लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चार जिलों में भूजल खराब है. पानी की वजह से पानी अब पीने योग्य नहीं रहा है. इसलिए इन जिलों में पानी लाने के लिए नदियों से जिलों तक अलग से लाइन बिछाई जाएगी. आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और बलिया में बेहतर जलापूर्ति के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं.
उत्तर प्रदेश में करीब 2 करोड़ वॉटर कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्रों को हर घर नल से जल योजना के तहत दिया जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 2 करोड़ 63 लाख कनेक्शन देने का है. जल जीवन मिशन के तहत लक्ष्य है कि अगले करीब 12 महीने में पूरा किया जाएगा. सभी दो करोड़ 63 लाख घरों को नल कनेक्शन दे दिया जाए.
मगर बचा हुआ काम सबसे बड़ी चुनौती बताया जा रहा है. जिन जिलों में अब यह बच्चे हुए लगभग 60000 कनेक्शन किए जाने हैं, वहां का भूजल बहुत खराब है. ऐसे में जल जीवन मिशन के तहत 200 किलोमीटर दूर जहां भी मीठे पानी की उपलब्धता हैवहां से पानी लाया जाएगा.जिसके जरिए बचे हुए गांव को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा सकेगी.
200 किलोमीटर दूर से लाना होगा पानी: जल जीवन मिशन से मिली जानकारी के मुताबिक हर घर नल से जल योजना में सबसे ज्यादा भूजल जिन जिलों का प्रदूषण है वहां यह काम बचा हुआ है. आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, उन्नाव और बलिया का भूजल पीने योग्य नहीं है. इस पानी को ट्रीट करके भी पेयजल के तौर पर आपूर्ति नहीं की जा सकती.यह ट्रीट करने योग्य भी नहीं है.इसलिए पानी को दूर से लाना होगा.आगरा मथुरा और फिरोजाबाद के लिए करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित गंगा कैनाल से पानी लाना होगा. इसी तरह से बलिया के लिए भी पानी गंगा से लिया जाएगा.
पानी की आपूर्ति कानपुर गंगा घाट की जगह बिठूर के ओर से लिया जाएगा. गंगा घाट के पास पानी चमड़ा उद्योग की वजह से प्रदूषित है. इसलिए इन जिलों में करीब 25 लाख पानी के कनेक्शन देने में सबसे अधिक मशक्कत का सामना करना पड़ेगा. बाकी बचे हुए करीब 38 लाख कनेक्शन प्रयागराज के आधे जिले चंदौली और कुछ अन्य जिलों में हैं. इसलिए बचा हुआ चरण जल जीवन मिशन के अधिकारियों के लिए सबसे अधिक चुनौती पूर्ण होने जा रहा है. इसी तरह की चुनौतियों का सामना हर घर नल से जल योजना में बुंदेलखंड में किया गया था. वहां भी भूजल पीने या ट्रीट करने योग्य नहीं था.
जल निगम ग्रामीण के प्रबंध निदेशक डॉ बलकार सिंह ने बताया कि हम अगले 1 साल में अपने इस मिशन को पूरा कर लेंगे. हमको बचे हुए जिलों में भूजल स्वच्छ मिलता तो बहुत कम समय में हम कनेक्शन दे पाते. मगर काफी दूरी से पानी लाने के लिए पाइपलाइन बिछानी होगी. यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है जिसमें समय लगेगा इसलिए भले ही हम दो करोड़ से अधिक नल कनेक्शन देने का आंकड़ा पार कर चुके हों मगर बचे हुए काम में हमको अपेक्षाकृत अधिक समय लगेगा.