नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों गेस्ट टीचर को अब चुनाव की ड्यूटी, स्कूलों में होने वाली सीबीएसई की परीक्षाओं व अन्य प्रशासनिक ड्यूटी से दूर रखा जाएगा. इन सब कार्यों में अब इनकी ड्यूटी नहीं दी जाएगी. दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है. जिसमें कहा है कि गेस्ट टीचरों को स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर अस्थाई तौर पर रखा गया है और उनका कार्यकाल तय नहीं है. इस वजह से उन्हें लंबे कार्यकाल या विशेष ड्यूटी जैसे सीबीएसई की परीक्षाएं या चुनाव ड्यूटी आदि से दूर रखना चाहिए.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10 हजार से अधिक गेस्ट टीचर सालों से सेवा दे रहे हैं. कई सालों से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के बीच गेस्ट टीचरों को समय-समय पर निर्धारित समय के लिए नियुक्त किया जाता है और अभी तक वह स्कूलों में पढ़ने वाले सीबीएसई परीक्षा के केंद्र में भी ड्यूटी देते रहे हैं. मगर शिक्षा निदेशालय ने अपने सर्कुलर में अब गेस्ट टीचरों को ऐसी ड्यूटी से दूर करने को कहा है.
शिक्षा निदेशालय का कहना है कि गेस्ट टीचर्स का काम स्कूल में नियमित शिक्षकों की अनुपस्थिति में बच्चों को पढ़ाना है और उनकी गतिविधियां को जारी रखना है ताकि छात्रों की शिक्षा बाधित न हो, कुछ सरकारी नीतियां भी अस्थाई कर्मचारियों को प्रशासनिक या परीक्षा से जुड़ी ड्यूटी जैसे चुनाव के कार्य या सीबीएसई ड्यूटी से रोकती है.
गेस्ट टीचर्स ने जताई नाराजगी
शिक्षा निदेशालय से जारी इस सर्कुलर पर गेस्ट टीचरों ने एतराज जताया है. वे इसे वापस लेने की मांग की है. ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि यह फैसला गेस्ट टीचरों का मनोबल गिराने वाला है. पहले तो चुनाव या सीबीएसई आदि की परीक्षाओं में लंबे समय तक नहीं चलती, दूसरा दिल्ली में गेस्ट टीचरों की ड्यूटी चुनाव में लगती भी नहीं. गेस्ट टीचर सीबीएसई की परीक्षाओं में ड्यूटी करते हैं और कॉपी अभी चेक करते हैं. जिसके लिए उन्हें मानदेय भी मिलता है.
गेस्ट टीचर बोले 8 साल से नहीं बढ़ा वेतन
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा के अनुसार आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार अन्य राज्यों से अपील कर रहे हैं कि कच्चे कर्मचारियों को पंजाब की तरह पक्का करो, लेकिन दिल्ली में सालों से गेस्ट टीचर को पक्की नौकरी नहीं दी जा रही है. दिल्ली के 22 हजार गेस्ट टीचरों में से बीते 8 साल में एक भी गेस्ट टीचर पक्का नहीं किया गया.उन्होंने कहा कि हमारा हाल दिहाड़ी मजदूर की तरह हो गया है. सरकारी छुट्टियों,त्योहारों, रविवार जैसी तमाम छुट्टियों के पैसे काट लिए जाते हैं. हमें ना टीए, डीए, एचआरए और सीएल मिलता है. इसके साथ ही साथ किसी भी तरह को कोई मैडल सुविधा नहीं मिलती है.
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