नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: जिला प्रशासन जिले में वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण को कम करने तथा एनजीटी के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मानकों का पालन कराने में जुटा है. जिला प्रशासन की तरफ से वृक्षारोपण वेटलैंड एवं गंगा समिति की बैठक कर अधिकारियों को महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए. इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भी प्रदूषण को रोकने व पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में समितियां बनाने को कहा गया.
मुख्य विकास अधिकारी(सीडीओ) जनार्दन सिंह ने जिला वृक्षारोपण समिति के कार्यों की समीक्षा करते हुए वृक्षारोपण से संबंधित सभी सूचनाओं को उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने लक्ष्य आवंटित विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि उनके द्वारा लक्ष्य के अनुरूप वृक्षारोपण करने के लिए जगह चिह्नित कर ली जाए. जिससे कि समय आने पर पौधों की डिमांड निर्धारित प्रारूप एवं वन विभाग द्वारा यथाशीघ्र वृक्षारोपण किया जा सके.
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सीडीओ ने कहा कि जहां पर भी एनजीटी के नियमों का उल्लंघन होता पाया जाए वहां पर जुर्माना लगाते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाए. वहीं ठोस अपशिष्ट को इकट्ठा करने हेतु डंपिंग ग्राउंड तथा सीएंडडी वेस्ट एवं लीगली वेस्ट को चिह्नित कर उसका निस्तारण करना भी सुनिश्चित करें.
सीडीओ ने कहा कि कंस्ट्रक्शन साइट पर निर्माण सामग्री को ढक कर रखा जाए एवं निर्माण साइट पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाए. इस दौरान उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विशेष निगरानी रखें कि बाहर से आने वाली गाड़ियों में निर्माण सामग्री को ढककर लाया जाए. इसके साथ ही सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में पराली जलाने जैसी घटनाओं पर भी विशेष निगरानी रखें.
इस दौरान जिला गंगा समिति की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यमुना एवं हिंडन के मैदाने पर अवैध विद्युत कनेक्शन, अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए भी अधिकारियों को तत्पर रहने को कहा. कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में पेट्रोलिंग करते हुए यमुना एवं हिंडन के मैदाने पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण न होने दें. इसके साथ ही नदियों की साफ सफाई पर विशेष फोकस बनाए रखें. एनजीटी के मानकों के अनुरूप गंगा एवं उसकी सहायक नदी व जलाशयों की जांच की जाए ताकि दूषित जल को रोका जा सके.
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