हजारीबाग: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय में 'जनजातीय अध्ययन केंद्र' के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया. यह झारखंड का पहला और देश का दूसरा ट्राइबल स्टडीज सेंटर है. जहां आदिवासी सभ्यता और संस्कृति का अध्ययन और उससे जुड़े शोध होंगे.
उद्घाटन समारोह के दौरान राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय विषयों के अध्ययन के लिए यह मिल का पत्थर साबित होगा. जहां राज्य के कोने-कोने से छात्र आकर अध्ययन और शोध करेंगे. विनोबा भावे विश्वविद्यालय में स्थापित जनजातीय अध्ययन केंद्र झारखंड के आदिवासियों के जीवन और दर्शन के अध्ययन और अनुसंधान को नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा. झारखंड राज्य में लगभग एक चौथाई आबादी आदिवासियों की है. ये लोग बहुत विकसित नहीं हैं. वे एकांत में स्वच्छ जीवन जीते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा इन्हें झारखंडी समाज के केंद्र में स्थापित करने की है. उनकी ऐतिहासिक विरासत और पारंपरिक संस्कृति को संरक्षित करने की जरूरत है, अन्यथा यह धीरे-धीरे लुप्त हो सकता हैं
सांसद ने बताया खुशी का पल: सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि जनजातीय अध्ययन केंद्र के निर्माण में कई लोगों की अहम भूमिका रही है. जिसमें परिमल नाथ वानी, विश्वविद्यालय प्रबंधन, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं. झारखंड का बेटा होने के नाते मेरे लिए यह बहुत खुशी का पल है. झारखंड अपनी प्राचीन कला, नृत्य शैली, संस्कृति के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. झारखंड का बेटा होने के नाते, मैं राज्य की सांस्कृतिक विविधता का अध्ययन करना चाहता था. यह झारखंड का पहला जनजातीय अध्ययन केंद्र है. इस सेंटर में आप एक ही छत के नीचे भाषा, नृत्य और कला की पढ़ाई कर सकेंगे.
साथ ही सांसद ने मंच से मांग की है कि पद्मश्री बुलु इमाम अपने म्यूजियम की अमूल विरासत को ट्राइबल स्टडी सेंटर में दान करें. ताकि इस केंद्र में एक संग्रहालय बनाया जा सके. उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अगले चुनाव में आम जनता का आशीर्वाद मिला तो कई अन्य धरोहरें स्थापित की जाएंगी. उन्होंने विश्वविद्यालय में कैफेटेरिया बनाने पर भी जोर दिया. जहां शोधकर्ता बैठकर काम कर सकेंगे.
'राज्यपाल ने दी हजारीबाग की जनता को बड़ी सौगात': हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने भी कहा कि 19 जनवरी 2024 का दिन छात्रों को पता होगा. जहां राज्यपाल ने हजारीबाग की जनता को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने कहा कि सांसद ने काफी विकास कार्य किये हैं. अगर कोई व्यक्तिगत रूप से हजारीबाग का निवासी होने के नाते पूछे कि सबसे अच्छा काम कौन सा है, तो जवाब होगा अक्षय पात्र. उन्होंने कहा कि झारखंड विविधताओं का राज्य है. हर जिले में कुछ न कुछ अलग है. अब हजारीबाग में परंपरा और धरोहर का अध्ययन होगा जो मिल का पत्थर साबित होगा. आने वाले दिनों में सेंटर इतिहास रचेगा और छात्रों को शोध करने का मौका मिलेगा.