका से होने वाली सैकड़ों जिंदगियों को बचाया जा सकेगा.

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जानकारी देते जिलाधिकारी अरविंद सिंह. (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

बलरामपुर : भीषण गर्मी से बेजुबान जानवरों एवं पक्षियों की जान बचाने के जिला प्रशासन ने अनोखी पहल शुरू की है. किसानों के साथ-साथ जीव जंतुओं को पीने का पानी मुहैया कराने, जल संचयन एवं भूगर्भ जल स्तर को सुधारने के लिए डीएम अरविन्द सिंह ने गूल खोदो महा अभियान (छोटी नहर) की शुरुआत की है. इस महा अभियान से जिले के करीब 6 लाख मनरेगा मजदूरों को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि, किसानों को सिंचाई के लाभ के साथ-साथ बाढ़ की विभीषिका से भी राहत मिलेगी.

जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि श्रीदत्तगंज और उतरौला विकास खंडों से इस महा अभियान की गूल खोदकर शुरुआत की. इस महाअभियान के तहत जिले के 793 ग्राम सभाओं में करीब 1500 स्थानों पर गूल खोदने का कार्य शुरू किया गया. बेजुबान जानवरों एवं पक्षियों को भीषण गर्मी से बचाने, पीने का पानी मुहैया कराने, जल संचयन एवं भूगर्भ जल स्तर को सुधारने के लिए ग्राम पंचायतों में सहायता मिलेगी. इस महा अभियान से 5 लाख 84 हजार मनरेगा मजदूरों को रोजगार मिलेगा तथा गावों से पलायन रुकेगा. इस अभियान पर 13 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च आने की संभावना है. महाअभियान से एक ओर जहां भीषण गर्मी में बेजुबान जानवरों को पीने का पानी मिल सकेगा वहीं, दूसरी ओर नहरों का पानी जो व्यर्थ चला जाता है उसे गूलों के माध्यम से तालाबों को भरवाने का काम होगा जो किसानों को सिंचाई कार्य में मदद मिलेगी. साथ ही जलसंचयन में बेहद उपयोगी सिद्ध होगा.

महाअभियान से नहरों एवं जलाशयों का पानी गूलों के बाढ़ नियंत्रण में भी बेहद कारगर साबित होगा. वर्तमान में ज्यादातर खेत खाली हैं और फसलों की सिंचाई का कार्य नहीं हो रहा, जिससे संचालित नहरों का पानी व्यर्थ चला जा रहा है, इसलिए नहरों के पानी का सदुपयोग करते हुए गूलों को भराया जा रहा है. इस समय गर्मी पूरे शबाब पर है. धरती आसमान सब तप रहे हैं. बेजुबान जानवर और पशु-पक्षियों गर्मी के कारण पानी के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा. इस अभियान से जहां एक ओर पशु-पक्षियों को पीने का पानी मिलेगा वहीं, किसानों के लिए भी यह अभियान वरदान साबित होने वाला है. गूल खोदो महा अभियान से हर वर्ष पूर्वाचल में तबाही मचाने वाली बाढ़ की विभाषका को कम करने में भी सहायता मिलेगी. साथ ही विभीषिका से होने वाली सैकड़ों जिंदगियों को बचाया जा सकेगा.

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