लखनऊ : सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का अब सिर्फ एक क्लिक पर पूरा ब्यौरा डॉक्टर के सामने होगा. मरीज को भी इलाज से संबंधित दस्तावेज अलग से रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अस्पतालों में पेपरलेस व्यवस्था शुरू होने जा रही है. पहले क्रम में शहर के पांच अस्पतालों को शामिल किया गया है.
शहर के पांच अस्पताल शामिल : स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक, शहर के सरकारी अस्पताल अब कॉरपोरेट अस्पतालों की तरह ही हाईटेक होंगे. मरीजों का पूरा ब्योरा अब सिर्फ एक क्लिक पर ही डॉक्टरों के सामने होगा. इससे इलाज और बेहतर ढंग से किया जा सकेगा. शुरुआती क्रम में शहर के पांच अस्पताल लोकबंधु, बलरामपुर, वीरांगना अवंतीबाई, झलकारीबाई और महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल (बीआरडी) को शामिल किया गया.
ऐसे काम करेगा पूरा सिस्टम : स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक, अस्पताल में पर्चा काउंटर, डॉक्टर, पैथोलॉजी लैब, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, दवा काउंटर आदि सभी महत्वपूर्ण जगहों को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा. इसके लिए शासन की ओर से पांच करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है. मरीज को काउंटर पर सिर्फ एक टोकन नंबर जारी कर दिया जाएगा. डॉक्टर के पास जाने पर सिर्फ टोकन नंबर बताना होगा. कम्प्यूटर पर नंबर डालते ही मरीज का पूरा ब्यौरा स्क्रीन पर आ जाएगा. डॉक्टर दवा और जांच संबंधित जानकारी भी ऑनलाइन दर्ज करेंगे. इसके बाद मरीज हर जगह पर सिर्फ टोकन नंबर बता कर जांच कराने के साथ ही दवा भी ले सकेगा. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार नई व्यवस्था लागू की जा रही है. बजट मिलने के बाद कम्प्यूटर खरीदने सहित अन्य प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी.
इन दिक्कतों का करना पड़ेगा सामना : इस व्यवस्था को लागू करने में डॉक्टरों को कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ेगा. डॉक्टरों का कहना है कि कॉरपोरेट जगत के अस्पतालों में मरीजों की संख्या सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा कम रही है. इससे यह व्यवस्था लागू करना आसान हो जाता है. जबकि, सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या हजारों में होती है. सभी का इलाज, जांच और दवा का ब्यौरा एक सीमित समय में ऑनलाइन अपलोड करना आसान नहीं होगा.
मरीजों को नहीं होना पड़ेगा परेशान : आमतौर पर कोई भी मरीज जांच के लिए अस्पताल में जाते हैं. अपना सैंपल देते हैं. उसके बाद दोपहर बाद रिपोर्ट लेने के लिए दोबारा अस्पताल पहुंचते हैं. इसके अलावा रिपोर्ट को अगली ओपीडी में चिकित्सक को दिखाना होता है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि मरीज जल्दबाजी में अपनी रिपोर्ट लेना ही भूल जाते हैं. ऐसे में मरीज को परेशान होना पड़ता है. इधर-उधर चक्कर लगाने पड़ते हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक, अब अस्पताल के सिस्टम पर मरीज के जांच की सारी रिपोर्ट होगी. इस दौरान मरीज को एक टोकन नंबर दिया जाएगा. मरीज के टोकन नंबर को डालते ही मरीज की सारी रिपोर्ट डॉक्टर के सिस्टम पर सामने आ जाएगी.
मरीज बोले- घंटों लाइन में लगना पड़ता है : ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान हजरतगंज की रहने वाली वैशाली ने कहा कि सरकार के द्वारा यह बहुत अच्छी पहल की जा रही है. अस्पताल में अगर इस तरह की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी तो मरीजों को इधर से उधर भागना नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आज ही अस्पताल में रिपोर्ट लेने के लिए आए हुए हैं, लेकिन इतनी लंबी लाइन में लगकर रिपोर्ट लेना पड़ रहा है. पिछले दो घंटे से लाइन में लगे हुए हैं. अगर यह सब ऑनलाइन उपलब्ध हो जाए तो समस्याओं से निजात मिल जाएगी. वहीं एक और मरीज शैलेश चतुर्वेदी ने कहा कि ऑनलाइन रिपोर्ट मिलने की योजना अगर बन रही है तो यह बहुत अच्छी खबर है. हजारों मरीज यहां पर जो इलाज के लिए आते हैं उन्हें काफी फायदा होगा. इधर-उधर भागने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि एक मरीज एक बेहतर चिकित्सा के लिए ही अस्पताल में आता है.
स्वास्थ्य विभाग की बढ़िया पहल : सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि रोजाना अस्पताल में तीन हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. जिसमें से चार साढे़ चार सौ मरीज पैथोलॉजी में जांच के लिए सैंपल देते हैं. ऐसे में रोजाना इतने मरीजों की रिपोर्ट बनती है. स्वास्थ्य विभाग की यह बहुत बढ़िया पहल है. इसे काफी मरीज लाभान्वित होंगे. उन्हें इधर-उधर दौड़ने भागने की आवश्यकता नहीं होगी. उनके टोकन नंबर से ही उनकी सारी रिपोर्ट सिस्टम पर सामने आ जाएगी. फिलहाल अभी यह कार्य प्रगति पर है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आगे का कार्य होगा.
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