पटनाः अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरा भारत भक्तिमय हो चुका है. बिहार में भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. कांग्रेस ने भले ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर दूरी बनाई है, लेकिन बिहार कांग्रेस के नेता इस समारोह का पूरा श्रेय गांधी परिवार को दे रहे हैं. इसको लेकर पटना में पोस्टर भी लगाया गया है.
पटना में लगा पोस्टरः पटना के आयकर चौराहे पर कांग्रेस नेता की ओर से पोस्टर लगाया गया है. पोस्टर में राम मंदिर का ताला खुलवाने का श्रेय राजीव गांधी को दिया गया है. इस पोस्टर में मंदिर निर्माण का श्रेय पीवी नरसिम्हा राव को दिया है. इस पोस्टर को लगाने वाले कांग्रेस नेता सिद्धार्थ क्षत्रिय हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने इसके बारे में खास जानकारी दी.
राजीव गांधी को दिया श्रेयः कांग्रेस नेता ने पोस्टर में 1 फरवरी 1986 को राम मंदिर का ताला खुलवाने का पूरा श्रेय राजीव गांधी को दिया है. अपने पोस्टर में उन्होंने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति आभार जताया है. उन्होंने पोस्टर में यह भी लिखा है कि कांग्रेस के लिए राम मंदिर का मुद्दा आस्था का विषय है, जबकि भाजपा के लिए यह चुनावी मुद्दा है.
'चुनावी मुद्दा बना रही भाजपा': ईटीवी से बात करते हुए सिद्धार्थ क्षत्रिय ने कहा कि भाजपा राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाए हुए हैं. कांग्रेस के लिए यह आस्था का विषय है. उन्होंने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव ने अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण की मंजूरी दी थी. मंदिर के अंदर पहले से ही प्रभु श्रीराम की मूर्ति मिली थी तो उसे हटाकर नई मूर्ति स्थापित करके भाजपा राजनीति कर रही है.
"22 जनवरी का जो कार्यक्रम हो रहा है, भाजपा ने उसे राजनीतिक रंग दिया है. इसलिए कांग्रेस ने उससे दूरी बनाई है. कांग्रेस नेता पहले भी अयोध्या जाते रहे हैं और बाद में भी अयोध्या श्रीराम मंदिर में जाएंगे. भाजपा से आग्रह करेंगे की अयोध्या को धार्मिक स्थान ही रहने दिया जाए और राजनीति का स्थान नहीं बनाया जाए." -सिद्धार्थ क्षत्रिय, कांग्रेस नेता
'आम लोगों के हित में कांग्रेस': सिद्धार्थ क्षत्रिय ने कहा कि राजनीतिक स्थान के लिए नई दिल्ली ही बेहतर है. दिल्ली से ही राजनीति करें. उन्होंने कहा कि गरीबों नौजवानों के मुद्दे को मंदिर के माध्यम से भाजपा भटकाना चाहती है. भाजपा सिर्फ अंबानी अडानी की जेब भरना चाहती है. जबकि कांग्रेस आम लोगों के हित में सोचती है.
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