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सीतापुर में तैनात सीजीएसटी इंस्पेक्टर सेवा से बर्खास्त, जांच के बाद पांच मामलों में पाया गया दोषी, घूस लेते इंस्पेक्टर गिरफ्तार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 14, 2024, 7:21 PM IST

यूपी के लखनऊ डिवीजन में तैनात इंस्पेक्टर अभिजात श्रीवास्तव को बर्खास्त (GST inspector posted) कर दिया गया है. जांच के बाद सीजीएसटी इंस्पेक्टर को पांच मामलों में दोषी पाया गया है.

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सीतापुर/कानपुर : जिले में तैनात सीजीएसटी इंस्पेक्टर अभिजात श्रीवास्तव को पांच मामलों में दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उनको गणतंत्र दिवस समेत कई मौकों पर तिरंगे के अपमान का दोषी पाया गया था. इतना ही उन पर अपने उच्चाधिकारियों से बदसलूकी करने का आरोप सिद्ध हुआ है. जीएसटी और सेंट्रल एक्साइज लखनऊ डिवीजन के मुताबिक, इंस्पेक्टर अभिजात श्रीवास्तव को पांच मामलों में जांच के बाद दोषी पाया गया. अभिजात पर आरोप था कि उन्होंने मुंबई व सीतापुर में रहते हुए सरकारी सेवाओं के विरुद्ध कार्य किया था. उच्चाधिकारियों की कई चेतावनी के बावजूद उन्होंने अपनी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं किया था. आरोपों से घिरे अभिजात श्रीवास्तव को जांच के दोषी करार देने के बाद नियुक्ति विभाग ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं

पांच हजार रुपये घूस लेते हुए इंस्पेक्टर गिरफ्तार : सीबीआई अफसरों की टीम ने कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित सीजीएसटी कार्यालय से इंस्पेक्टर अजय पोरवाल को पांच हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई की टीम इंस्पेक्टर को अपने साथ ले गई है और टीम के सदस्यों ने ई-मेल जारी करके यह जानकारी मीडिया से साझा की. हालांकि, इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी पर सीजीएसटी कार्यालय के आला अफसरों ने अपनी हामी भर दी. सीबीआई टीम की ओर से की गई कार्रवाई के बाद से कार्यालय में हड़कंप की स्थिति है. चर्चा है कि टीम के सदस्य दोबारा जांच के लिए पहुंच सकते हैं. जो टीम आई थी, उसके सदस्य दिल्ली के बताए जा रहे हैं.


निजी कंपनी के प्रतिनिधि बनकर पहुंचे सीबीआई अफसर : बुधवार शाम को सर्वोदय नगर स्थित सीजीएसटी कार्यालय में सीबीआई अफसर एक निजी कंपनी के प्रतिनिधि बनकर कार्यालय पहुंचे. वहां अफसरों ने सीधे इंस्पेक्टर अजय पोरवाल से मुलाकात की. टीम के सदस्यों ने खुद को उसी निजी कंपनी का प्रतिनिधि बताया, जिससे इंस्पेक्टर द्वारा 10 हजार रुपये घूस मांगी गई थी. जैसे ही टीम के सदस्यों ने पांच हजार रुपये की राशि इंस्पेक्टर को दी, तो फौरन ही इंस्पेक्टर ने उस राशि को रख लिया. इसके बाद टीम के सदस्यों ने इंस्पेक्टर को अरेस्ट कर लिया. टीम ने मौके पर ही सारे साक्ष्य भी जुटा लिए.

पिछले साल पीएफ कार्यालय में मारा था छापा : सीबीआई की टीम ने 22 मार्च 2023 को पांडु नगर स्थित पीएफ कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी को 60 हजार रुपये घूस के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. वहीं, उससे पहले 26 अप्रैल 2022 को सीबीआई की टीम ने पीएफ ऑफिस में 12 घंटे तक मौजूद रहकर दस्तावेजों की जांच की थी. जबकि, 12 अप्रैल 2022 को सीबीआई की टीम ने दस्तावेजों की जांच पड़ताल की थी.

यह भी पढ़ें : सिस्टम सुधारने आई हूं, पेंशन फॉर्म के लिए रिश्वत देनी पड़ेगी...महिला अधिकारी का ऑडियो वायरल

यह भी पढ़ें : लेखपालों की गुंडागर्दी, घूस लेते पकड़ाए साथी को लेकर हुए फरार, एंटी करप्शन टीम पर किया हमला

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पांच हजार रुपये घूस लेते हुए इंस्पेक्टर गिरफ्तार : सीबीआई अफसरों की टीम ने कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित सीजीएसटी कार्यालय से इंस्पेक्टर अजय पोरवाल को पांच हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई की टीम इंस्पेक्टर को अपने साथ ले गई है और टीम के सदस्यों ने ई-मेल जारी करके यह जानकारी मीडिया से साझा की. हालांकि, इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी पर सीजीएसटी कार्यालय के आला अफसरों ने अपनी हामी भर दी. सीबीआई टीम की ओर से की गई कार्रवाई के बाद से कार्यालय में हड़कंप की स्थिति है. चर्चा है कि टीम के सदस्य दोबारा जांच के लिए पहुंच सकते हैं. जो टीम आई थी, उसके सदस्य दिल्ली के बताए जा रहे हैं.


निजी कंपनी के प्रतिनिधि बनकर पहुंचे सीबीआई अफसर : बुधवार शाम को सर्वोदय नगर स्थित सीजीएसटी कार्यालय में सीबीआई अफसर एक निजी कंपनी के प्रतिनिधि बनकर कार्यालय पहुंचे. वहां अफसरों ने सीधे इंस्पेक्टर अजय पोरवाल से मुलाकात की. टीम के सदस्यों ने खुद को उसी निजी कंपनी का प्रतिनिधि बताया, जिससे इंस्पेक्टर द्वारा 10 हजार रुपये घूस मांगी गई थी. जैसे ही टीम के सदस्यों ने पांच हजार रुपये की राशि इंस्पेक्टर को दी, तो फौरन ही इंस्पेक्टर ने उस राशि को रख लिया. इसके बाद टीम के सदस्यों ने इंस्पेक्टर को अरेस्ट कर लिया. टीम ने मौके पर ही सारे साक्ष्य भी जुटा लिए.

पिछले साल पीएफ कार्यालय में मारा था छापा : सीबीआई की टीम ने 22 मार्च 2023 को पांडु नगर स्थित पीएफ कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी को 60 हजार रुपये घूस के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. वहीं, उससे पहले 26 अप्रैल 2022 को सीबीआई की टीम ने पीएफ ऑफिस में 12 घंटे तक मौजूद रहकर दस्तावेजों की जांच की थी. जबकि, 12 अप्रैल 2022 को सीबीआई की टीम ने दस्तावेजों की जांच पड़ताल की थी.

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