जयपुर: एसआई भर्ती को लेकर असमंजस, महिला आईपीएस अधिकारी की लोकेशन ट्रेस के मामले और नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की लगातार बढ़ती घटनाओं को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक महिला एसपी की उन्हीं के मातहत कर्मचारी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं. आज तक सरकार ने एक शब्द नहीं कहा. ये किस मुंह से महिला सशक्तिकरण और महिला अपराध रोकने की बात कह सकते हैं.
नाबालिग बच्चियों से रोज दुष्कर्म हो रहे हैं. माफिया हावी है. दो मंत्री कहते हैं कि एसआई भर्ती निरस्त होगी. तीसरा कहता है नहीं होगी. उन्होंने कहा कि यह सर्कस दिखाना बंद करो. जो निर्णय लेना हो, लीजिए और नई भर्तियां निकालकर बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दो. ये 10 महीने बाद भी कांग्रेस की सरकार को कोस रहे हैं और ऐसे पेश कर रहे हैं कि पेपर लीक हो गए. पेपर लीक देशभर में हुए हैं. नीट का पेपर लीक हुआ. मुकदमा दर्ज हुआ और 140 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश हुई. वो पेपर निरस्त क्यों नहीं हुआ. हमारे समय में रीट का पेपर लीक हुआ. हमने निरस्त किया और दोबारा परीक्षा करवाकर भर्ती करवाई, नियुक्तियां दी.
उपचुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीतेगी : उन्होंने कहा कि प्रदेश में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी. जिस आस और उम्मीद से लोगों ने भाजपा की सरकार बनाई थी. मुख्यमंत्री के चयन, मंत्रीमंडल का गठन, ब्यूरोक्रेसी के ट्रांसफर, योजनाओं की क्रियान्विति और बजट में जनता को निराशा हाथ लगी है. जो वादे किए गए, उनके मुताबिक कोई काम नहीं हुए हैं. यह पर्ची की सरकार भ्रमण, भाषण और भ्रम तक पहुंची. उसके बाद सर्कस बन गया.
एक दिन मंत्री, दूसरे दिन विधायक का लेटर पैड : डोटासरा बोले- मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. भाजपा मुख्यालय में एक कैबिनेट मंत्री हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री से कहता है कि इस्तीफा स्वीकार कर लो, लेकिन आज तक इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं आया. एक दिन मंत्री के लेटरपैड पर दस्तखत करते हैं. दूसरे दिन विधायक के लैटरपैड पर साइन करते हैं. मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल होते हैं तो जनता यह मानती है कि वे मंत्री हैं. दूसरे दिन कहते हैं कि एसआई भर्ती निरस्त करवाने थे. इसलिए लोगों की जुबान पर आ गया कि यह सर्कस है.
अब बन गई यू-टर्न की सरकार : उन्होंने कहा कि अब यह यू-टर्न की सरकार बन गई है, जो अपना एक भी फैसला लागू नहीं करवा पाए. शिक्षा विभाग को लेकर कई वादे और दावे किए गए. आदेश जारी किए गए, लेकिन हर बार अपने पैर पीछे हटाने पड़े. कल तो हद हो गई. जब एक तबादला सूची आई और तीन घंटे बाद निरस्त हो गई. मंत्री कहते हैं कि कुछ त्रुटियां रह गई. उसमें सुधार करेंगे. यूडीएच मंत्री नगरीय निकायों में सहवृत्त सदस्यों की सूची जारी करते हैं. उस सूची को भी 24 घंटे में निरस्त कर दिया. इससे साबित होता है कि यह यूटर्न सरकार बन चुकी है.
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पर्यटकों की तरह घूम रहे हैं विदेश में : उन्होंने कहा कि जनता का सरकार से मोहभंग हो चुका है. गर्मियों में ये न पानी की व्यवस्था कर पाए और न ही बिजली की. बरसात में सड़कें टूटी पड़ी हैं. किसान की फसल खराब हो गई. उसका मुआवजा देने की बात नहीं कर पाए. कोट-पैंट सिला लिए और विदेश भ्रमण कर रहे हैं. जहां कोई इनसे मीटिंग ही नहीं कर पा रहा. ये होटल में बैठकर पर्यटक की तरह घुमाई कर रहे हैं. यह राजस्थान की जनता देख रही है. उपचुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी.
