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अगर आपका जर्जर घर गंगा के 200 मीटर दायरे में है तो मरम्मत संग कर सकते रखरखाव, जान लीजिए ये नियम - VARANASI NEWS

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास जर्जर मकान ढहने के हादसों के बाद जिला प्रशासन (VARANASI NEWS) अलर्ट हो गया है. गंगा किनारे मकान के निर्माण और पुनर्निर्माण के संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी गई है.

मकान के निर्माण और पुनर्निर्माण के संबंध में गाइडलाइन जारी
मकान के निर्माण और पुनर्निर्माण के संबंध में गाइडलाइन जारी (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 12, 2024, 11:51 AM IST

वाराणसी : बीते कुछ दिनों से जर्जर मकानों के गिरने का सिलसिला जारी है. गंगा किनारे पुराने बनारस में मौजूद सैकड़ों साल पुराने मकान के जर्जर हालत में होने के बाद इनकी मरम्मत न हो पाने की वजह से इन मकानों पर खतरा मंडरा रहा है. अभी भी ऐसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसे जर्जर भवन हैं, जिनको मरम्मत का इंतजार है, लेकिन गंगा नदी तट से 200 मीटर के दायरे में मकान के निर्माण और मरम्मत को लेकर कन्फ्यूजन की वजह से लोग मकान में हाथ लगवाने से भी डरते हैं, लेकिन अब वाराणसी विकास प्राधिकरण स्पष्ट कर रहा है कि किन मानकों के आधार पर जर्जर और पुराने भवन जो गंगा नदी के 200 मीटर के दायरे में है, उनका रखरखाव और मरम्मत की जा सकेगी.



इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा का कहना है कि लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं, लेकिन कुछ मानक हैं जिनको ध्यान में रखकर कोई भी यह कार्य कर सकता है. उन्होंने बताया कि वाराणसी में गंगा नदी तट से 200 मीटर के अन्तर्गत भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण सम्भव है. जिसकी व्यवस्था के लिए कुछ मानक निर्धारित हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे निर्माण कार्य जिनको प्रारम्भ करने से पहले प्राधिकरण से अनुमति आवश्यक नहीं है वो इस तरह हैं.

इन कामों के लिए अनुमति जरूरी नहीं
- दीवारों पर प्लास्टर करना या प्लास्टर की आंशिक मरम्मत करना.
- पुनः फर्श के निर्माण करना.
- सफेदी एवं रंगाई-पुताई करना.
- सैप्टिक टैंक अथवा सोक पिट का निर्माण करना.
- हैण्ड पम्प लगाना.
- नाला, नालियों, पाइपों, केबिलों या अन्य उपकरण के रेनोवेशन तथा मरम्मत के लिए निर्माण कार्य
सौर ऊर्जा के लिए छत पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण

अनुमति इन कामों के लिए जरूरी : नगर निगम की तरफ से जारी मानक के अनुसार दीवारों का पुनर्निर्माण कार्य करना.

  • सम्पूर्ण भूखण्ड पर निर्मित भवन को गिराकर मानक अनुसार पुनर्निर्माण करना.
  • छत, बालकनी, बरामदे में पैरापेट का निर्माण.
  • भवन में सीमित तल क्षेत्रफल में बेहतर उपयोग अथवा वास्तुदोष के निराकरण के लिए परिवर्तन किया जा सकेगा.
  • नगर निगम की तरफ से जारी नक्शे के विपरित नये निर्माण किये जाने की अनुमति नहीं है.
  • भवन के बाहरी स्वरूप में किसी भी प्रकार की परिवर्तन की अनुमति नहीं है.
  • भवन के वर्तमान उपयोग में परिवर्तन नहीं किया जायेगा.
  • भवन जिस उपयोग में लाया जा रहा वहीं उपयोग रहेगा.
  • बिना अनुमति के अथवा नगर निगम द्वारा जारी मानक के विपरित निर्माण किये जाने पर एवं भवन का उपयोग परिवर्तित किये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.


इस तरह मिलेगी अनुमति : गंगा नदी तट से 200 मी के अन्तर्गत भवनों के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण की बेबसाइट अथवा हेल्प डेस्क के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है.
आवेदक भवन के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए आवेदन पत्र के साथ मौजूद भवन का मानचित्र, स्वामित्व संबंधी अभिलेख, भवन की लोकेशन, भवन की वर्तमान स्थिति के सभी उपलब्ध दिशाओं से फोटाग्राफ्स, नगर निगम के जारी चिठ्ठा एवं शपथ-पत्र जमा किये जाएंगे.

