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डोटासरा बोले- मोदी के डर से नहीं दिया डॉ. कमला को राजकीय सम्मान, संघ ने पीएम से किया किनारा - Dotasara Big Attack On BJP

Dotasara Big Attack On BJP, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से नहीं करने और ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने के दौरान ग्रामीणों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर प्रदेश की भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भाजपा और आरएसएस ने किनारा कर लिया है.

Dotasara Big Attack On BJP
संघ ने पीएम से किया किनारा (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 17, 2024, 4:53 PM IST

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं करने और ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान पुलिस द्वारा ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार के मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य की भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ओडवाड़ा मामले में कांग्रेस की चार सदस्यों की एक कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी. उसके आधार पर इस मामले में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा से सवाल पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डर से पूर्व राज्यपाल और स्वतंत्रता सेनानी डॉ. कमला को राजकीय सम्मान नहीं दिया गया या फिर उनसे बड़ी चूक हुई है.

सीएम पर डोटासरा का बड़ा हमला : उन्होंने कहा कि गुजरात की राज्यपाल रहते डॉ. कमला ने कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया था. इसीलिए उनका दूसरे राज्यों में तबादला किया गया था. डोटासरा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि डॉ. कमला बेनीवाल 11 साल की उम्र में देश की आजादी के लिए चलाए गए आंदोलन में शामिल हुई थी. मंत्री और उप मुख्यमंत्री बनी. गुजरात के साथ ही दो अन्य राज्यों की राज्यपाल भी रही. ऐसी महिला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया गया. यह राजस्थान सरकार की बड़ी भूल है.

इसे भी पढ़ें - पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला की देह पंचतत्व में विलीन, राहुल गांधी ने जताई संवेदना, सीएम भजनलाल, पीसीसी चीफ डोटासरा ने दी पुष्पांजलि - Kamla Beniwal Passed Away

डॉ. कमला को राजकीय सम्मान देने में कहां दिक्कत : डोटासरा ने कहा कि हमारे राजस्थान की परंपरा रही है. पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत को राजकीय सम्मान दिया गया. उनके स्मारक के लिए निशुल्क जमीन दी गई. पंडित नवल किशोर शर्मा भी गुजरात के राज्यपाल रहे. उनको भी राजकीय सम्मान दिया गया तो फिर कमला बेनीवाल को राजकीय सम्मान देने में दिक्कत कहां आई. बकौल डोटासरा, कलेक्टर ने उन्हें बताया कि पूर्व राज्यपाल के तौर पर राजकीय सम्मान देने का निर्णय सरकार को करना था और उन्होंने इस बारे में समय रहते जानकारी भी दी थी. सीएम खुद पुष्पांजलि देने गए थे. फिर भी राजकीय सम्मान नहीं दिया गया. यह राजनीतिक परिपक्वता नहीं है.

मोदी से विवाद रहा था चर्चा में : डोटासरा ने कहा कि सीएम को किसी ने सलाह दी होगी कि डॉ. कमला को राजकीय सम्मान दिया तो पीएम मोदी नाराज हो जाएंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने (कमल बेनीवाल) ने राज्यपाल रहते उसूलों से समझौता नहीं किया था. हालांकि, बाद में उनका स्थानांतरण कर दिया गया था और उन्हें दूसरी जगह भेजा गया. नरेंद्र मोदी से उनका विवाद काफी चर्चा में रहा था तो क्या मुख्यमंत्री (भजनलाल शर्मा) मोदी से डर गए ? यह बड़ा प्रश्न है. उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. कमला की याद को चिर स्थाई रखने का कोई फैसला लेकर सरकार पश्चाताप कर सकती है.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान की पहली उप मुख्यमंत्री कमला बेनीवाल का निधन - Kamla Beniwal Passed Away

ओडवाड़ा में भाजपा सरकार ने अंग्रेजों जैसा जुल्म किया : जालोर के ओडवाड़ा गांव की घटना का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि जालोर में ओरण की जमीन खाली करवाने के लिए जैसा जुल्म किया गया ऐसा तो अंग्रेज भी नहीं करते थे. हमने चार लोगों की कमेटी बनाई है. काफी समय से यह विवाद था. हमारी सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात कहने का निर्णय लिया था. राजस्थान की सरकार ने चुनाव की आड़ में 300- 400 परिवार को उजाड़ दिया. जैसे अंग्रेज आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हमारे लोगों पर जुल्म करते थे. वैसे ही भाजपा सरकार जुल्म कर रही है.

ये समस्या तो हजारों गांवों में है : गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हजारों राजस्व गांवों में इस तरीके की समस्या है. चारागाह में, जोहड़ में, बंजर में और तालाब की जमीन पर लोग बसे हुए हैं. वन भूमि में हजारों-लाखों परिवार बसे हुए हैं. क्या इसी तरह का बर्ताव यह राजस्थान की सरकार करेगी. यह पॉलिटिकल विजन की कमी है, सोच की कमी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सलाह देने वाले लोगों व अफसरों में मानवीय दृष्टिकोण नहीं है. किसी ने यह नहीं सोचा कि इस तपती गर्मी में 400 घरों के लोग कहां जाएंगे.