एक दिन जनसुनवाई, अगले दिन ताला नहीं खुला : उन्होंने कहा कि एक दिन भाजपा कार्यालय में जनसुनवाई हुई और दूसरे दिन कमरे का ताला ही नहीं खुला. हमारी सरकार में नियमित जनसुनवाई होती थी. जनता को अपना परिवाद देने का एक केंद्र मिला हुआ था. यहां तो कोई परिवेदना लेने और सुनने वाला ही नहीं है. जब मंत्री यह कहे कि वह मंत्री है ही नहीं तो जनता किसके पास जाए. आज कोई विधायक, मंत्री और खुद मुख्यमंत्री भी यह दावा नहीं कर सकते हैं कि वह लोगों का जायज काम करवा देंगे.
सह प्रभारी दावेदारों पर लेंगे फीडबैक : उन्होंने कहा कि तीनों सह प्रभारी 19-20 अक्टूबर तक उपचुनाव वाली सीटों पर जाएंगे. वहां पर लोगों की राय लेंगे. चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों से और संगठन के लोगों से बात करेंगे. सबकी राय लेकर वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अपनी रिपोर्ट देंगे. हमारी को-ऑर्डिनेशन कमेटी और वरिष्ठ नेताओं की प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की अध्यक्षता में बैठक होगी. उसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रस्ताव आलाकमान को भेजे जाएंगे. आलाकमान जिस प्रत्याशी को टिकट देगा. वो उम्मीदवार जीतकर आएगा.
गठबंधन पर आलाकमान लेगा फैसला : उन्होंने कहा कि हमारा लोकसभा चुनाव में राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन था और नागौर की सीट हमने छोड़ी थी. हनुमान बेनीवाल नागौर से जीतकर सांसद बने. अब विधानसभा उपचुनाव में समझौता होना या नहीं होना और किसी दल के साथ समझौता होना या नहीं होना. यह सब बातें पार्टी आलाकमान तय करेगा. आलाकमान गठबंधन पर कोई फैसला लेगा तो हम उस फैसले के साथ जाएंगे. अन्यथा हमारी तैयारी है. हम चुनाव लड़ेंगे.
जिसे जनता चाहती है, वही होगा उम्मीदवार : एक सवाल के जवाब में डोटासरा ने कहा कि भाजपा के टिकिट के आधार पर हम सभी बातों को देखकर फैसला लेंगे. उम्मीदवार ऐसा होगा. जिसे जनता चाहती है. जो जनता के बीच में रहता है और जिसके लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता यह कहता है कि यह जीतेगा. वहीं, कांग्रेस का उम्मीदवार होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास हरियाणा की जीत के अलावा बताने को कुछ नहीं है. हरियाणा के नतीजों से भाजपा राजस्थान में उपचुनाव जीतने के सपने देख रही है. हरियाणा का चुनाव अलग था. यहां का चुनाव अलग है. यहां पर भाजपा की सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है. यहां हमारा संगठन मजबूत है. नेताओं में एकजुटता है. छोटे से लेकर बड़ा हर नेता एकजुट होकर बंद मुट्ठी के रूप में काम कर रहा है. यहां भाजपा को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए.
गहलोत-पायलट को लेकर कही यह बात : पायलट और गहलोत को मुंबई चुनाव की जिम्मेदारी देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों ही हमारे वरिष्ठ नेता हैं. वे वहां की जिम्मेदारी भी निभाएंगे और यहां भी. वे पूरे हिंदुस्तान में भी काम करेंगे और राजस्थान में भी काम करेंगे. हम सब मिलकर भाजपा का सूपड़ा साफ करेंगे. पैंथर के लगातार बढ़ते हमलों पर उन्होंने कहा कि 9-10 लोगों की जान चली गई. यह सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि उस पर कोई चर्चा ही नहीं. हमारी सरकार के समय टाइगर के अटैक के मामले सामने आए थे. तब हमने पीड़ितों को मुआवजा दिया था, लेकिन यह सरकार कुछ नहीं कर रही है.