निरीक्षण के साथ ऐसे होगा निर्धारण

  • प्राप्त आवेदन की पुष्टि के लिए सम्बन्धित जोनल अधिकारी एवं अवर अभियंता सामान्य स्थल निरीक्षण करेंगे
  • प्राप्त आवेदन को प्राधिकरण में प्राप्ति के दिनांक से 15 वर्किंग डेज में निस्तारित किया जायेगा.
  • गंगा नदी तट से 200 मी के अन्तर्गत भवनों के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए आवेदन संबंधी प्रक्रिया या जानकारी के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी या कोई शिकायत के लिए 0542-2283305 और वाट्सएप नंबर-7518102822 पर सम्पर्क किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें : काशी में 'मौत के घर'; जर्जर मकानों में सैकड़ों परिवार, क्या जिम्मेदारों को है हादसे का इंतजार? - Varanasi Municipal Corporation

यह भी पढ़ें : बनारस में फिर हादसा; जर्जर मकान की सीढ़ियां भरभरा कर गिरीं, 4 घंटे तक फंसे रहे 10 लोग - House Collapsed Varanasi


वाराणसी : बीते कुछ दिनों से जर्जर मकानों के गिरने का सिलसिला जारी है. गंगा किनारे पुराने बनारस में मौजूद सैकड़ों साल पुराने मकान के जर्जर हालत में होने के बाद इनकी मरम्मत न हो पाने की वजह से इन मकानों पर खतरा मंडरा रहा है. अभी भी ऐसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसे जर्जर भवन हैं, जिनको मरम्मत का इंतजार है, लेकिन गंगा नदी तट से 200 मीटर के दायरे में मकान के निर्माण और मरम्मत को लेकर कन्फ्यूजन की वजह से लोग मकान में हाथ लगवाने से भी डरते हैं, लेकिन अब वाराणसी विकास प्राधिकरण स्पष्ट कर रहा है कि किन मानकों के आधार पर जर्जर और पुराने भवन जो गंगा नदी के 200 मीटर के दायरे में है, उनका रखरखाव और मरम्मत की जा सकेगी.



इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा का कहना है कि लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं, लेकिन कुछ मानक हैं जिनको ध्यान में रखकर कोई भी यह कार्य कर सकता है. उन्होंने बताया कि वाराणसी में गंगा नदी तट से 200 मीटर के अन्तर्गत भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण सम्भव है. जिसकी व्यवस्था के लिए कुछ मानक निर्धारित हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे निर्माण कार्य जिनको प्रारम्भ करने से पहले प्राधिकरण से अनुमति आवश्यक नहीं है वो इस तरह हैं.

इन कामों के लिए अनुमति जरूरी नहीं
- दीवारों पर प्लास्टर करना या प्लास्टर की आंशिक मरम्मत करना.
- पुनः फर्श के निर्माण करना.
- सफेदी एवं रंगाई-पुताई करना.
- सैप्टिक टैंक अथवा सोक पिट का निर्माण करना.
- हैण्ड पम्प लगाना.
- नाला, नालियों, पाइपों, केबिलों या अन्य उपकरण के रेनोवेशन तथा मरम्मत के लिए निर्माण कार्य
सौर ऊर्जा के लिए छत पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण

अनुमति इन कामों के लिए जरूरी : नगर निगम की तरफ से जारी मानक के अनुसार दीवारों का पुनर्निर्माण कार्य करना.

  • सम्पूर्ण भूखण्ड पर निर्मित भवन को गिराकर मानक अनुसार पुनर्निर्माण करना.
  • छत, बालकनी, बरामदे में पैरापेट का निर्माण.
  • भवन में सीमित तल क्षेत्रफल में बेहतर उपयोग अथवा वास्तुदोष के निराकरण के लिए परिवर्तन किया जा सकेगा.
  • नगर निगम की तरफ से जारी नक्शे के विपरित नये निर्माण किये जाने की अनुमति नहीं है.
  • भवन के बाहरी स्वरूप में किसी भी प्रकार की परिवर्तन की अनुमति नहीं है.
  • भवन के वर्तमान उपयोग में परिवर्तन नहीं किया जायेगा.
  • भवन जिस उपयोग में लाया जा रहा वहीं उपयोग रहेगा.
  • बिना अनुमति के अथवा नगर निगम द्वारा जारी मानक के विपरित निर्माण किये जाने पर एवं भवन का उपयोग परिवर्तित किये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.


इस तरह मिलेगी अनुमति : गंगा नदी तट से 200 मी के अन्तर्गत भवनों के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण की बेबसाइट अथवा हेल्प डेस्क के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है.
आवेदक भवन के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए आवेदन पत्र के साथ मौजूद भवन का मानचित्र, स्वामित्व संबंधी अभिलेख, भवन की लोकेशन, भवन की वर्तमान स्थिति के सभी उपलब्ध दिशाओं से फोटाग्राफ्स, नगर निगम के जारी चिठ्ठा एवं शपथ-पत्र जमा किये जाएंगे.

निरीक्षण के साथ ऐसे होगा निर्धारण

  • प्राप्त आवेदन की पुष्टि के लिए सम्बन्धित जोनल अधिकारी एवं अवर अभियंता सामान्य स्थल निरीक्षण करेंगे
  • प्राप्त आवेदन को प्राधिकरण में प्राप्ति के दिनांक से 15 वर्किंग डेज में निस्तारित किया जायेगा.
  • गंगा नदी तट से 200 मी के अन्तर्गत भवनों के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए आवेदन संबंधी प्रक्रिया या जानकारी के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी या कोई शिकायत के लिए 0542-2283305 और वाट्सएप नंबर-7518102822 पर सम्पर्क किया जा सकता है.

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