इसे भी पढ़ें - ओडवाड़ा गांव अतिक्रमण प्रकरण : महिलाओं से बदसलूकी पर राज्य महिला आयोग सख्त, जांच के लिए बनाई कमेटी - Encroachment Case In Odwada

मोदी-शाह से संगठन ने किया किनारा : डोटासरा ने कहा कि वे इंडिया गठबंधन की बात करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से भाजपा और आरएसएस ने जरूर किनारा कर लिया है. आरएसएस को मनाने के लिए प्रधानमंत्री नागपुर जाकर रात बिताते हैं. बड़े पदाधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आते. नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री का संवाद नहीं हो रहा है. पियूष गोयल भी ऐसे ही बयान दे रहे हैं. पीएम मोदी और अमित शाह से भाजपा और एनडीए के घटक दलों ने किनारा कर लिया है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं करने और ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान पुलिस द्वारा ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार के मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य की भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ओडवाड़ा मामले में कांग्रेस की चार सदस्यों की एक कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी. उसके आधार पर इस मामले में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा से सवाल पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डर से पूर्व राज्यपाल और स्वतंत्रता सेनानी डॉ. कमला को राजकीय सम्मान नहीं दिया गया या फिर उनसे बड़ी चूक हुई है.

सीएम पर डोटासरा का बड़ा हमला : उन्होंने कहा कि गुजरात की राज्यपाल रहते डॉ. कमला ने कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया था. इसीलिए उनका दूसरे राज्यों में तबादला किया गया था. डोटासरा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि डॉ. कमला बेनीवाल 11 साल की उम्र में देश की आजादी के लिए चलाए गए आंदोलन में शामिल हुई थी. मंत्री और उप मुख्यमंत्री बनी. गुजरात के साथ ही दो अन्य राज्यों की राज्यपाल भी रही. ऐसी महिला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया गया. यह राजस्थान सरकार की बड़ी भूल है.

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डॉ. कमला को राजकीय सम्मान देने में कहां दिक्कत : डोटासरा ने कहा कि हमारे राजस्थान की परंपरा रही है. पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत को राजकीय सम्मान दिया गया. उनके स्मारक के लिए निशुल्क जमीन दी गई. पंडित नवल किशोर शर्मा भी गुजरात के राज्यपाल रहे. उनको भी राजकीय सम्मान दिया गया तो फिर कमला बेनीवाल को राजकीय सम्मान देने में दिक्कत कहां आई. बकौल डोटासरा, कलेक्टर ने उन्हें बताया कि पूर्व राज्यपाल के तौर पर राजकीय सम्मान देने का निर्णय सरकार को करना था और उन्होंने इस बारे में समय रहते जानकारी भी दी थी. सीएम खुद पुष्पांजलि देने गए थे. फिर भी राजकीय सम्मान नहीं दिया गया. यह राजनीतिक परिपक्वता नहीं है.

मोदी से विवाद रहा था चर्चा में : डोटासरा ने कहा कि सीएम को किसी ने सलाह दी होगी कि डॉ. कमला को राजकीय सम्मान दिया तो पीएम मोदी नाराज हो जाएंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने (कमल बेनीवाल) ने राज्यपाल रहते उसूलों से समझौता नहीं किया था. हालांकि, बाद में उनका स्थानांतरण कर दिया गया था और उन्हें दूसरी जगह भेजा गया. नरेंद्र मोदी से उनका विवाद काफी चर्चा में रहा था तो क्या मुख्यमंत्री (भजनलाल शर्मा) मोदी से डर गए ? यह बड़ा प्रश्न है. उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. कमला की याद को चिर स्थाई रखने का कोई फैसला लेकर सरकार पश्चाताप कर सकती है.

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ओडवाड़ा में भाजपा सरकार ने अंग्रेजों जैसा जुल्म किया : जालोर के ओडवाड़ा गांव की घटना का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि जालोर में ओरण की जमीन खाली करवाने के लिए जैसा जुल्म किया गया ऐसा तो अंग्रेज भी नहीं करते थे. हमने चार लोगों की कमेटी बनाई है. काफी समय से यह विवाद था. हमारी सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात कहने का निर्णय लिया था. राजस्थान की सरकार ने चुनाव की आड़ में 300- 400 परिवार को उजाड़ दिया. जैसे अंग्रेज आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हमारे लोगों पर जुल्म करते थे. वैसे ही भाजपा सरकार जुल्म कर रही है.

ये समस्या तो हजारों गांवों में है : गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हजारों राजस्व गांवों में इस तरीके की समस्या है. चारागाह में, जोहड़ में, बंजर में और तालाब की जमीन पर लोग बसे हुए हैं. वन भूमि में हजारों-लाखों परिवार बसे हुए हैं. क्या इसी तरह का बर्ताव यह राजस्थान की सरकार करेगी. यह पॉलिटिकल विजन की कमी है, सोच की कमी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सलाह देने वाले लोगों व अफसरों में मानवीय दृष्टिकोण नहीं है. किसी ने यह नहीं सोचा कि इस तपती गर्मी में 400 घरों के लोग कहां जाएंगे.

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मोदी-शाह से संगठन ने किया किनारा : डोटासरा ने कहा कि वे इंडिया गठबंधन की बात करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से भाजपा और आरएसएस ने जरूर किनारा कर लिया है. आरएसएस को मनाने के लिए प्रधानमंत्री नागपुर जाकर रात बिताते हैं. बड़े पदाधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आते. नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री का संवाद नहीं हो रहा है. पियूष गोयल भी ऐसे ही बयान दे रहे हैं. पीएम मोदी और अमित शाह से भाजपा और एनडीए के घटक दलों ने किनारा कर लिया है.

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