लखनऊ : भारती हॉकी टीम ने पेरिस में खेले गए ओलंपिक खेलों के दौरान कांस्य पदक जीतकर गौरवपूर्ण इतिहास बनाया है. 2021 में टोक्यो ओलंपिक के दौरान भी भारतीय टीम कांस्य पदक विजेता बनी थी. एक बार फिर टीम को कांस्य पदक विजेता होने का गौरव प्राप्त हुआ. इस टीम को चयन करने वाले मुख्य चयनकर्ता उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक और पूर्व भारतीय खिलाड़ी आरपी सिंह हैं.
खेल निदेशक आरपी सिंह इस जीत के बाद जब मंगलवार को केडी सिंह बाबू स्टेडियम पहुंचे तो यहां खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने उनका भव्य स्वागत किया. बच्चे ढोल की थाप पर झूमे. भारत माता की जय के नारे लगाए गए. इस मौके पर ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में आरपी सिंह ने कहा कि इस समय हॉकी में जो भी टीमें ओलंपिक में खेल रही थीं उनमें कोई खास अंतर नहीं था. सभी टीमें लगभग बराबर की थीं. इसलिए क्वार्टर फाइनल मैच में जिस तरह से भारत ने 10 खिलाड़ियों के साथ मैच जीता वह ऐतिहासिक क्षण था. दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हमारे डिफेंडर को रेड कार्ड दिखाया गया था. इसके बाद में जर्मनी के खिलाफ भी सेमीफाइनल में हमने शानदार खेल खेला था. हमको 12 पेनल्टी कार्नर मिले थे और पांच बार हमने गोल का असफल निशाना साधा था. अंतिम सेकेंड में भी हमको बहुत बड़ा मौका मिला था. इसके बावजूद हार जाना बहुत खराब लगा, लेकिन कांस्य पदक जीतकर हमारी टीम ने साबित कर दिया कि उसमें पूरा दमखम था. अब हमारी तैयारी अगले ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने की होगी.
आने वाले दिनों में एशियाई हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन होना है, जिसको लेकर आरपी सिंह ने कहा कि इस बार हम युवा टीम भेजेंगे. सीनियर खिलाड़ियों को आराम कराएंगे ताकि हम भविष्य के लिए भी टीम तैयार कर सकें. उत्तर प्रदेश के ललित और राजकुमार पाल के खेल को लेकर उन्होंने कहा कि यूपी के इन दोनों लड़कों ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था. हमारी जूनियर टीम में यूपी के सात खिलाड़ी कैंप में शामिल हैं. यूपी में कई प्रतियोगिताओं में चैंपियन होने का गौरव प्राप्त किया है और हमारा भविष्य बहुत उज्ज्वल है. आरपी सिंह के सम्मान के दौरान यूपी ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंदेश्वर पांडेय, क्षेत्र खेल अधिकारी अजय सेठी, ओलंपियन सैयद अली भारतीय जनता पार्टी के नेता और पार्षद अनुराग मिश्रा अन्नू के अलावा बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और कोच मौजूद रहे.