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पैदल सफर तयकर बरेली शरीफ से पिरान कलियर पहुंचा जायरीनों का जत्था, 756वें सालाना उर्स का आगाज - Piran Kaliyar Sabir Pak - PIRAN KALIYAR SABIR PAK

Piran Kaliyar Sabir Pak दरगाह साबिर पाक के 756वें सालाना उर्स के तहत जायरीनों का जत्था बरेली शरीफ से पिरान कलियर पहुंचा. जहां परचम कुशाई की रस्म अदा की गई.

Piran Kaliyar Sabir Pak
दरगाह साबिर पाक (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 5, 2024, 3:42 PM IST

रुड़की: हरिद्वार जिले के रुड़की स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के 756वें सालाना उर्स में हर वर्ष की तरह इस बार भी करीब 264 किलोमीटर की दूरी का पैदल सफर तय कर बरेली शरीफ से लगभग 150 जायरीनों का जत्था साबरी झंडा लेकर पिरान कलियर पहुंचा. जहां पर साहबजादा शाह यावर मंजर एजाज साबरी ने जत्थे की अगुवाई कर रहे वसीम साबरी का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया. इसके बाद नमाजे असर सज्जादा नशीन की सरपरस्ती में दरगाह साबिर पाक के मुख्य गेट पर परचम कुशाई (झंडा फहराने) की रस्म को अदा किया गया.

बता दें कि, पिरान कलियर साबिर पाक के 756वें सालाना उर्स के आगाज पर मेन गेट पर परचम कुशाई (झंडा फहराने) की रस्म को सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी ने हजारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में अदा किया. बताया गया है कि इस झंडे को वसीम साबरी लगभग 150 लोगों के जत्थे के साथ लेकर पिरान कलियर के लिए पदयात्रा पर निकले थे.

वसीम साबरी ने बताया कि वह 15 दिन की पदयात्रा कर अपने साथियों कमाल साबरी, सलीम साबरी, सईद साबरी, रिजवान साबरी, इमरान साबरी, हसन साबरी, शाहिद साबरी व अन्य लोगों के साथ बुधवार को पिरान कलियर पहुंचे. उन्होंने बताया कि रास्ते में कई जगह साबिर पाक के चाहने वालों ने पूरे जत्थे का बड़े ही जज्बे के साथ स्वागत किया.

साहबजादा शाह यावर एजाज साबरी ने बताया कि साबिर पाक के उर्स की शुरुआत परचम कुशाई की रस्म के साथ बड़े अकीदत और मोहब्बत के साथ सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी की सरपरस्ती में अदा की गई है. इसी के साथ रस्म अदायगी के दौरान रस्म में मौजूद हजारों अकीदतमंदों के लिए दुआ करते हुए देश में अमनो अमान खुशहाली के लिए दुआ की गई. हालांकि इस दौरान भारी पुलिसबल भी मौके पर मौजूद रहा.

यावर मियां ने बताया कि उर्स की प्रथम रस्म मेहंदी डोरी होती है. उसके बाद उर्स विधिवत रूप से शुरू हो जाता है. बुधवार देर रात मेहंदी डोरी की रस्म अदा की गई. जिसके बाद उर्स का आगाज हुआ.

ये भी पढ़ेंः गंगाजल के साथ शिवभक्त कांवड़ियों ने पिरान कलियर में लगाई हाजिरी, एकता और भाईचारे का दिया संदेश

रुड़की: हरिद्वार जिले के रुड़की स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के 756वें सालाना उर्स में हर वर्ष की तरह इस बार भी करीब 264 किलोमीटर की दूरी का पैदल सफर तय कर बरेली शरीफ से लगभग 150 जायरीनों का जत्था साबरी झंडा लेकर पिरान कलियर पहुंचा. जहां पर साहबजादा शाह यावर मंजर एजाज साबरी ने जत्थे की अगुवाई कर रहे वसीम साबरी का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया. इसके बाद नमाजे असर सज्जादा नशीन की सरपरस्ती में दरगाह साबिर पाक के मुख्य गेट पर परचम कुशाई (झंडा फहराने) की रस्म को अदा किया गया.

बता दें कि, पिरान कलियर साबिर पाक के 756वें सालाना उर्स के आगाज पर मेन गेट पर परचम कुशाई (झंडा फहराने) की रस्म को सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी ने हजारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में अदा किया. बताया गया है कि इस झंडे को वसीम साबरी लगभग 150 लोगों के जत्थे के साथ लेकर पिरान कलियर के लिए पदयात्रा पर निकले थे.

वसीम साबरी ने बताया कि वह 15 दिन की पदयात्रा कर अपने साथियों कमाल साबरी, सलीम साबरी, सईद साबरी, रिजवान साबरी, इमरान साबरी, हसन साबरी, शाहिद साबरी व अन्य लोगों के साथ बुधवार को पिरान कलियर पहुंचे. उन्होंने बताया कि रास्ते में कई जगह साबिर पाक के चाहने वालों ने पूरे जत्थे का बड़े ही जज्बे के साथ स्वागत किया.

साहबजादा शाह यावर एजाज साबरी ने बताया कि साबिर पाक के उर्स की शुरुआत परचम कुशाई की रस्म के साथ बड़े अकीदत और मोहब्बत के साथ सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी की सरपरस्ती में अदा की गई है. इसी के साथ रस्म अदायगी के दौरान रस्म में मौजूद हजारों अकीदतमंदों के लिए दुआ करते हुए देश में अमनो अमान खुशहाली के लिए दुआ की गई. हालांकि इस दौरान भारी पुलिसबल भी मौके पर मौजूद रहा.

यावर मियां ने बताया कि उर्स की प्रथम रस्म मेहंदी डोरी होती है. उसके बाद उर्स विधिवत रूप से शुरू हो जाता है. बुधवार देर रात मेहंदी डोरी की रस्म अदा की गई. जिसके बाद उर्स का आगाज हुआ.

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